Sharad Pawar Birthday: महाराष्ट्र की राजनीति के 'भीष्म पितामह' शरद पवार का मना रहे 84वां जन्मदिन, जानिए अविश्वसनीय सियासी सफर

एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार आज यानी की 12 दिसंबर को अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने 6 दशकों से ज्यादा महाराष्ट्र से लेकर केंद्र तक की राजनीतिक पारी कामयाबी से खेली है। शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार आज यानी की 12 दिसंबर को अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने 6 दशकों से ज्यादा महाराष्ट्र से लेकर केंद्र तक की राजनीतिक पारी कामयाबी से खेली है। शरद पवार ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वह 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। पवार ने लंबे सियासी करियर में महाराष्ट्र की कृषि नीतियों और सहकारी आंदोलनों को महत्वपूर्ण रूप से आकार दिया है तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर शरद पवार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था। इनके पिता का नाम गोविंद राव था। वह नीरा कैनाल कोऑपरेटिव सोसाइटी में एक वरिष्ठ अधिकारी थे। वहीं शरद पवार की मां का नाम शारदा बाई था, जोकि वामपंथी विचारों वाली तेज तर्रार राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। शारदा बाई पुणे लोकल बोर्ड में निर्वाचित होने वाली पहली महिला थीं।
राजनीतिक करियर
शरद पवार बचपन से ही राजनीति में सक्रिय थे। स्कूल और कॉलेज के दिनों में शरद पवार ने कई छोटे-मोटे आंदोलन में हिस्सा लिया। साल 1960 में पवार के भाई वसंतराव पवार ने किसान एवं मजदूर पार्टी से चुनाव लड़ा था। जबकि शरद पवार को कांग्रेस के लिए प्रचार करना पड़ा। भले ही उनके भाई चुनाव में हार गए, लेकिन शरद पवार की छवि एक समर्पित और निष्ठावान कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में स्थापित हो गई थी।
साल 1962 में शरद पवार पुणे जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वहीं 27 साल की उम्र में साल 1967 में शरद पवार ने बारामती से महाराष्ट्र विधानसभा की सीट जीत हासिल की। उस दौरान वह अविभाजित कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन
बता दें कि शरद पवार ने 40 विधायकों के साथ मिलकर कांग्रेस का विभाजित करने का फैसला लिया। वहीं जनता पार्टी और किसान एवं मजदूर पार्टी के साथ गठबंधन करके प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन किया। यह घटना साल 1978 में घटी और इस दौरान पवार की आयु 38 साल थी। कांग्रेस सरकार के पतन के बाद शरद पवार महाराष्ट्र के सीएम बने। इस समय वह सीएम पद संभालने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। शरद पवार का कार्यकाल अल्पकालिक रहा, क्योंकि फरवरी 1980 में पवार की सरकार को सत्ता से बर्खास्त कर दिया गया था। फिर वह साल 1988, 1990 और 1993 में महाराष्ट्र के सीएम पद पर कार्यरत रहे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का जन्म
साल 1999 में शरद पवार ने NCP की स्थापना की। इस पार्टी की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान करना था। हालांकि कांग्रेस के साथ इस पार्टी के कुछ वैचारिक संबंध भी रहे होंगे। महाराष्ट्र में यह नवगठित पार्टी काफी लोकप्रिय हुई। क्योंकि इस पार्टी ने स्थानीय शासन पर ध्यान केंद्रित किया और सामाजिक न्याय के मुद्दों को भी उठाया। हालांकि इसी साल NCP और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई, क्योंकि दोनों में से कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत नहीं हासिल कर पाई थी।
फिर साल 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में शरद पवार को कृषिमंत्री का पद दिया गया। वहीं साल 2009 के आम चुनावों में जीत हासिलकर वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहे।
पवार परिवार में विरासत की लड़ाई
साल 2023 आते-आते पवार के परिवार में विरासत की लड़ाई शुरू हो गई। इसी बीच उनके भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी और वह कुछ विधायकों के साथ महायुति सरकार में शामिल हो गए। फिर शरद पवार से पार्टी का सिंबल और नाम भी छिन गया और वह भतीजे अजित पवार गुट को मिल गया। चाचा-भतीजा दोनों एनसीपी के अलग-अलग गुटों का नेतृत्व कर एक-दूसरे के आमने-सामने हैं।
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