शशि थरूर ने पार कर दी 'लक्ष्मण रेखा'... जानें क्यों उनकी ही पार्टी ने उठाए सवाल? 'ऑपरेशन सिंदूर' से है कनेक्शन

Shashi Tharoor
ANI
रेनू तिवारी । May 15 2025 10:18AM

कार्य समिति की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया, ‘‘कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और सभी को अपनी राय जाहिर करने की आजादी है, लेकिन थरूर ने इस बार लक्ष्मण रेखा लांघ दी है।’’ उनका कहना है, ‘‘आलाकमान की तरफ से हिदायत दी गई कि यह समय व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का नहीं, (बल्कि) पार्टी की राय रखने का है।

कांग्रेस सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पार्टी में सबको अपनी राय रखने की आजादी है, लेकिन लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने हालिया बयानों से ‘‘लक्ष्मण रेखा’’ लांघ दी है। फिलहाल इस संबंध में थरूर की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। सूत्रों ने यह भी कहा कि आलाकमान ने नेताओं को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के बजाय पार्टी का पक्ष रखें। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में एक वरिष्ठ नेता ने थरूर का नाम लिए बगैर पार्टी लाइन से इतर बयान दिए जाने का विषय उठाया और कहा कि नेतृत्व को इसमें दखल देना चाहिए। खुद थरूर बैठक में मौजूद थे। 

थरूर ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है: कांग्रेस सूत्र का दावा

कार्य समिति की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया, ‘‘कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और सभी को अपनी राय जाहिर करने की आजादी है, लेकिन थरूर ने इस बार लक्ष्मण रेखा लांघ दी है।’’ उनका कहना है, ‘‘आलाकमान की तरफ से हिदायत दी गई कि यह समय व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का नहीं, (बल्कि) पार्टी की राय रखने का है। हालांकि यह हिदायत देते वक्त किसी का नाम नहीं लिया गया।’’ सूत्रों ने यह भी बताया कि थरूर ने कार्य समिति की बैठक में पार्टी लाइन के मुताबिक अपनी बात रखी और कुछ ‘‘रचनात्मक सुझाव’’ भी दिए। 

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थरूर की टिप्पणी पार्टी की राय नहीं होती

बैठक के बाद थरूर के बयानों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि थरूर की टिप्पणी पार्टी की राय नहीं होती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर अपनी पार्टी से अलग रुख अपनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस इस मामले पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निरंतर सवाल पूछ रही है। दूसरी तरफ, थरूर का कहना है कि ट्रंप ‘‘किसी भी बात का श्रेय लेने के इच्छुक नेता’’ हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच गलत तुलना की और उनके द्वारा एक पीड़ित और एक अपराधी को समान बताया जाना चौंकाने वाली बात है। थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए सशस्त्र बलों के साथ सरकार की तारीफ की है।

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शशि थरूर ने क्या कहा? 

सोमवार को थरूर ने ट्रंप के इस दावे पर तीखा हमला किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मदद की है। उन्होंने इस टिप्पणी को भारत के लिए “निराशाजनक” बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप का दावा “पाकिस्तान को बातचीत का ऐसा ढांचा प्रदान करता है, जिसे उसने निश्चित रूप से अर्जित नहीं किया है” और कहा, “भारत कभी भी अपने सिर पर आतंकवादी बंदूक तानकर बातचीत नहीं करेगा।” थरूर ने यह भी चेतावनी दी कि ट्रंप द्वारा घटनाओं को इस तरह से पेश करना कश्मीर मुद्दे का “अंतर्राष्ट्रीयकरण” करता है - जिसे भारत लगातार खारिज करता रहा है - और वैश्विक चर्चा में भारत और पाकिस्तान को “फिर से एक साथ लाता है”।

ट्रंप ने कथित तौर पर व्यापार का लाभ उठाकर दोनों देशों को “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” पर सहमत होने के लिए मजबूर करके “संभावित रूप से विनाशकारी परमाणु संघर्ष” को टालने का श्रेय लिया था। 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने कई दिनों तक बढ़े तनाव के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए समझौता किया। जबकि ट्रम्प ने इसे "युद्धविराम" कहा, भारत सरकार ने सावधानीपूर्वक इस शब्द का प्रयोग करने से परहेज किया, तथा स्पष्ट किया कि यह केवल गोलीबारी रोकने के लिए एक समझौता था, जबकि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।

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