बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक का नाम सावरकर के नाम पर रखा जाएगा : Shinde

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सावरकर की जयंती पर नयी दिल्ली में अपने संबोधन में शिंदे ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अपने स्वार्थ के लिए सावरकर को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को डर है कि अगर सावरकर के विचार समाज में लोकप्रिय हो गए, तो उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि मुंबई के पश्चिमी हिस्से में निर्माणाधीन बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक का नाम हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। शिंदे ने यह भी कहा कि केंद्र की तर्ज पर राज्य स्तर पर दिए जाने वीरता पुरस्कार का नाम भी सावरकर के नाम पर पर रखा जाएगा। सावरकर की जयंती पर नयी दिल्ली में अपने संबोधन में शिंदे ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अपने स्वार्थ के लिए सावरकर को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को डर है कि अगर सावरकर के विचार समाज में लोकप्रिय हो गए, तो उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी।

शिंदे ने कहा कि यह पहली बार है, जब वहां राज्य सरकार द्वारा निर्मित महाराष्ट्र सदन में सावरकर की जयंती मनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “सावरकर के आलोचक जानते हैं कि अगर उनके विचार समाज में लोकप्रिय हो गए, तो उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी। अंदाजा लगाइए कि वे कितने भयभीत हैं कि सावरकर की मौत के 57 साल बाद भी वे उनका विरोध कर रहे हैं।” 28 मई 1883 को नासिक जिले में पैदा हुए सावरकर का 26 फरवरी 1966 को निधन हो गया था। शिंदे ने कहा, “निर्माणाधीन बांद्रा-वर्सोवा सीलिंक का नाम स्वतंत्र्यवीर सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कारों की स्थापना करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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