मोदी-फडणवीस तानाशाह, आपातकाल के खिलाफ शोर तमाशा: शिवसेना

Shiv Sena Calls PM Modi, CM Fadnavis Dictators
[email protected] । Jun 29 2018 7:50PM

केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की नानर रिफाइनरी परियोजना के लिये आलोचना करते हुए शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को तानाशाह बताया।

मुंबई। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की नानर रिफाइनरी परियोजना के लिये आलोचना करते हुए शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को तानाशाह बताया और दावा किया कि उनके द्वारा आपातकाल के खिलाफ मचाया जा रहा शोर महज तमाशा है। पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना ने यह भी कहा कि 44 अरब डॉलर की लागत से महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के नानर में विशाल रिफाइनरी परियोजना की नींव डालना कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखने सरीखा है।

इसमें आरोप लगाया गया है, ‘इस जहरीली परियोजना की वजह से लोग कैंसर, तपेदिक और सीने से संबंधित अन्य बीमारियों से पीड़ित होंगे। अगर यह परियोजना आपत्ति के बावजूद लोगों पर थोपी जा रही है तो यह आपातकाल सरीखा है।’ संपादकीय में आरोप लगाया गया है, ‘प्रधानमंत्री मोदी को केंद्र और राज्य स्तर पर पर्यावरण मंत्रालय बंद कर देना चाहिये। जहां प्रकृति प्रेमी पर्यावरण के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं, वहीं केंद्र जहरीली परियोजना के साथ आ रहा है, जो इसे नष्ट कर देगा।’

संपादकीय में कहा गया है कि नानर रिफाइनरी परियोजना से इलाके की पारिस्थितिकी और फसलों को नुकसान पहुंचेगा। संपादकीय में कहा गया है, ‘मोदी-फडणवीस तानाशाही कर रहे हैं। अगर वे तानाशाह बनना चाहते हैं तो 43 साल पहले लगाए गए आपातकाल के खिलाफ उनके द्वारा मचाया जा रहा शोर महज तमाशा है।’ इसमें कहा गया है, ‘जैसे हिटलर ने लाखों यहूदियों की हत्या की और हिंसा की, यह नानर परियोजना लोगों की उनके घरों में हत्या करने और गैस चैंबर में फंसाकर उनके जमीन को नुकसान पहुंचाने की साजिश है।’

इसमें कहा गया है कि फडणवीस ने प्रतिबद्धता जताई थी कि परियोजना इलाके के लोगों पर थोपी नहीं जाएगी और वहां पंचायत के लोगों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के समक्ष पहले ही अपना विरोध दर्ज कराया था। इसमें कहा गया है, ‘अगर लोकतंत्र में बहुमत की इच्छा का सम्मान नहीं किया जाएगा तो यह तानाशाही की तरह है।’ इसमें कहा गया है, ‘पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली में बैठकर समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं और बाद में समर्थन के लिये मुंबई आते हैं। यह विश्वासघात है।’

मोदी की जान को कथित तौर पर खतरा होने के बारे में बात करते हुए शिवसेना ने कहा कि उनसे मिलने वालों पर सख्त दिशा-निर्देश थोपे जा रहे हैं। नानर के लोगों के साथ कीड़े-मकोड़े जैसा बर्ताव किया जा रहा है। शिवसेना ने कहा, ‘लोकतंत्र में अगर लोग मरते हैं तो ठीक है, लेकिन राजा जीवित रहना चाहिये। हमारे जवान और किसान मर रहे हैं। ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा मर रहा है।’

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