भारत के इस ऐतिहासिक मंदिर के गेट पर जड़ा हुआ है 125 ग्राम सोना, जानिए कहां है यह भव्य Temple
तेंलगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी शामिल हो सकते हैं। मंदिर के खुलने का शूभ मुहूर्त केसीआर के आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी ने निकाला है। मंदिर फिर से खुले इसके लिए सबसे पहले महा सुदर्शन यज्ञ किया जाएगा।इसके लिए सौ एकड़ की एक यज्ञ वाटिका बनाई गई है जिसमें 1048 यज्ञ कुंडल हैं।
तेंलगाना का श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर का लोकार्पण हो रहा है। पुनर्निर्माण के बाद इस मंदिर को दोबोरा खोला जा रहा है। इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि, इस मंदिर के पुनर्निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए इस मंदिर को खोलने से पहले बड़े स्तर पर अनुष्ठान, यज्ञ आदि किए जा रहे हैं। इसमें तेंलगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव भी शामिल हो सकते हैं। मंदिर के खुलने का शूभ मुहूर्त केसीआर के आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी ने निकाला है। मंदिर फिर से खुले इसके लिए सबसे पहले महा सुदर्शन यज्ञ किया जाएगा।
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इसके लिए सौ एकड़ की एक यज्ञ वाटिका बनाई गई है जिसमें 1048 यज्ञ कुंडल हैं। इस अनुष्ठानों के लिए हजारों पंडित अपने सहायकों के साथ मौजुद होंगे। इस मंदिर का परिसर 14.5 एकड़ में फैला हुआ है जिसका पुनर्निर्माण साल 2016 में शुरू हुआ था। इस मंदिर की परियोजना 2500 एकड़ में फैली हुई है। बता दें कि, इस मंदिर की खास बात यह है कि, इसके पुनर्निर्माण में सीमेंट की जगह 2.5 लाख टन ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। यह ग्रेनाइट आंध्र प्रदेश से लाया गया है और मंदिर का प्रवेश द्वार पीतल से तैयार किया गया है जिसमें सोना भी जड़ाए गए है।
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मंदिर का विशेष द्वार ही 125 ग्राम सोने से जड़ा हुआ है। सीएम चंद्रशेखर समेत कई मंत्रियों ने भी इस मंदिर के लिए सोना दान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मंदिर में दिए गया करीब सवा किलो सोना केसीआर परिवार की ओर से दान किया गया है। इस मंदिर की डिजाइनिंग प्रसिद्ध फिल्म सेट डिजाइनर आनंद साई ने तैयार किया है।
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