मुकुल रॉय को पीएसी अध्यक्ष बनाए जाने के मुद्दे पर शुभेंदु अधिकारी ने की लोकसभा अध्यक्ष से बात, कहा- लोकतांत्रिक मानदंडों का हो रहा घोर उल्लंघन

Shubhendu Adhikari
अभिनय आकाश । Jul 13 2021 7:21PM

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में संसदीय प्रणाली का राजनीतिकरण कैसे किया जा रहा है और विपक्ष को उनके उचित अधिकारों से कैसे वंचित किया जा रहा है, इसकी प्रतियां (पत्र की) हम कल से केंद्र नीत सभी राज्यों के नेताओं को भेजेंगे।

बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर फिर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले मुकुल रॉय को ममता बनर्जी द्वारा लोक लेखा समिति (पीएसी) अध्यक्ष बनाए जाने का मुद्दा धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। ममता सरकार के फैसले के खिलाफ पहले तो भाजपा विधायकों ने राज्यपाल से शिकायत की है। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष से भी बात की गई है, जिसकी जानकारी देते हुए  बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ टेलीफोन पर चर्चा की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में संसदीय प्रणाली का राजनीतिकरण कैसे किया जा रहा है और विपक्ष को उनके उचित अधिकारों से कैसे वंचित किया जा रहा है, इसकी प्रतियां (पत्र की) हम कल से केंद्र नीत सभी राज्यों के नेताओं को भेजेंगे। इससे पहले भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात की। 

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मुलाकात के बाद इसकी जानकारी देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जिस तरह से पब्लिक अकाउंट कमेटी का चेयरमैन भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल हुए मुकुल रॉय को बनाया गया, इसमें पश्चिम बंगाल विधानसभा के नियम 302 का उल्लंघन हुआ है। शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में, मिहिर गोस्वामी, भीष्म प्रसाद शर्मा और तिग्गा सहित आठ विधायक बाद में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ‘‘सत्तारूढ़ दल द्वारा लोकतांत्रिक मानदंडों के घोर उल्लंघन’’ से अवगत कराने के लिए राजभवन गये। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रॉय की पदोन्नति पर आपत्ति जताते हुए तर्क दिया कि विधायक, जो पिछले महीने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में चले गए थे, उन्हें भाजपा का विधायक नहीं माना जा सकता। परिपाटी के अनुसार, मुख्य विपक्षी दल केविधायक को पीएसी अध्यक्ष बनाया जाता है, और रॉय ने पार्टी बदलने के बावजूद सदन में भाजपा विधायक के रूप में पद नहीं छोड़ा है। 

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