सिद्धारमैया का विवादित बयान: हिंदू धर्म में समानता होती तो धर्मांतरण क्यों होता?

Siddaramaiah
ANI
अंकित सिंह । Sep 15 2025 4:46PM

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने धर्मांतरण पर टिप्पणी कर राजनीतिक विवाद छेड़ दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में समानता होती तो कोई धर्म परिवर्तन क्यों करता, इसे अस्पृश्यता से जोड़ा। भाजपा ने उनके बयान को हिंदुओं को निशाना बनाने और समाज को बांटने का प्रयास बताया, जिससे प्रदेश में सियासी घमासान तेज हो गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने धर्मांतरण पर अपनी टिप्पणी के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे हिंदू समुदाय में समानता होती, तो कोई धर्म परिवर्तन क्यों करता? उन्होंने आगे कहा कि अगर समानता होती, तो अस्पृश्यता क्यों अस्तित्व में आई? क्या हमने अस्पृश्यता पैदा की है? इस्लाम, ईसाई धर्म या किसी भी धर्म में असमानताएँ हो सकती हैं। न तो हमने और न ही भाजपा ने किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा, लेकिन लोग धर्म परिवर्तन करते हैं और यह उनका अधिकार है।

इसे भी पढ़ें: वाल्मीकि विकास निगम घोटाले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री के परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी

विपक्ष ने इस मुद्दे को लपक लिया है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर हिंदुओं को निशाना बनाने और जाति व धर्म के आधार पर लोगों को बाँटने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धारमैया के बयान पर पलटवार किया है। अशोक ने सिद्धारमैया को मुसलमानों से समानता के मुद्दे पर सवाल उठाने की चुनौती दी। इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सेंट मैरी के नाम पर रखने के प्रस्ताव को स्वीकार करके विवाद खड़ा कर दिया था। 

इसे भी पढ़ें: कर्नाटक के भटकल में मवेशियों के अवशेष मिले, पुलिस जांच जारी

सेंट मैरी बेसिलिका में वार्षिक भोज में बोलते हुए, सिद्धारमैया ने आर्कबिशप पीटर मचाडो से शिवाजीनगर मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी के नाम पर रखने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और अनुरोध पर उचित प्रक्रियाओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। भाजपा ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए मराठा प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे शिवाजी महाराज का अपमान बताया है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़