वाल्मीकि विकास निगम घोटाले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री के परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी

बैंक ऋण धोखाधड़ी के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन जांच के दौरान सीबीआई ने कुछ रिकॉर्ड एकत्र किए, जिनसे पता चला कि कथित तौर पर मंत्री की बहन और अन्य रिश्तेदार के खातों में धनराशि स्थानांतरित की गई थी।
सीबीआई ने वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम ‘घोटाले’ के सिलसिले में सोमवार को कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र के परिसरों के साथ ही राज्य तथा आंध्र प्रदेश में 15 अन्य स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
इस मामले में आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए निर्धारित धनराशि के गबन के गंभीर आरोप शामिल हैं। वर्ष 2006 में स्थापित, कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) विकास निगम की स्थापना राज्य में एसटी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से विकासात्मक योजनाओं को लागू करने के लिए की गई थी।
उन्होंने बताया कि यह मामला जून 2024 में मंत्री के खिलाफ बैंक ऋण धोखाधड़ी के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन जांच के दौरान सीबीआई ने कुछ रिकॉर्ड एकत्र किए, जिनसे पता चला कि कथित तौर पर मंत्री की बहन और अन्य रिश्तेदार के खातों में धनराशि स्थानांतरित की गई थी।
सीबीआई, जो अनियमितताओं की एक सीमा तक ही जांच कर रही थी, को जुलाई में कर्नाटक उच्च न्यायालय से पूरी जांच करने की मंजूरी मिल गई। उच्च न्यायालय ने राज्य के विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले से संबंधित सभी दस्तावेज और साक्ष्य केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया था।
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