जी-20 Jammu and Kashmir की संस्कृति, विरासत, पर्यटन प्रदर्शित करने का ऐतिहासिक अवसर: Sinha

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जी-20 पर्यटन कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक 22 से 24 मई तक ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में होने वाली है। सिन्हा ने कहा कि जी-20 के सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में जी-20 कार्यकारी समूह की बैठक यहां के लोगों के लिए अपनी संस्कृति, विरासत, पर्यटन और गर्मजोशी से भरे आतिथ्य को प्रदर्शित करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। जी-20 पर्यटन कार्यकारी समूह की तीसरी बैठक 22 से 24 मई तक ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में होने वाली है। सिन्हा ने कहा कि जी-20 के सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और दुनिया की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

सिन्हा ने कहा कि इस तरह की बैठक विश्व स्तर पर वसुधैव कुटुम्बकम के साझा दृष्टिकोण को भारी बढ़ावा देगी और जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देगी। उन्होंने इस महीने के आवाम की आवाज़ रेडियो कार्यक्रम में कहा, ‘‘बाईस मई से शुरू होने वाली जी-20 की पर्यटन कार्य समूह की तीसरी बैठक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 1.3 करोड़ नागरिकों के लिए अमूल्य संस्कृति, विरासत, पर्यटन और गर्मजोशी से भरे आतिथ्य का प्रदर्शन करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। सभी नागरिकों को आगे आना चाहिए और इस यादगार कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए।’’

उपराज्यपाल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए लोगों से सक्रिय समर्थन मांगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस अमृतकाल में एक नये, आत्मनिर्भर जम्मू-कश्मीर का निर्माण करना हमारा संकल्प है। जी-20 बैठक का यह ऐतिहासिक अवसर जम्मू-कश्मीर की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और समाज में नया उत्साह, नया विश्वास भरेगा।’’ इस बीच, भाजपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि श्रीनगर में जी-20 बैठक का आयोजन एक स्वागत-योग्य कदम है, लेकिन शीतकालीन राजधानी जम्मू में इस तरह का आयोजन नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

आजाद ने अपने दूसरे दिन डोडा जिले के विभिन्न प्रखंडों में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हालांकि जी-20 शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर प्रदान करने के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन यह जम्मू में आयोजित नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र को कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में जी-20 सदस्यों की बैठक भी आयोजित करनी चाहिए थी, ताकि क्षेत्र में अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।

पार्टी के चल रहे सदस्यता अभियान की पहली बार समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से उन्हें जमीनी स्थिति को समझने में मदद मिलती है और मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त करके खुश हूं।’’ उन्होंने कहा, समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों को क्षेत्र और धर्म से ऊपर उठकर विभाजनकारी राजनीति से दूर रहना चाहिए। आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी में कांग्रेस की तरह भाई-भतीजावाद और पक्षपात के लिए कोई जगह नहीं है।

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