सीतारमण ने पोत का किया जलावतरण, रक्षा पीएसयू से बाजार का विस्तार करने को कहा

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एक अधिकारी ने बताया कि ओपीवी को भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने का काम सौंपा जाएगा। 105 मीटर लंबे इस पोत की कमान 14 अधिकारियों का दल, चालक दल के 133 सदस्य के साथ मिलकर संभालेगा।

पणजी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों से बृहस्पतिवार को कहा कि वे विश्व को अपने उत्पादों के बाजार के तौर पर देखें। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के एक तटरक्षक अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) का जलावतरण करने के बाद वास्को में कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि केवल गोवा शिपयार्ड ही नहीं, बल्कि रक्षा में सार्वजनिक क्षेत्र का हर उपक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर के निर्माण का ध्येय रखे। आप रक्षा बलों जैसे अपने बंधे बंधाए बाजार की ओर ही नहीं देखें बल्कि दुनिया को अपने बाजार की तरह देखें। आपको इस बाजार में पहुंचकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत से ओपीवी जैसे रक्षा उत्पाद खरीदने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी रुचि है। कई विदेशी उपभोक्ताओं ने भारत से खरीदारी करने में रुचि दिखाई है।

सीतारमण ने कहा,‘‘ मैं चाहती हूं कि (रक्षा पीएसयू का) प्रबंधन और विशेषज्ञ उन बाजारों पर कब्जा करें जो आपके काम की सराहना करते हैं। यदि वे आपके काम की प्रशंसा करते हैं तो आधा काम हो जाएगा। आपको केवल जाना है और बात करनी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास खड़े होकर यह कहने का आत्मविश्वास है कि एक बाजार है और क्या सरकार वहां जाकर, उस बाजार में घुसने में हमारी मदद कर सकती है। आप और निर्माण करने की क्षमता रखते हैं। कृपया इस नजरिए को अपनाकर कहिए कि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं और हमारी इसमें मदद कीजिए।’

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम तब भी आपको समर्थन देंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल ‘मेक इन इंडिया’ का ही आह्वान नहीं किया बल्कि उन्होंने निर्यात बढ़ाने की भी अपील की है। ‘‘प्रधानमंत्री भारत को निर्माण केंद्र के रूप में देख रहे हैं।’’ तटरक्षक बल के महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने कहा कि बदल रहे सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर ओपीवी का जलावतरण आवश्यक था। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय तटरक्षक बल की मौजूदगी से प्रतिरोध एवं आश्वासन के दोहरे लक्ष्य पूरे होते है। ’’

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सिंह ने कहा कि यार्ड 1233 पोत नई पीढ़ी का ओपीवी है जो अत्याधुनिक सेंसरों और उपकरण से युक्त है। यह एक हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के संचालन में सक्षम है। गोवा शिपयार्ड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कमोडोर बी बी नागपाल ने कहा कि पोत निर्माण के आरंभ के बाद दो साल में इसका जलावतरण एक बड़ी उपलब्धि है। ‘सचेत’ पोत यार्ड द्वारा इसी प्रकार के बनाए जा रहे पांच पोतों में से पहला पोत है। पांच ओपीवी के निर्माण की परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2016 में किया था। एक अधिकारी ने बताया कि ओपीवी को भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने का काम सौंपा जाएगा। 105 मीटर लंबे इस पोत की कमान 14 अधिकारियों का दल, चालक दल के 133 सदस्य के साथ मिलकर संभालेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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