ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाई आपात बैठक

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ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक बुलाई है।संयुक्त किसान मोर्चा 41 किसान संगठनों की शीर्ष इकाई है और यह कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।

नयी दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की शीर्ष इकाई संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए बुधवार दोपहर बाद बैठक बुलाई है। मोर्चा की बैठक से पहले पंजाब के 32 संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच भी सिंघू बॉर्डर पर बैठक होगी। सिंघू बॉर्डर पिछले करीब दो महीने से किसानों के विरोध प्रदर्शन का बड़ा केंद्र रहा है। एक वरिष्ठ किसान नेता ने कहा, ‘‘संयुक्त मोर्चा की बैठक बुधवार को तीन बजे होगी और दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा होगी।’’ संयुक्त किसान मोर्चा 41 किसान संगठनों की शीर्ष इकाई है और यह कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।

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दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने परेड निरस्त कर इसमें हिस्सा लेने वाले सभी लोगों से अपील की कि वे तत्काल संबंधित प्रदर्शन स्थलों पर लौट जाएं। दिल्ली के कई हिस्सों में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस 22 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है। इस दौरान 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा करने वाले लोगों से खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया था कि कुछ ‘असमाजिक तत्व’ इस प्रदर्शन में घुस आए वरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही था। कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक झंडा भी लगा दिया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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