सोनिया गांधी का आरोप, विरोध की आवाज को दबा रही मोदी सरकार
सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों की आवाज एवं उनकी चिंताओं पर ध्यान दे। लेकिन भाजपा सरकार लोगों की आवाज का निरादर कर रही है और बल प्रयोग करके उसे दबाने का प्रयास कर रही है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है और प्रस्तावित एनआरसी के कारण नोटबंदी की तरह एक बार फिर लोगों को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।
In a democracy people have the right to raise their voice against wrong decisions & policies of the govt & register their concerns… BJP govt has shown utter disregard for people’s voices & chosen to use brute force to suppress dissent: CP Smt. Sonia Gandhi #IndiaAgainstCAA pic.twitter.com/5AKOpn76Dx
— Congress (@INCIndia) December 20, 2019
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत निर्णयों एवं नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है। सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों की आवाज एवं उनकी चिंताओं पर ध्यान दे। लेकिन भाजपा सरकार लोगों की आवाज का निरादर कर रही है और बल प्रयोग करके उसे दबाने का प्रयास कर रही है।’’उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है। सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन कानून भेदभावपूर्ण है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में हिंसक हुआ CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, कार में लगाई गई आग
इसके बाद प्रस्तावित एनआरसी के कारण नोटबंदी की तरह एक बार फिर एक-एक व्यक्ति को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से युवाओं, छात्रों और नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग पर हम गंभीर चिंता प्रकट करते हैं। संशोधित नागरिकता कानून को लेकर जारी विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं में इसको लेकर स्वत: विरोध प्रदर्शन हुए।
अन्य न्यूज़