सपा ने अपनी जेब से नहीं लगवायीं बिजली परियोजनाएं: श्रीकांत शर्मा

sp-projects-not-equipped-with-pockets-says-shrikant-sharma
[email protected] । Mar 19 2019 4:10PM

उपभोक्ताओं में बिजली बचाने के प्रति उत्पन्न जागरूकता, योजनाओं और प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा विभाग द्वारा उपभोक्ता देवो भव: के मूल मंत्र पर काम करने की वजह से यह सम्भव हुआ है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने राज्य की बिजली व्यवस्था बेहतर होने का खुद श्रेय लेने वाली सपा पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि कोई भी परियोजना किसी पार्टी या सरकार की नहीं, बल्कि राज्य की होती है और वर्तमान सरकार के बेहतरीन प्रबंधन की वजह से ही प्रदेश का विद्युत विभाग नये आयाम स्थापित कर रहा है। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पूर्व में सत्तारूढ़ रही सपा प्रदेश के बिजली संयंत्रों को अपना बताती है, मगर वे तो राज्य की सम्पत्ति हैं। सपा ने अपनी जेब से वे संयंत्र नहीं लगवाये। उन्होंने कहा कि सपा अक्सर यह इल्जाम लगाती है कि वर्तमान भाजपा सरकार ने एक भी अतिरिक्त यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया। 

दरअसल, सरकार नये संयंत्र लगाने के बजाय पहले से बन रहे संयंत्रों का काम तेजी से आगे बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। जहां तक नये संयंत्र लगाने का सवाल है तो हमारे पास उनके प्रस्तावों की भरमार है। हम भविष्य में नये बिजलीघर भी बनाएंगे। शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बेहतरीन प्रबंधन की वजह से ही गांवों और शहरों को निर्धारित रोस्टर से बिजली मिल पा रही है। आगामी एक अप्रैल से पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिजली की खपत कम हुई है और राजस्व बढ़ा है। उपभोक्ताओं में बिजली बचाने के प्रति उत्पन्न जागरूकता, योजनाओं और प्रक्रियाओं के सरलीकरण तथा विभाग द्वारा  उपभोक्ता देवो भव:  के मूल मंत्र पर काम करने की वजह से यह सम्भव हुआ है।

इसे भी पढ़ें: जमानत पर रहने वाले लोगों को ही ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान से परेशानी: भाजपा

ऊर्जा मंत्री ने अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर अपने विभाग की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2018—19में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में 30.12 प्रतिशत की समग्र वृद्धि प्राप्त की गयी है। अब यह कुल 40 फीसद हो गयी है। इसके अलावा सौभाग्य योजना के तहत गत 28 फरवरी तक 76.12 लाख घरों में बिजली के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018—19 में प्रदेश सरकार ने औसत विद्युत उत्पादन लागत में कमी लाकर लगभग 879 करोड़ रुपये की बचत हासिल की। इसके अलावा विशिष्ट कोयला खपत में भी खासी कमी लायी गयी। साथ ही औसत विद्युत विक्रय दर में कमी लाकर पिछले वित्त वर्ष के सापेक्ष वर्तमान वित्त वर्ष में दिसम्बर तक कुल 505 करोड़ रुपये सस्ती बिजली प्रदेश को दी गयी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़