कांची कामकोटि पीठ प्रमुख जयेंद्र सरस्वती को गुरु के बगल में दी जाएंगी महासमाधि

Sri Jayendra Saraswathi final journey
[email protected] । Mar 1 2018 10:59AM

कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज सुबह शंकर मठ परिसर में उनके परिजन की मौजूदगी में शुरू हुई। बता दें कि, मठ परिसर में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को उनके गुरु के बगल में ही महासमाधि दी गई।

कांचीपुरम। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज सुबह शंकर मठ परिसर में उनके परिजन की मौजूदगी में शुरू हुई। बता दें कि, मठ परिसर में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को उनके गुरु के बगल में ही महासमाधि दी गई। जयेंद्र सरस्वती अपने दौर के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे। जयेंद्र सरस्वती का कल यहां निधन हो गया था। पार्थिव देह को दफनाने की प्रकिया जिसे वृंदावन प्रवेशम कहा जाता है, अभिषेकम अथवा स्नान के साथ शुरू हुई। अभिषेकम के लिए दूध एवं शहद जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया गया।

अभिषेकम की प्रक्रिया श्री विजयेंद्र सरस्वती तथा परिजन की मौजूदगी में पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मठ के मुख्य प्रांगण में हुई। मठ के एक अधिकारी ने कहा कि जयेंद्र सरस्वती का पार्थिव शरीर बाद में वृंदावन उपभवन ले जाया जाएगा। वहीं उनके पूर्ववर्ती श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के अवशेष वर्ष 1993 में रखे गये थे। वृंदावन उपभवन में उनके पार्थिव शरीर को समाधि देने की प्रक्रिया पूर्वाह्न करीब 11 बजे सम्पन्न होने की उम्मीद है।  

 

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और इस प्रक्रिया का हिस्सा बने। कड़ी सुरक्षा के बीच सम्पन्न हो रहे अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिये भारी संख्या में श्रद्धालु एवं अनुयायी मौजूद हैं।

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