बजट के सात संकल्पों को लेकर आगे बढ़ेगी राज्य सरकार: अशोक गहलोत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार बजट में घोषित सात संकल्पों को लेकर ही आगे बढ़ेगी। ये सात संकल्प हैं-निरोगी राजस्थान, संपन्न किसान, महिला बाल व वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर छात्र युवा जवान, शिक्षा का परिधान, पानी बिजली व सड़कों का जाल,कौशल व तकनीक प्रधान।’’ वित्त वर्ष 2020 21 का बजट राज्य विधानसभा में पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने बजट में घोषित सात संकल्पों का जिक्र करते हुए कहा,‘‘ इन सात संकल्प को लेकर ही हम चलेंगे जिससे जो चाल बनी है बजट की, उसको हम पूरा कर सकें।’’
Tourism is one of the core areas in #Rajasthan’s progress. For promotion of tourism and increasing facilities in the sector, we are setting a Rs 100 crore Paryatan Vikas Kosh. Aim is to formulate Ease of Travelling in Rajasthan policy in State. #RajasthanBudget2020
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2020
उल्लेखनीय है कि बजट भाषण में गहलोत ने सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि इस बजट में कोशिश की गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य में विकास की राह बाधित नहीं हो। ये सात संकल्प हैं-निरोगी राजस्थान, संपन्न किसान, महिला बाल व वृद्ध कल्याण, सक्षम मजदूर छात्र युवा जवान, शिक्षा का परिधान, पानी बिजली व सड़कों का जाल,कौशल व तकनीक प्रधान।’’ गहलोत ने कहा,‘हमने सोच समझकर यह फैसला किया है इसी को आगे बढ़ाएंगे।’’ गहलोत ने कहा कि मिलावटखोरी व मिलावटखोरों के खिलाफ ‘शुद्ध के लिए युद्ध’अभियानबड़े रूप में शुरू होगा। उन्होंने कहा-‘हम कोशिश करेंगे कि राजस्थान में किसी की हिम्मत नहीं हो मिलावट करने की।’ उन्होंने कहा कि सरकार सड़क दुर्घटना के घायलों का निजी अस्पतालों में इलाज अनिवार्य करेगी ताकि पीड़ितों को कोई परेशानी नहीं हो और ऐसी दुर्घटनाओं में जनहानि को कम से कम किया जा सके। गहलोत ने कहा,‘ सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में निजी अस्पतालों को पाबंद किया जाएगा ... कुछ भी करना पड़े हम उन्हें पाबंद करेंगे कि सड़क दुर्घटना में घायल अगर कोई व्यक्ति आता है तो उसका इलाज शुरू किया जाए।’
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इसके साथ ही गहलोत ने मांग की कि केंद्र सरकार अपनी ‘हर घर को नल’परियोजना को राजस्थान में राज्य को विशेष दर्जा देते हुए लागू करे। गहलोत ने कहा, ‘ हर घर को नल भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। लेकिन इसमें 50 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकारों का रखा गया है। क्या राज्य सरकारों की इतनी हैसियत है? राजस्थान के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये की योजना है अगर आप 50 प्रतिशत भार राज्य पर डाल देंगे तो क्या वह पूरी हो पाएगी। पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों में आपने इसे 90:10 के अनुपात में लागू किया है तो राजस्थान को विशेष दर्जा देकर इसे उसी तरह यहां लागू करना होगा अन्यथा यह चरणों में चलती रहेगी। केंद्र सरकार पर (आर्थिक) आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह खेल भारत में पहली बार हुआ है।
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