भारतीय रेलवे ने प्राइवेट ट्रेन की ओर बढ़ाये कदम, बॉम्बार्डियर, जीएमआर, सहित 16 इच्छुक कंपनियां बैठक में शामिल

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अभिनय आकाश । Jul 22 2020 2:27PM

बैठक में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाया गया।

रेलवे ने ट्रेन सेवाओं के निजीकरण के संबंध में इच्छुक निजी कंपनियों के लिए एक प्री-बिड (बोली लगाने के पूर्व) कॉन्फ्रेंस बुलाई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इच्छुक निजी कंपनियों के अधिकारी अपने सवाल उठा सकते हैं और रेलवे आने वाले दिनों में स्पष्टीकरण के साथ उन्हें जवाब देगा। आयोजित बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया। सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों में बॉम्बार्डियर, स्पेन की सीएएफ, हवाई अड्डा कंपनी जीएमआर, भारतीय रेल की कंपनी राइट्स और सार्वजनिक उपक्रम भेल भी शामिल हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर निजी यात्री रेलगाड़ियां परिचालित की जाएंगी जिससे भारतीय रेल परिवहन क्षेत्र में नई तकनीक आने ​के साथ साथ भारतीय रेल के राजस्व में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ये 151 निजी रेलगाड़ियां उन रेलगाड़ियों के अतिरिक्त होंगी जो पहले से चल रही हैं।

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भारतीय रेल के राजस्व में होगी वृद्धि 

विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाया गया। संभावित आवेदकों से प्राप्त प्रश्नों के बारे में रेल मंत्रालय 31 जुलाई, 2020 तक लिखित उत्तर देगा। दूसरा आवेदन पूर्व सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को निर्धारित है।

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16 संभावित आवेदक, 109 जोड़ी रूट पर 151 आधुनिक ट्रेनें

रेल मंत्रालय ने कहा है कि बैठक में लगभग 16 संभावित आवेदकों के भाग लेने से उत्साहनजक प्रतिक्रिया मिली। रेल मंत्रालय ने 109 मूल गंतव्य मार्गों पर जोड़ी यात्री रेल सेवाओं के संचालन के लिए 151 आधुनिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए 12 निजी कंपनियों से योग्यता के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए की गई पहल है। 

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30000 करोड़ रुपये का होगा निवेश

इस परियोजना के माध्यम से निजी क्षेत्र से लगभग 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। उम्मीद है कि यात्री रेल परिचालन में कई परिचालकों के आने से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा जिससे सेवाएं बेहतर हो सकेंगी। यह पहल यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने में भी मदद करेगी। प्रस्तावित परियोजना के लिए निजी कंपनियों का चयन दो चरणों वाली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा जिसमें अनुरोध के लिए अर्हता (आरएफक्यू) और अनुरोध के लिए प्रस्ताव (आरएफपी) शामिल हैं। बैठक में ढुलाई भाड़े पर भी सवाल किए गए जिसपर रेल मंत्रालय ने जवाब दिया की कि ढुलाई भाड़े को अग्रिम रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा और पूरी रियायत अवधि के लिए उपयुक्त रूप से अनुक्रमित किया जाएगा, जिससे ढुलाई शुल्क में निश्चितता आएगी। रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के तहत संचालित की जाने वाली गाड़ियों को निजी संस्थाओं द्वारा लीज पर खरीदा या लिया जा सकता है। रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ट्रेनों के संचालन के संबंध में पक्षों को समान रूप से जोखिम की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।

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