Vande Bharat sleeper train का तूफानी Speed Trial, 180 kmph की रफ्तार पर भी नहीं छलका पानी का गिलास! Video

Vande Bharat sleeper train
ANI
अंकित सिंह । Dec 31 2025 6:39PM

भारतीय रेलवे ने कोटा-नागदा खंड पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफल सीआरएस हाई-स्पीड ट्रायल पूरा कर लिया है, जो स्वदेशी रेल प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। परीक्षण में ट्रेन की स्थिरता, ब्रेकिंग और सुरक्षा प्रणालियों को उच्च गति पर पूरी तरह संतोषजनक पाया गया।

भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की देखरेख में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अंतिम उच्च गति परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण कोटा-नागदा खंड पर किया गया, जिसके दौरान ट्रेन ने 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की, जो उन्नत और आत्मनिर्भर रेल प्रौद्योगिकी की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। परीक्षण के दौरान, व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किए गए, जिनमें यात्रा स्थिरता, दोलन, कंपन व्यवहार, ब्रेकिंग प्रदर्शन, आपातकालीन ब्रेकिंग प्रणाली, सुरक्षा प्रणाली और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों का आकलन शामिल था। उच्च गति पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और सीआरएस द्वारा परीक्षण को सफल घोषित किया गया।

इसे भी पढ़ें: नमो भारत कॉरिडोर की सुरक्षा में यूपी एसएसएफ को मिलेगा सीआईएसएफ का 'कवच', शुरू हुआ विशेष प्रशिक्षण

रेल, सूचना एवं प्रसारण एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर उच्च गति परीक्षण का एक वीडियो साझा किया, जिसमें कोटा-नागदा खंड पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के सफल सीआरएस परीक्षण को दर्शाया गया है। वीडियो में पानी से भरे गिलासों की स्थिरता का प्रदर्शन भी दिखाया गया, जिसमें पानी से भरे गिलास तेज गति पर भी बिना छलके स्थिर रहे। यह इस नई पीढ़ी की ट्रेन की उन्नत सवारी गुणवत्ता, बेहतर सस्पेंशन और तकनीकी मजबूती को रेखांकित करता है।

परीक्षण में इस्तेमाल की गई 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लंबी दूरी की यात्री यात्रा को ध्यान में रखकर बनाई गई है और इसमें अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं मौजूद हैं। इनमें आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि सुरक्षा और निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित निगरानी, ​​डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली और ऊर्जा-कुशल तकनीकें शामिल हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करना है।

इसे भी पढ़ें: घने कोहरे से दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, AQI 402 पहुंचा, हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' हुई, दिल्ली एयरपोर्ट ने एडवाइजरी जारी की

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में व्यापक तकनीकी प्रगति और सुरक्षा सुविधाओं के साथ-साथ कवच, क्रैशप्रूफ और जर्क-फ्री सेमी-परमानेंट कपलर और एंटी-क्लाइंबर, प्रत्येक कोच के अंत में फायर बैरियर दरवाजे, बेहतर अग्नि सुरक्षा, इलेक्ट्रिकल कैबिनेट और शौचालयों में एरोसोल-आधारित अग्नि पहचान और शमन प्रणाली, ऊर्जा दक्षता के लिए रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम, स्वदेशी रूप से विकसित यूवी-सी लैंप आधारित कीटाणुशोधन प्रणाली से लैस एयर कंडीशनिंग यूनिट, केंद्रीय रूप से नियंत्रित स्वचालित प्लग दरवाजे और पूरी तरह से सीलबंद चौड़े गलियारे, सभी कोचों में सीसीटीवी, आपात स्थिति में यात्री और ट्रेन मैनेजर/लोको पायलट के बीच संचार के लिए आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट, दिव्यांगजन यात्रियों के लिए प्रत्येक छोर पर ड्राइविंग कोच में विशेष शौचालय, एयर कंडीशनिंग, सैलून लाइटिंग आदि जैसी यात्री सुविधाओं की बेहतर स्थिति निगरानी के लिए केंद्रीकृत कोच निगरानी प्रणाली और ऊपरी बर्थ पर चढ़ने में आसानी के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई सीढ़ी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

All the updates here:

अन्य न्यूज़