पंडित जी के विरुद्ध जाकर आयरन लेडी ने किया था प्रेम विवाह, जानिए इंदिरा-फिरोज की पूरी कहानी

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इंदिरा ने अपने पिता नेहरू को फिरोज से शादी करने के अपने फैसले के बारे में जिस वक्त बताया उस समय नेहरू देहरादून जेल में थे। नेहरू ने संयम के साथ इंदिरा की बात को सुना। नेहरू इस शादी के पक्ष में नहीं थे। नेहरू ने इंदिरा को उनके कमजोर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए याद दिलाया कि डॉक्टरों ने उन्हें इतने कमजोर स्वास्थ्य के मद्देनजर प्रेग्नेंसी के खिलाफ सावधान किया था। इंदिरा नहीं मानी। नेहरू यह सुनकर हैरान रह गए। अपनी डायरी में नेहरू ने लिखा है, ‘वह इतनी अपरिपक्व थी- या शायद मुझे ऐसा लगता है- इसीलिए वह चीजों को सतही तौर पर देख पाती है। उसे उनकी गहराई में जाना चाहिए, इसमें वक्त लगेगा। मेरा ख्याल है कि उस पर दबाव ज्यादा नहीं है, वरना झटके लग सकते हैं.’

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी पिता की इच्छा के विरुद्ध जा कर गुजराती पारसी फिरोज गांधी से शादी की थी। शादी के बाद परिस्थिति कुछ ऐसी बनी की दोनों के संबंध कभी भी मधुर नही रहे। इलाहाबाद के दिनों से ही इंदिरा फिरोज एक दूसरे को जानते थे।  ब्रिटेन में रहने के दौरान दोनों में मेल जोल बढ़ा। फिरोज लंदन में स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ रहे थे।

16 साल की उम्र में ही इंदिरा ने ठुकराया फिरोज का पहला प्रपोजल

फिरोज ने इंदिरा को जब पहली बार प्रोपोज़ किया था तब इंदिरा सिर्फ 16 साल की थी। इंदिरा ने फिरोज का पहला प्रपोजल ठुकरा दिया था।  1936 में मां की मौत के बाद इंदिरा बहुत उदास रहने लगी थी। यही वो वक्त था जब दोनों में करीबी बढ़ी।

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नेहरू इंदिरा और फिरोज के रिश्ते से नहीं थे खुश

इंदिरा ने अपने पिता नेहरू को फिरोज से शादी करने के अपने फैसले के बारे में जिस वक्त बताया उस समय नेहरू देहरादून जेल में थे। नेहरू ने संयम के साथ इंदिरा की बात को सुना। नेहरू इस शादी के पक्ष में नहीं थे। नेहरू ने इंदिरा को  उनके  कमजोर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए याद दिलाया कि डॉक्टरों ने उन्हें इतने कमजोर स्वास्थ्य के मद्देनजर प्रेग्नेंसी के खिलाफ सावधान किया था। इंदिरा नहीं मानी। नेहरू यह सुनकर हैरान रह गए। अपनी डायरी में नेहरू ने लिखा है, ‘वह इतनी अपरिपक्व थी- या शायद मुझे ऐसा लगता है- इसीलिए वह चीजों को सतही तौर पर देख पाती है। उसे उनकी गहराई में जाना चाहिए, इसमें वक्त लगेगा। मेरा ख्याल है कि उस पर दबाव ज्यादा नहीं है, वरना झटके लग सकते हैं। 1942 में पिता की इच्छा के खिलाफ इंदिरा ने फिरोज से शादी कर ली। शादी के बाद जब इंदिरा राजनीति में सक्रिय होने लगीं। तो दोनों का रिश्ता कमजोर होने लगा।

क्यो आई  इंदिरा और फिरोज के रिश्ते में दूरियां

इंदिरा की बढ़ती राजनैतिक सक्रियता के बीच फिरोज ने अखबार ‘नेशनल हेरल्ड’ में  काम करना शुरू किया और इंदिरा से अलग होकर फिरोज लखनऊ में रहने लगे। जहां फिरोज एक मुस्लिम परिवार की  महिला के प्रेम में पड़ गए।  राजनैतिक गलियारों से होते हुए इंदिरा तक  भी यह खबर पहुंची। पति-पत्नी के संबंध और बिगड़ते गए। इंदिरा के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दोनों के संबंध और खराब हुए। दोनों के कई साल लड़ते-झगड़ते  गुजरे। 47 वर्ष की उम्र में फिरोज 8 दिसंबर 18960 को चल बसे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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