आतंकवाद समर्थक देशों के खिलाफ कड़े कदम जरूरीः बिम्सटेक

मोबोर। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने के भारत के प्रयासों का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय संगठन बिम्सटेक ने कहा कि इस बुराई के खिलाफ लड़ाई सिर्फ आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट या खत्म करने को लेकर नहीं होनी चाहिए बल्कि आतंकवाद का समर्थन करने तथा झूठे तरीके से अपने सदगुणों का बखान करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा हिज्बुल आतंकवादी बुरहानी वानी को ‘‘शहीद’’ बताए जाने का प्रत्यक्ष संदर्भ देते हुए बिम्सटेक ने कहा कि आतंकवादियों को शहीद बताकर उनकी प्रशंसा नहीं करनी चाहिए।
बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल के नेताओं की रविवार रात हुई बातचीत के परिणाम को विस्तृत दस्तोवज का रूप दिया गया है। उस दस्तावेज के अनुसार, उन्होंने क्षेत्र में हाल में हुए ‘‘बर्बर हमलों’’ की आलोचना की। इसे पठानकोट और उरी हमलों के संदर्भ में देखा जा रहा है। दस्तावेज में बिम्सटेक ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई सिर्फ आतंकवादियों, आतंकी संगठनों और नटवर्क को नष्ट और समाप्त करने तक नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें आतंकवाद को बढ़ावा देने, उसका समर्थन करने और वित्त पोषण करने वालों, आतंकवादियों और आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वालों तथा अपने सदगुणों का झूठा बखान करने वाले राष्ट्रों की पहचान कर उन्हें जिम्मेदार ठहराना चाहिए और उनके खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए।’’
दस्तावेज में कहा गया है कि नेताओं ने आतंकवाद से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों को शहीद बताकर उनकी प्रशंसा नहीं की जानी चाहिए। आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ और कट्टरता को फैलने से रोकने और उससे निपटने के लिए हमें त्वरित कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही है। हम अपनी कानून-व्रूवस्था लागू कराने वाली एजेंसियों, खुफिया विभागों और सुरक्षा संगठनों के बीच सहयोग तथा समन्वय को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने पर अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं।’’
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