मॉब लिंचिंग पर सुमित्रा महाजन ने कहा, हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं

Sumitra Mahajan said on mobs lynching, it is not right to politicize everything
[email protected] । Jul 24 2018 4:11PM

अध्यक्ष महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी। इसके बाद कांग्रेस, माकपा समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे।

नयी दिल्ली। मॉब लिंचिंग मामले में आज सदन में गृह मंत्री के आश्वासन और बयान के बाद भी यह मुद्दा उठाने को लेकर विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब गृह मंत्री ने इस मामले में समिति गठित करने के साथ विस्तृत बयान दिया है, ऐसे में हर चीज का राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है। विपक्षी सदस्य शून्यकाल में मॉब लिंचिंग का विषय उठाने की मांग कर रहे हैं। अध्यक्ष महाजन ने तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को बात रखने की अनुमति दी। इसके बाद कांग्रेस, माकपा समेत कई अन्य दल इस विषय को उठाने की मांग करने लगे।

इस पर महाजन ने कहा कि वह किसी को मुद्दा उठाने से मना नहीं कर रही हैं, पर रोज रोज एक ही बात कहना ठीक नहीं है। वह भी तब, जब गृह मंत्री इस बारे में बयान दे चुके हों और समिति गठित करने की बात कह चुके हों। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर सदस्य फिर भी इस विषय को उठाना चाहते हैं, तो हो जाए, एक बार सभी लोग बोल लें और फिर वह गृह मंत्री से फिर कहेंगी कि वह बयान दें। उन्होंने कहा, ‘‘हर चीज का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’

इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आसन के समीप आकर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का मुद्दा उठाने की अनुमति मांगने लगे। खड़गे कल इस विषय पर बात नहीं रखने देने का भी आरोप लगा रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी अपने स्थान से उठकर अपने नेता सुदीप बंदोपाध्याय को लिंचिंग के विषय पर बोलने देने की इजाजत मांग रहे थे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवा रही थीं और उन्होंने सभी सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि शून्यकाल में सभी को बोलने का अवसर दिया जाएगा लेकिन सदस्यों को पहले अपने स्थान पर जाना होगा। खड़गे को यह भी कहते सुना गया कि ‘‘यह भाजपा का सदन नहीं है। जनता का सदन है। लोकसभा है।’’ उनके इस बयान पर भाजपा के निशिकांत दुबे और अन्य पार्टी सदस्यों ने उनसे माफी मांगने को कहा। वामदलों के सदस्य अपने स्थानों पर हाथों में पोस्टर लेकर खड़े थे जिनमें लिखा था ‘‘त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में वामपंथी कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले बंद हों।’’ 

शून्यकाल में सभी सदस्यों को भीड़ हत्या के विषय पर बोलने की अनुमति देने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों के हंगामे पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा था कि शून्यकाल में सभी को बोलने का अवसर दूंगी। उसके बाद भी सदस्यों का इस तरह व्यवहार उचित नहीं है।’’ महाजन ने कहा, ‘‘कई सांसदों में भावना है कि पार्टियों के नेता उनका समय ले जाते हैं और उन्हें अपने क्षेत्रों के महत्वपूर्ण विषय उठाने का समय नहीं मिलता।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़