SC ने ताजमहल मुद्दे पर UP सरकार को लगाई कड़ी फटकार

Supreme Court slams Uttar Pradesh for filing draft vision document on Taj Mahal
[email protected] । Jul 26 2018 3:36PM

उच्चतम न्यायालय ने ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षण के लिये दृष्टिपत्र का मसौदा दाखिल करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया और जानना चाहा कि क्या शीर्ष अदालत को इसका अध्ययन करना है।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षण के लिये दृष्टिपत्र का मसौदा दाखिल करने पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया और जानना चाहा कि क्या शीर्ष अदालत को इसका अध्ययन करना है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगायी और इस मामले के प्रति उसकी गंभीरता पर सवाल भी किये।

पीठ ने उप्र सरकार के वकील से सवाल किया कि आपने योजना का मसौदा क्यों दिया है? क्या हमें आपके लिये इसकी जांच करनी है? क्या इसकी जांच करना हमारा काम है? शीर्ष अदालत ने कहा कि आश्चर्य है कि दृष्टिपत्र का मसौदा तैयार करते समय इस विश्व धरोहर के संरक्षण के लिये जिम्मेदार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से कोई परामर्श नहीं किया गया।

सुनवाई के दौरान पीठ ने अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से जानना चाहा कि क्या केन्द्र या संबंधित प्राधिकारियों ने ताजमहल के प्रबंधन के बारे में योजना पेरिस स्थित यूनेस्को के विश्व धरोहर केन्द्र को सौंपी है। पीठ ने कहा कि उस स्थिति में क्या होगा, यदि यूनेस्को यह कह दे कि हम ताज महल का विश्व धरोहर का दर्जा वापस ले लेंगे? इस सवाल के जवाब में अटार्नी जनरल ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और यदि इस ऐतिहासिक स्मारक का विश्व धरोहर का दर्जा वापस लिया जाता है तो यह देश के लिये बहुत ही शर्मिन्दगी वाली बात होगी।

शीर्ष अदालत ने वेणुगोपाल से यह भी जानना चाहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के किस विभाग के पास ताज ट्रैपेजियम जोन की देखभाल की जिम्मेदारी है। ताज ट्रैपेजियम जोन करीब 10,400 किलोमीटर में फैला है और इसके दायरे में उप्र के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और ऐटा तथा राजस्थान का भरतपुर जिला शामिल है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि दृष्टिपत्र का मसौदा इंटैक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज) सहित संरक्षण विशेषज्ञों के पैनल को भी उनकी टिप्पणियों के लिये सौंपा जाये। पीठ ने इस मामले को अब 28 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है। उस दिन इस मसौदे पर हुयी प्रगति पर विचार किया जायेगा।

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