SC ने नीट परीक्षा पर दिये गये के मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

Supreme Court stays Madras HC order
[email protected] । Jul 20 2018 11:44PM

उच्चतम न्यायालय ने तमिल भाषा में नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों को 196 कृपांक देने के मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के आदेश पर आज रोक लगा दी।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तमिल भाषा में नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों को 196 कृपांक देने के मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के आदेश पर आज रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने सीबीएसई की याचिका पर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही नोटिस जारी किया। पीठ ने इस मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करते हुये पक्षकारों से कहा कि वे इस स्थिति से निबटने के सुझाव दें। पीठ ने कहा, ‘‘ हम इस तरह से अंक नहीं दे सकते हैं।

पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा लगता है कि इस फैसले के बाद तमिल भाषा में परीक्षा देने वाले छात्र दूसरे छात्रों की तुलना में लाभ की स्थिति में है। उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने 10 जुलाई को सीबीएसई को आदेश दिया था कि नीट की परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का चयन करने वाले छात्रों को 49 प्रश्नों के तमिल में अनुवाद में गलतियों के सिलसिले में प्रत्येक सवाल के लिए चार अंक के हिसाब से 196 अंक प्रदान किये जायें। उच्च न्यायालय ने मार्क्सवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सदस्य टी के रंगराजन की जनहित याचिका पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया था कि इसके परिणाामस्वरूप पात्र छात्रों की सूची परिवर्तित करके नये सिरे से इसका प्रकाशन किया जाये।

याचिकाकर्ता ने इन 49 सवालों के लिये पूर्ण अंक प्रदान करने का अनुरोध करते हुये कहा था कि तमिल भाषा के सवालों में मुख्य शब्दों का अंग्रेजी से गलत अनुवाद हुआ था और इसकी वजह से छात्रों में भ्रम की स्थिति बन गयी थी। नीट की परीक्षा में 720 अंकों के कुल 180 सवाल थे। सीबीएसई ने 11 भाषाओं में 136 शहरों में छह मई को नीट परीक्षा आयोजित की थी और इसके परिणाम चार जून को घोषित हुये थे। तमिलनाडु के 10 जिलों में 170 केन्द्रों पर करीब एक लाख सात हजार छात्र परीक्षा में शामिल हुये थे। 

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