सरोजिनी नगर में झुग्गियों को हटाने के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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उच्चतम न्यायालय ने सरोजिनी नगर में झुग्गियों को गिराने के प्रस्ताव पर रोक लगाई।वैशाली ने पीठ से कहा कि हजारों लोग बिना किसी अन्य पुनर्वास योजना के बेदखल हो जाएंगे। पीठ ने कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।’’

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के सरोजिनी नगर में लगभग 200 ‘झुग्गियों’ को गिराये जाने के प्रस्ताव पर सोमवार को एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने झुग्गी निवासी बालिका वैशाली की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की दलीलों पर गौर किया। वैशाली की 10वीं की बोर्ड परीक्षा 26 अप्रैल से शुरू हो रही हैं। वैशाली ने पीठ से कहा कि हजारों लोग बिना किसी अन्य पुनर्वास योजना के बेदखल हो जाएंगे। पीठ ने कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।’’

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पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि दो मई तय की। झुग्गियों को हटाए जाने के मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक सोमवार को समाप्त हो रही थी। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को उन दलीलों पर गौर किया था कि झुग्गियों को गिराये जाने के आसन्न खतरे के मद्देनजर याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने हालांकि अधिकारियों को सुने बिना स्थगन को बढ़ाने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने चार अप्रैल को झुग्गियों के सभी निवासियों को एक सप्ताह के भीतर जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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