नोटबंदीः उच्चतम न्यायालय 23 नवंबर को करेगा सुनवाई

उच्चतम न्यायालय पांच सौ और हजार रूपए के नोट बंद करने के मामले में उच्च न्यायालयों में दायर सभी याचिकाओं के शीर्ष अदालत में स्थानांतरण के लिये केन्द्र की याचिका पर 23 नवंबर को सुनवाई के लिये आज सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड की पीठ के समक्ष अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केन्द्र की स्थानांतरण याचिका का उल्लेख करते हुये इस पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। इसके बाद न्यायालय ने इसे 23 नवंबर को सूचीबद्ध कर दिया।
रोहतगी ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार केन्द्र ने स्थानांतरण याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि बैंकों और डाकघरों के बाहर जनता की लंबी कतारें ‘गंभीर मामला’ है। न्यायालय ने केन्द्र के इस अनुरोध से असहमति व्यक्त की थी जिसमें यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि पांच सौ और एक हजार रूपए के नोटों को बंद करने संबंधी आठ नवंबर की अधिसूचना को चुनौती देने वाली किसी भी याचिका पर देश में किसी भी अदालत को विचार नहीं करना चाहिए।
न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की थी जब अटार्नी जनरल ने कहा था कि विमुद्रीकरण को चुनौती देने संबंधी सभी मामलों पर सिर्फ शीर्ष अदालत को ही सुनवाई करनी चाहिए। इस पर पीठ ने जनता की परेशानियों का संज्ञान लेते हुये टिप्पणी की थी, ‘लोग प्रभावित हो रहे हैं। जनता परेशा है। लोगों को अदालतों में जाने का अधिकार है।’’ न्यायालय ने जनता को राहत प्रदान करने के लिये किये जा रहे केन्द्र के उपायों पर भी सवाल किये थे और जानना चाहा था कि रूपए बदलने की सीमा घटाकर दो हजार रूपए क्यों की गयी। अटार्नी जनरल ने स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा था कि नये नोटों की छपाई के बाद उसे देश में हजारों केन्द्रों पर पहुंचाना होता है और एटीएम मशीनों को भी नयी मुद्रा के अनुरूप ढालना होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि एक सौ रूपए के नोट चलन में हैं और एटीएम मशीनों को पांच सौ तथा दो हजार रूपए की नयी मुद्रा के अनुरूप तैयार करना है।
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