UP के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बोले, पेट्रोल-डीजल पर लगाए वैट व सेस अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम

Suresh Khanna

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए बताया कि मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के जुलाई माह में कुल 12655.85 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि वर्ष 2020-21 के जुलाई माह में 10675.42 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

उत्तर प्रदेश के विधायी एवं न्याय, ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज अपने मध्य विधान सभा क्षेत्र लखनऊ के रानीगंज सामुदायिक केन्द्र में 64.34 लाख रूपये की लागत से 09 विकास परक विभिन्न परियोजना का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि शहर के बीच में स्थित वसीरतगंज वार्ड सर्वाधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है, यहां पर सीवर लाइन की समस्या काफी समय से थी। रक्षामंत्री एवं मा0 सांसद श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में यहां पर बड़ा प्रोजेक्ट सीवर लाइन का कार्य कराया गया है। यह सीवर लाइन 40 वर्षों से अधिक कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि मध्य विधान सभा क्षेत्र चौमुखी विकास की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है।

श्री पाठक आज रानीगंज चौराहा के समीप सामुदायिक केन्द्र में अपने विधान सभा क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण के उपरान्त एक आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य विधान सभा क्षेत्र के वसीरतगंज में सड़क, पानी, बिजली, सीवर लाइन एवं नाली-नालों की काफी समस्या एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि यहां पर आम जन-मानस की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए उनका प्राथमिकता से निस्तारण कराया गया। सीवर लाइन के अलावा सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया। इसके अलावा बिजली की समस्या एवं नाली-नालों का सफाई का कार्य निरन्तर कराया जा रहा है।

श्री पाठक ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि बरसात के दिनों में सड़कों एवं गलियों में जल भराव नहीं होना चाहिए। साफ-सफाई का कार्य नियमित रूप से कराया जाय। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो विकास सम्बंधी कार्य प्रगति पर हैं, उनको समय पर पूरा कराया जाय।

विधायी एवं न्याय मंत्री ने कहा कि वसीरतगंज चौराहे से रानीगंज सराय फाटक तक सीसी सड़क के निर्माण से आम जनता को काफी सहूलियतें मिलेंगी। वहां पर आवागमन की समस्या दूर होगी। उन्होंने नागरिकों से कहा कि उनकी जो समस्या होगी, उसका निस्तारण प्राथमिकता से कराने का प्रयास किया जायेगा।

पाठक आज वसीरतगंज वार्ड-गणेशगंज में रानीगंज चौराहे से सरायफाटक तक 24.54 लाख रूपये की लागत से सड़क का निर्माण कार्य, इसी वार्ड के अन्तर्गत 6.40 लाख रूपये की लागत से आर्य समाज रोड स्थित मरघट के सौन्दर्यीकरण का कार्य तथा इसी वार्ड में 3.65 लाख रूपये की लागत से रानीगंज में कुआं का सुधार कार्य, कैसरबाग कोतवाली स्थित सुलभ शौचालय के बगल में 24.80 लाख रूपये की लागत से शेल्टर होम का निर्माण कार्य, इसी वार्ड के अन्तर्गत पव अग्रवाल न्यू गणेशगंज पंजाबी मोहल्ला के 99 हजार रूपये की लागत से समरसेबिल एवं पम्प टंकी कार्य का लोकार्पण किया।

विधायी एवं न्याय मंत्री ने इसके अलावा वसीरतगंज वार्ड/गणेशगंज वार्ड में सोनी मार्केट के सामने गली में 99 हजार रूपये की लागत से श्री राकेश वर्मा के घर के पास समरसेबिल पम्प टंकी सहित कार्य, इसी वार्ड के अन्तर्गत अमीनाबाद रोड पर ठाकुर महारांज मंदिर के पास 99 हजार रूपये की लागत से समरसेबिल पम्प बोरिंग व पानी की टंकी लगाने का कार्य, गणेशगंज वार्ड में स्थित दुगावा पूड़ी वाली गली में 99 हजार रूपये की लागत से समरसेबिल पम्प बोरिंग व पानी की टंकी लगाने का कार्य तथा इसी वार्ड में स्थित हनी अवस्थी के घर के पास 99 हजार रूपये की लागत से समरसेबिल पम्प बोरिंग व पानी की टंकी लगाने के कार्यों का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर वसीरतगंज वार्ड के नागरिकों ने मा0 मंत्री जी का विकास कार्यों को समय से पूर्ण कराने के लिए आभार प्रकट किया। इस लोकार्पण कार्यक्रम में अधिशासी अभियंता नगर निगम श्री पी0के0 सिंह, सहायक अभियंता श्री हरिश चन्द्र रावत, सहायक अभियंता श्री किशोरी लाल, क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती शशि गुप्ता, पार्षद श्री मुकेश, मण्डल अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र राजपूत, श्री आनंद पाण्डेय, स्थानीय जन प्रतिनिधि श्री रमेश तूफानी, श्री दीपक सोनकर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

अभिकरणों के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक संपन्न लम्बित प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाये

प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उ0 प्र0 शासन, दीपक कुमार की अध्यक्षता में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के विभिन्न अभिकरणों के विभागाध्यक्षों के साथ वर्चुवल बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग से संबन्धित विभिन्न विन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की गई।

जनहित गारण्टी पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि पोर्टल पर लम्बित प्रकरणों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाये। प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों द्वारा इसकी नियमित रूप से समीक्षा की जाये। उन्होने कहा कि जनहित गारण्टी पोर्टल से संबन्धित प्रकरणों की समीक्षा मा0 मुख्यमत्री जी के कार्यालय से भी की जाती है। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार से शिथिलता न बरती जाये। उन्होने यह भी कहा कि ऐसे प्रकरण जो अधिक समय से आवेदक के स्तर पर औपचारिताएं पूर्ण न किये जाने के कारण लम्बित है, को एक नियत अवधि में निरस्त किये जाने का प्राविधान पोर्टल पर किया जाये तथा यह भी सुनिश्चित किया जाये कि आवेदन पत्र के साथ अनावश्यक औपचारिकताएं आवेदक से पूर्ण न करायी जायें। इस अवसर पर विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा सेवावार प्राप्त प्रकरणों को भी प्रस्तुत किया।

इसी प्रकार आवंटित संपतियों के आनलाइन किये जाने की समीक्षा करते हुए प्रमुख सचिव ने उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, समस्त विकास प्राधिकरणों एवं विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत योजनाओं में आवंटित सम्पतियों का सम्पूर्ण विवरण आन लाइन किये जाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। महाधिवक्ता उ0प्र0 की वेबसाइट पर लम्बित वाद/प्रतिशपथ-पत्र के विवरण की समीक्षा करते हुए कहा कि महाधिवक्ता की वेबसाइट में लम्बित वादों का शीघ्रता से निस्तारण सुनिश्चित कराया जाये तथा निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत शपथ पत्र दाखिल कराया जाये। वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु सड़कों के नवीनीकरण/गढढा मुक्ति हेतु लक्ष्यों का निर्धारण एवं कार्य-योजना तैयार किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव ने कहा कि  अभिकरणों के प्राधिकार क्षेत्र में आने वाली सड़कों के नवीनीकरण/गढढा मुक्ति हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 के लक्ष्यों का निर्धारण वास्तविकता के आधार पर किया जाये तथा इनका क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत सुनिश्चित किया जाये।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु निर्धारित वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष 31 जुलाई 2021 तक उपलब्धि के संबन्ध में प्रगति की, अमृत योजना के अन्तर्गत 59 नगरों हेतु तैयार की जा रही जी0आई0एस0 बेस्ड महायोजनाओं के कार्य की, विकास प्राधिकरणों से आवासीय एवं अनावासीय भवनों को मनमाने तरीके से सील किये जाने की सूचना उपलब्ध कराये जाने आदि संबन्धी विन्दुओं की विस्तार से समीक्षा की गई तथा संबन्धितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

विकास प्राधिकरणों द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है सुविधाएं

शासन की मन्शा के अनुसार  विकास प्राधिकरणों द्वारा जनसामान्य को सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इसी क्रम में कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा लम्बे समय से कानपुर विकास प्राधिकरण की कालोनियों में अध्यासित किरायेदारों के लिए मकान मालिक बनने का स्वर्णिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। प्राधिकरण द्वारा अपनी विभिन्न आवासीय योजनाओं में किराये पर उठी कालोनियों के अध्यासियों को मालिकाना हक देने के लिए 19 जुलाई 2021 से 6 अक्टूबर 2021 तक जोनवार मौके पर शिविरों का आयोेजन किया जा रहा है तथा अध्यासित किरायेदारों को मकान खरीदने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। मूल किरायेदारों को शिविर में ही आवेदन पत्र वितरण पुस्तिका प्राप्त करने तथा वांछित पंजीकरण धनराशि संबन्धित बैंक में जमा किये जाने की व्यवस्था की गयी है। अभी तक 85 किरायेदारों द्वारा मकान मालिक बनने हेतु प्राधिकरण में आवेदन प्रस्तुत किये गये है।

इसी प्रकार कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा एक मुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत दण्ड व्याज पर छूट प्राप्त करने का अन्तिम अवसर प्रदान करते हुए शासनादेशानुसार डिफाल्टर आवंटियों से 31 जुलाई 2021 तक योजना का लाभ उठाने की अपेक्षा की गई थी। तदक्रम 894 आवेदन प्राप्त हुए, जिन्हे अपलोड करते हुए निस्तारण की कार्यवाही की जा रही है, जिसके अन्तर्गत 607 आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जा चुका है तथा शेष के निस्तारण की कार्यवाही की जा रही है। जनसामान्य एवं अधिकारियों के बीच सीधा संवाद स्थापित किये जाने एवं नागरिकों व आवंटियों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उददेश्य से कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रतिमाह तीन दिवसीय समस्या निस्तारण शिविर/मेले का आयोजन किया जा रहा है। प्राधिकरण में कार्यरत समूह ‘घ‘ के कार्मिकों को शासन के दिशा-निर्देशानुसार सेवा शर्तों के अधीन पदोन्नति का लाभ दिया गया।                      

46 वर्षों से लम्बित बाण सागर नहर परियोजना वर्तमान सरकार द्वारा विशेष ध्यान देकर तेजी से कार्य कराते हुए पूरी करायी गयी है। इस परियोजना को मा0 प्रधानमंत्री जी ने 15 जुलाई, 2018 को लोकार्पण किया था। इसके पूरा हो जाने की लागत 3420.24 करोड़ रुपये है। इस परियोजना से मिर्जापुर व प्रयागराज जनपदों की 150132 लाख हे0 भूमि सिंचित हो रही है, जिससे 1.70 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

बाण सागर नहर परियोजना के मुख्य अभियंता श्री बी0के0 राम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बाण सागर परियोजना के पूरा होने से वर्षाें बाद इस वर्ष मिर्जापुर के जरगों जलाशय में पानी पहुचा है। इस जलाशय के भरने से जहां एक ओर भूजल रिचार्ज हो रहा है वही दूसरी ओर पशु पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा मिर्जापुर तहसील के लालगंज, चुनार, हलिया, नारायणपुर, जमालपुर आदि क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध हो रहा है।

इसी प्रकार जनपद प्रयागराज की तहसील कोरांव, मेजा, करछना, बारा तथा विकास खण्ड मेजा, माण्डा, कोरांव, जसरा, आदि क्षेत्रों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से दोनों जनपदों में खुशहाली के साथ ही किसानों को बड़ी राहत पहुंची है। व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के विशेष सचिव व अधिशासी निदेशक श्री हरिकेश चौरसिया ने बताया कि प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण सत्र 2021 में प्रवेश हेतु वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन आज से प्रारम्भ हो गया है। अभ्यर्थी ऑनलाइन पंजीयन से सम्बन्धित जानकारी के लिए 0522-4047658, 9628372929, 0522-4150500, 7897992063 पर सम्पर्क कर सकते है। उन्होंने बताया कि 9628372929 व्हास्ट्ऐप नंबर पर आवेदन के संबंध मे जानकारी हेतु 49  व्हास्ट्ऐप मैसेज व 26 कॉल आयी है, जिनका संतोषजनक जवाब दिया गया है।

विशेष सचिव व अधिशासी निदेशक ने बताया कि प्रदेश में 305 राजकीय आई0टी0आई0 संचालित है जिनमें 70 व्यवसायों में प्रवेश हेतु 119831 सीटें उपलब्ध हैं। इसी तरह 2749 निजी आई0टी0आई0 संचालित है, जिनमें 51 व्यवसायों में प्रवेश हेतु 374460 सीटें उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु 12 विशिष्ट राजकीय संस्थान के अतिरिक्त 47 महिला शाखाएँ स्थापित हैं। प्रदेश में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 43 राजकीय आई0टी0आई0 स्थापित हैं।

 विशेष सचिव व अधिशासी निदेशक ने बताया कि शासनादेश के अनुसार प्रत्येक व्यवसाय की समस्त प्रवेश सीटों का अधिकतम अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 21 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 2 प्रतिशत आरक्षण तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो (ई0डब्लू0एस0) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। सैनिक आश्रित 5 प्रतिशत दिव्यांगजन 4 प्रतिशत व स्वतंत्रता सेनानी आश्रित हेतु 2 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है। महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुसूचित जाति सबप्लान (एस.सी.एस.पी.) के अन्तर्गत 84 विशिष्ट राजकीय आई0टी0आई0 स्थापित हैं। इन संस्थानों में वर्तमान लागू व्यवस्था के अनुसार 70 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति तथा 15 प्रतिशत सीटें अन्य पिछड़ी जाति हेतु आरक्षित हैं। अर्हकारी शैक्षिक योग्यता की मेरिट आधारित आवेदन करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म की व्यवस्था है। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए पंजीकरण शुल्क रुपये 150.00 तया सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु रूपये 250.00 निर्धारित है। ूूूण्ेबअजनचण्पद पोर्टल डिजिलॉकर से इंटीग्रेटेड है जिसके माध्यम से एस0सी0वी0टी0 पाठ्यक्रम के प्रशिक्षार्थी अपना अंकपत्र व प्रमाणपत्र अपने डिजिलॉकर में सुरक्षित रख सकते हैं।

राज्य सूचना आयोग ने जनसूचनाधिकारियों द्वारा सूचना न देने के लिए पुलिस थाने की जी0डी0 का सहारा लेने पर कडी आपत्ति जताई

प्रमोद कुमार तिवारी, राज्य सूचना आयुक्त, राज्य सूचना आयोग ने प्रदीप कुमार देवरा बनाम जन सूचनाधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक नगर, जनपद-बिजनौन में सुनवाई के दौरान यह व्यवस्था दी है कि थाने की जी0डी0 एक वैधानिक अभिलेख है। थाने की जी0सी0 में जिन प्रवृष्टियों का समावेश किया जाना है उसका विस्तृत उल्लेख उ0प्र0 पुलिस रेग्यूलेशन के प्रस्तर-295 में किया गया है। श्री प्रदीप कुमार देवरा ने जनसूचनाधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक नगर से जनपद बिजनौर के थाना नांगल में जी0डी0 में दर्ज एक प्रविष्टि के बारे में कतिपय सूचनाएं चाही थी। उल्लेखनीय है कि जी0डी0 में दर्ज उक्त सूचना में एक पशुधन प्रसार अधिकारी ने पशुधन प्रसार केन्द्र का ताला तोड कर किसी जंगली जानवर द्वारा एक अन्य सूचना में मांगे गये रजिस्टरों खो जाने विषयक सूचना लिखाई थी। राज्य सूचना आयोग ने आश्चर्य व्यक्त किया कि किस प्रकार एक नितांत अविश्वसनीय घटना को सूचना देने वाले के कथनानुसार सत्य मानते हुए थाना पुलिस ने बस खानापूर्ति के लिए तहकीकात की। आयोग ने प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक जनपद बिजनौर को सौंपते हुए जनसूचना अधिकारी की इस प्रकार थाने की मदद से सूचना न देने की प्रवृत्ति पर घोर आपत्ति जताई है।

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह द्वारा जनपद बुलंदशहर में की गयी महिला जन सुनवाई

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह के तत्वाधान में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जागरूकता शिविर एवम महिला जन सुनवाई का आयोजन  जनपद बुलंदशहर के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पर किया गया। बाल सेवा योजना शिविर के दौरान के कुल 4 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, आवेदन पत्रों को जिला प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से संबंधित तहसील और ब्लॉक से सत्यापन करवा कर प्राथमिकता पर लाभ दिलवाए जाने के निर्देश दिए गए, उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह द्वारा बाल सेवा योजना के 5 लाभार्थी बच्चो को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा उज्जवल भविष्य की कामना की। महिला जनसुनवाई के दौरान कुल 6 शिकायते प्राप्त हुई, उपाध्यक्ष द्वारा सभी शिकायतों के तीव्र निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। इसके बाद उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह द्वारा समीक्षा बैठक की गई, समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों एवम लाभान्वित बच्चो की जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा दी गई, जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि 96 बच्चो के आवेदन पत्र  जिला टास्क फोर्स द्वारा स्वीकृत हो चुके है जिनमे 72 बच्चो को लाभ दिया जा चुका है तथा शेष लाभार्थियों को लाभ दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है, उपाध्यक्ष महोदया द्वारा समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए। जिसमें उन्होंने कहा कि बाल सेवा योजना के लाभार्थी परिवार की महिलाओं को समस्त सरकारी योजनाएं (जिनमे आवेदिका पात्र हो) का लाभ दिलवाए जाने की कार्यवाही की जाए। बाल सेवा योजना लाभार्थी बच्चो की स्कूलों में फीस माफी के लिए सभी स्कूलों को निर्देश जारी करने के संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए गए। बाल सेवा योजना के लाभार्थी परिवारों की महिलाओं का आयुष्मान कार्ड बनवाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए गए। इसके साथ ही कोविड-19 महामारी से पीड़ित परिवारों एंव अन्य पात्र परिवारों की महिलाओं को उ0प्र0 शासन द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा निराश्रित महिलाओं को पेंशन, वृद्वावस्था पेंशन, आयुष्मान कार्ड बनवाये जाने, कन्या सुमंगला योजना से अच्छादित बालिकाओं को लाभ दिलाये जाने, बेटी बचाओं-बेटी पढाओं योजना से जनपद की महिलाओं को लाभान्वित कराये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक प्रचार-प्रसार कराने के साथ ही उ0प्र0 बाल सेवा योजना से लाभान्वित परिवारों/बालिकाओं के सबंध में एवं पीड़ित परिवारों के घरों में सैनेटाइजेशन कार्य कराने जाने एंव नियमानुसार वैक्सीनेशन कराये जाने हेतु महिलाओ को शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की स्थिति का अवलोकन तथा कोविड-19 से बचाव हेतु टीकाकरण कराये जाने के निर्देश निर्गत किये गयें है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत कल से प्रारंभ होगा मुफ्त राशन का वितरण खाद्यान्न प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा

भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत समाज के निर्धन व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभार्थियों को कल से निःशुल्क राशन का वितरण शुरू किया जाएगा और इसी दिन ‘अन्न महोत्सव‘ का आयोजन किया जाएगा।  इसके अन्तर्गत प्रदेश की चयनित उचित दर दुकानों पर उपस्थित लाभार्थियों से वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा संवाद भी स्थापित किया जायेगा। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का खाद्यान्न राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये थैले में लाभार्थियों को मा0 जनप्रतिनिधियों द्वारा वितरित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में आयोजित होने वाले ‘अन्न महोत्सव‘ के संदर्भ में वाराणसी, गोरखपुर, मुरादाबाद, हमीरपुर, अयोध्या, बाराबंकी, शाहजहांपुर, कौशांबी, आगरा और बहराइच की चयनित उचित दर दुकानों पर उपस्थित लाभार्थियों से प्रधानमंत्री द्वारा संवाद स्थापित किया जाएगा, उसमें मुसहर, वनटांगिया तथा सहरिया आदि जनजातियों व समाज के अन्य वंचित वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा खाद्यान्न प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। ‘अन्न महोत्सव‘ के दिन प्रत्येक उचित दर दुकान पर कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कम से कम 100 लाभार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में आमंत्रित किये जाने वाले लाभार्थियों में से ऐसे लाभार्थियों को वरीयता प्रदान की जायेगी, जो पूर्व में खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित थे तथा प्रथम बार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

पुनर्वास विश्वविद्यालय के 21 विद्यार्थियों का हुआ प्लेसमेण्ट

डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुल सचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी0टेक) विभाग के 20 एवं एम0बी0ए0 विभाग की 01 विद्यार्थी कुल 21 विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में आयोजित वर्चुअल प्लेसमेण्ट ड्राइव में क्रमशः लिनॉक सॉफ्टवेअर एक्सपोर्ट एण्ड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली एवं ट6 अर्थज्ञान एल0एल0पी0 प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ में प्लेसमेण्ट हुआ है। विश्वविद्यालय के बी0टेक (सिविल) विभाग के जिन विद्यार्थियों का लिनॉक सॉफ्टवेअर एक्सपोर्ट एण्ड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड में प्लेसमेण्ट हुआ है उनमें सर्वश्री/सुश्री हुकुुम चन्द गुप्ता, साहिद इकबाल, प्रीतम सिंह पाल, मो0 अवेश, निखिल सिंह, शशि सोनकर, शुभम दीक्षित, हर्षित दीक्षित, केशव वर्मा, अबू साद, वैभव यादव, हिमांशु सिंह, राहुल तिवारी, प्रांजल श्रीवास्तव, सिद्धार्थ सिंह, मोहम्मद शाहिद, विकास कुमार लोधी, हिमांशु यादव, आयुष तिवारी एवं देवेन्द्र प्रताप सिंह शामिल हैं। इन सभी विद्यार्थियों का 01.62 लाख रूपये के सालाना पैकेज पर प्लेसमेण्ट हुआ है। इसी प्रकार एम0बी0ए0 विभाग की विद्यार्थी सुश्री तनु पटेल का ट6 अर्थज्ञान एल0एल0पी0 प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ में 01.44 लाख रूपये के सालाना पैकेज पर प्लेसमेण्ट हुआ है। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 राण कृष्ण पाल सिंह जी ने चयनित विद्यार्थियों को अनन्त शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

उ.प्र. राज्य महिला आयोग की सदस्यों द्वारा कल 05 अगस्त, 2021को जनपद संतकबीर नगर तथा जनपद बदायूं में महिला जनसुनवाई की जायेगी

उ.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश के पात्र बच्चों को उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का अधिकतम लाभ दिलाये जाने तथा महिला उत्पीड़न की रोकथाम व महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के उद्देश्य से तथा आवेदक/आवेदिकाओं की सुगमता की दृष्टि से जनपद संतकबीर नगर में सदस्य श्रीमती मनोरमा शुक्ला तथा जनपद बदायूं में सदस्य श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल द्वारा कल दिनांक 05.08.2021 को जागरूकता शिविर का आयोजन एवं महिला जनसुनवाई की जायेगी।

प्रदेश के 43.20 लाख गन्ना किसानों को एम किसान पोर्टल से जोड़ा गया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को एम-किसान पोर्टल से संबद्ध किया जा रहा है। अब तक प्रदेश के 43.20 लाख गन्ना किसानों को इस पोर्टल से जोड़ा गया है।

यह जानकारी देते हुए आयुक्त चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि एम किसान पोर्टल के माध्यम से गन्ना खेती व विपणन से जुड़े नवीनतम विधाओं और सूचनाओं की जानकारी किसानों को मोबाइल फोन पर ही उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने बताया कि आसानी से उपलब्ध हो रही जानकारी से ही गन्ना किसानों ने गन्ना बुवाई विधि में भी परिवर्तन किया है और ट्रेंच विधि अपनाई है। भूसरेड्डी ने बताया कि आधुनिक जानकारी और विभिन्न विधियों के उपयोग से गन्ना किसानों द्वारा की जा रही गन्ने की खेती में कम लागत आ रही और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है।

राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में उत्पादों के विपणन हेतु सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों तथा उद्यमी को संस्थाओं से जोड़ा जा रहा     

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान लाकडाउन की अवधि में उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं फ्लिपकार्ट द्वारा मिलकर लगभग 60 लाख व्यक्तियों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गई। मुख्य रूप से मेघदूत ग्रामोद्योग के हर्बल उत्पाद तथा आयुष क्वाथ, इम्यूनिटी बूस्टर काढा, हैण्ड सैनिटाइजर, नीम वटी, गिलोय वटी, च्यवनप्राश आदि के माध्यम से लोगो को उनकी आवश्यकता के अनुसार घरों में पहुंचाने का कार्य किया गया। इस कार्य को फ्लिपकार्ट ने 40 कर्मचारियों की विशेष टीम बना कर अंजाम दिया। अप्रैल-मई माह में लॉकडाउन के दौरान मेघदूत हर्बल द्वारा लगभग एक करोड की कीमत के लगभग 30 हजार उत्पादों का बिक्रय किया गया। इसका सीधा लाभ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे तथा मदद की आशा को संजोये व्यक्तियों को प्राप्त हुआ और लाखों लोगो के जीवन को बचाने में सहायक हुआ। इस सफलता का दूसरा पहलू यह रहा है कि मेघदूत ग्रामोद्योग के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की उन तमाम इकाईयों को प्रोत्साहन मिला तथा इन इकाईयों से जुडे़ कामगारों का आर्थिक संवर्धन हुआ जो कही न कही इन उद्यमियों के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने में सहायक हुआ।

     अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल के अनुसार शासन का यह लक्ष्य है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जो छोटे-2 कारीगर/उद्यमी है, उन्हें ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाले अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे सिंस्थाओं से जोड़ने से राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में उत्पादों के विपणन में आसानी होगी, जिससे ग्रामीण उद्यमियों द्वारा उत्पादित उत्पाद का बेहतर मूल्य भी उन्हें प्राप्त होगा। साथ ही उनकी आय में वृद्धि भी होगी। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड एवं फ्लिपकार्ट के मध्य एम0ओ0यू0 किया गया है और सरकार की मंशा के अनुरुप बोर्ड का यह प्रयास है कि विपणन के बेहतर अवसर पैदा करके लोगो को आत्मनिर्भर बनाया जायें, जिससे प्रदेश के सर्वांगीण आर्थिक विकास में एक अच्छा योगदान प्राप्त हो सकें।

राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर के एन0एच0-28 का छूटा भाग शहर भाग (कालेसर जगदीशपुर मार्ग) के सुधार कार्य हेतु रू0 02 करोड़ 36 लाख 40 हजार की लैप्स धनराशि की गयी आवंटित

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर के एन0एच0-28 का छूटा भाग शहर भाग (कालेसर जगदीशपुर मार्ग) के कि0मी0-1 से 9 में सुधार कार्य हेतु लैप्स धनराशि के सापेक्ष रू0 02 करोड़ 36 लाख 40 हजार की धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

जारी शासनादेश में आवंटित धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र बजट मैनुअल के प्राविधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से उ0प्र0 शासन को प्रेषित किया जाय तथा कार्य को पूर्ण कराते हुये पूर्णता प्रमाण-पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाय।

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

जनपद मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे से वृन्दावन (पागल बाबा मन्दिर) तक 04 लेन मार्ग का निर्माण एवं 02 लेन सेतु के निर्माण कार्य हेतु रू0 02 अरब 51 करोड़ 55 लाख 03 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति की गयी प्रदान

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में जनपद मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे से वृन्दावन (पागल बाबा मन्दिर) तक (अन्य जिला मार्ग) 04 लेन मार्ग का निर्माण (लम्बाई 7.278 किमी0) एवं मार्ग निर्माण के संरेखण में आ रही यमुना नदी पर 02 लेन सेतु के निर्माण कार्य हेतु रू0 02 अरब 51 करोड़ 55 लाख 03 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति उ0प्र0 शासन द्वारा प्रदान की गयी है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में लागत के सापेक्ष रू0 20 करोड़ की धनराशि भी उ0प्र0 शासन द्वारा अवमुक्त कर दी गयी है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

जारी शासनादेश में स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि कार्य की विशिष्टियां, मानक व गुणवत्ता की पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी तथा शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये है कि आवंटित धनराशि का व्यय वित्तीय हस्त-पुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों के अनुरूप किया जाय।

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि जारी शासनादेश में उल्लिखित शर्तों एवं प्रतिबन्धों व दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

उद्यान विभाग द्वारा मशरूम के महत्व व महत्ता पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण

निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डा आर० के० तोमर ने मशरूम के महत्व व महत्ता पर प्रकाश  डालते हुये कहा कि मशरूम में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्वों की मानव शरीर के लिएबहुत ही उपयोगी व लाभकारी है। श्री तोमर मंगलवार  को क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र लखनऊ द्वारा आयोजित 03 दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम  को सम्बन्धित कर रहे थे। श्री तोमर ने कहा कि इस प्रशिक्षण से रोजगार नवयुवक एवं नवयुवकों को एक नयी दिशा मिलेगी। मशरूम का व्यवसाय बहुत ही लाभकारी है, इसको छोटे स्तर पर प्रारम्भ कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। मशरूम की दैनिक जीवन में उपयोगिता के बारे में अवगत कराया ।इस प्रशिक्षण को महिलाओं के लिए काफी उपयोगी बताते हुये कहा कि मशरूम उत्पादन एवं प्रोसेसिंग से काफी आय बढेगी, एवं जनमानस को मशरूम उत्पादन एवं उनकी उपयोगिता के बारे में समाज को नई दिशा मिलेगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ओस्टर मशरूम, बटन मशरूम का उत्पादन किस प्रकार से किया जाता है का प्रैक्टिकल डेमोस्ट्रेशन स्वयं लाभार्थियों के माध्यम से कराया गया। मशरूम के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पादों यथा सुखा हुआ मशरूम, मशरूम पाउडर, मशरूम सूप, मशरूम आचार, श्रीखण्ड, योगर्ट, कुकीज, मफिन्स, बेबी फूड, कैनिंग, मशरूम की विभिन्न सब्जियॉ, पुलाव, मशरूम सैंडविच, मशरूम बर्गर आदि के बनाने की तकनीकी जानकारी प्रैक्टिकल डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से लाभार्थियों को उपलब्ध करायी जा रही है। डॉ0 एस0के0 चौहान, निदेशक, क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जनमानस को मशरूम आधारित उत्पादों का उपयोग दैनिक दिनचर्या में किस प्रकार अधिक से अधिक से प्रसारित किया जा सकता है एवं इसके उपयोग से अपने शरीर को निरोग एवं स्वस्थ्य बनाया जा सकता है। मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित उत्पादों को तैयार कर उनकी बिक्री विभिन्न स्थानों जैसे की स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, मॉल, रिटेल बाजार, जिम आदि में आनलाइन/आफलाइन कराकर एक उद्यम स्थापित किया जा सकता है। इन सभी चीजों की तकनीकी जानकारी एवं मार्गदर्शन उद्यान विभाग में द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।डा०चौहान ने कहा कि संस्थान के किसानों/बेरोजगार नवयुवकों को कम पूंजी में मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित विभिन्न उत्पादों को तैयार करते हुए अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के साथ-साथ  कुपोषण को भगानें में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।

प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा अब तक 52598 मी0टन उड़द, 11607.86 मी0टन मूॅगफली, 53608.58 चना, 13891.85 मी0टन मसूर एवं 2985.95 मी0टन राई व सरसों की खरीद सुनिश्चित

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में दलहनी फसलों के उपज का अवमूल्यन रोकने के लिये प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत अब तक 52598 मी0टन उर्द, 11607.86 मी0टन मूॅगफली, 53608.58 चना, 13891.85 मी0टन मसूरएवं 2985.95 मी0टन राई व सरसों का क्रय किया जा चुका है। कृषि विभाग से प्राप्त विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार प्राइस सपोर्ट स्कीम के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 3239.86 मी0टन मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गयी।वर्ष 2020 मंे 38498.18 मी0टन चना एवं 319.20 मी0टन राई व सरसो की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदसुनिश्चित की गयी है। इसी प्रकार योजनान्तर्गत वर्ष 2019 में 743.40 मी0टन चना, 162.85 मी0टन मसूरएवं 1455.75 मी0टन राई व सरसों का क्रय एम0एस0पी0 पर किया गया। वर्ष 2018-19 में 29598 मी0टन उर्दएवं 8368 मी0टन मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गयी। वर्ष 2018 में पी0सी0एफ0 द्वारा 14367 मी0टन चना, 13729 मी0टन मसूर एवं 1211 मी0टन राई व सरसोंएम0एस0पी0 पर क्रय किया गया। वर्ष 2017-18 में पी0सी0एफ0 व नैफेड द्वारा कुल 23000 मी0टन उर्द का एम0एस0पी0 पर क्रय किया गया।

रबी 2020-21 में प्रदेश में 129.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा खरीफ-2021 में विभिन्न फसलों के आच्छादन लक्ष्य के सापेक्ष जुलाई माह तक 35.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। रबी 2020-21 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में 129.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया जा चुका है। कृषि विभाग से प्राप्त विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार खरीफ-2020 में विभिन्न फसलों के अन्तर्गत प्रदेश में कुल 96.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। रबी 2019-20 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 130.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। खरीफ-2019 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 96.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। इसी प्रकार रबी 2018-19 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 129.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। खरीफ-2018 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 94.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। रबी 2017-18 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 128.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। खरीफ-2018 में विभिन्न फसलों के अंतर्गत प्रदेश में कुल 92.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल आच्छादित किया गया। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खरीफ के आच्छादन में वृद्धि के दृष्टिगत बुन्देलखण्ड के कृषकों को विभिन्न फसलों के बीजों पर 80 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया गया, जिसके फलस्वरूप बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अन्ना प्रथा में कमी आयी है। इसके अतिरिक्त खरीफ फसलों के आच्छादन क्षेत्रफल में भी वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए वैट व सेस की दर अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए बताया कि मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के जुलाई माह में कुल 12655.85 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि वर्ष 2020-21 के जुलाई माह में 10675.42 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार माह जुलाई, 2021 में गत् वर्ष के माह जुलाई, 2020 की तुलना में 1980.43 करोड़ रू0 अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि जी0एस0टी0 के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 में कुल 4697.99 करोड़ रू0 की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष जुलाई,2020 के माह में प्राप्ति 4120.62 करोड़ रू0 थी। वैट के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 में 2328.34 करोड़ रू0 की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2020 में प्राप्ति 1903.54 करोड़ रू0 थी। वित्तमंत्री ने बताया कि आबकारी के मद में माह जुलाई, 2021 में कुल 2795.49 करोड़ रू0 की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2020 में प्राप्ति 2632.58 करोड़ रू0 थी। स्टाम्प तथा निबन्धन के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 की राजस्व प्राप्ति 2089.29 करोड़ रू0 है जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2020 में प्राप्ति 1365.55 करोड़ रू0 थी। परिवहन के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 की राजस्व प्राप्ति 612.07 करोड़ रू0 है जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2020 में प्राप्ति  474.59 करोड़ रू0 थी। करेत्तर राजस्व की प्रमुख मद भू-तत्व तथा खनिकर्म के अन्तर्गत माह जुलाई, 2021 में प्राप्ति 132.67 करोड़ रू0 है जबकि गत् वर्ष माह जुलाई, 2020 में प्राप्ति  178.54 करोड़ रू0 थी। सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जुलाई 2021 तक मुख्य कर राजस्व के अन्तर्गत 62137.00 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 42739.71 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है, जो लक्ष्य का 68.80 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जुलाई, 2021 तक कुल करेत्तर राजस्व प्राप्ति के मदों में 8075.53 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 2465.25 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है। कर राजस्व की मद जी0एस0टी0 एवं वैट में जुलाई, 2021 तक 32207.12 करोड़ रूपये के लक्ष्य के सापेक्ष 23583.09 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है। उन्होंने बताया कि वैट के मद में 8452.72 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 7474.94 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है जो 88.40 प्रतिशत है। वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह जुलाई तक आबकारी मद में लक्ष्य 15893.00 करोड़ रूपये के सापेक्ष 11164.13 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है। स्टाम्प तथा निबन्धन के मद में 9043.00 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 5758.93 करोड़ रूपये की प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि परिवहन के मद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में जुलाई तक 3108.88 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 2071.95 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है। सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए वैट व सेस की दर सबसे कम है। उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर कर की दर 20.14 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 13.07 रुपए प्रति लीटर है जबकि अन्य राज्यों जैसे राजस्थान में पेट्रोल पर राज्य कर 29.90 व डीजल पर राज्य कर 21.83 रुपए प्रति लीटर, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर 28.36 व डीजल पर 21.65 रुपए प्रति लीटर, उड़ीसा में पेट्रोल पर 24.01 रुपए प्रति लीटर व डीजल पर 20.89 रुपए प्रति लीटर व तमिलनाडु में पेट्रोल पर 24.22 रुपए व डीजल पर 17.78रुपये प्रति लीटर राज्य कर है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार महाराष्ट्र में पेट्रोल पर राज्य कर 29.54 रुपए व डीजल पर 20.81 रुपए प्रति लीटर, छत्तीसगढ़ में पेट्रोल पर 20.84 रुपए व डीजल पर 19.74 रुपए प्रति लीटर जबकि तेलंगाना में पेट्रोल पर 26.53 रुपए व डीजल पर 20.30 रुपये प्रति लीटर तथा झारखंड में डीजल पर 17.48 रुपए प्रति लीटर राज्य कर के रूप में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर 22.71रुपए तथा डीजल पर 15.35 रुपए प्रति लीटर जबकि पंजाब में पेट्रोल पर 23.93रुपए  व डीजल पर 14.91 रुपए प्रति लीटर तथा दिल्ली में पेट्रोल पर 23.52 रुपए व डीजल पर 13.12 रुपये प्रति लीटर राज्य कर के रूप में वसूल किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पेट्रोल का उपभोक्ता मूल्य 98.98 रुपए प्रति लीटर व डीजल का मूल्य 90.32 रुपए प्रति लीटर है वही दूसरे राज्यों यथा राजस्थान में पेट्रोल की कीमत 108.78 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल 99.08 रुपए प्रति लीटर, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल 107.39 रुपए प्रति लीटर व डीजल 98.97 रुपए प्रति लीटर तथा उड़ीसा में पेट्रोल की कीमत 102.72रुपए तथा व डीजल 98.01 रुपए प्रति लीटर है। तमिलनाडु में जहां पेट्रोल की कीमत 102.55 रुपए व डीजल 94.44 रुपए प्रति लीटर है वही महाराष्ट्र में पेट्रोल की कीमत 107.89 रुपए प्रति लीटर व डीजल 97.51 रुपए प्रति लीटर है। इसी प्रकार तेलंगाना में पेट्रोल की कीमत 105.58 रुपए व डीजल 98.01 रुपए प्रति लीटर तथा छत्तीसगढ़ में पेट्रोल की कीमत 99.86 रुपए एवं डीजल की कीमत 97.23 रुपए प्रति लीटर, झारखंड में डीजल की कीमत 94.90 रुपए प्रति लीटर है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमत 102.14 रुपए प्रति लीटर व डीजल 93.08 रुपए प्रति लीटर तथा दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.90 रुपए प्रति लीटर व पंजाब में पेट्रोल की कीमत 102.90 रुपए तथाडीजल की कीमत 91.95 रुपए प्रति लीटर है।

ईवीएम के उपयोग को बन्द करने वाली जनहित याचिका खारिज

मुख्य निर्वाचन अधिकारी, अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मा0 उच्च न्यायालय दिल्ली द्वारा निर्वाचनों में मतपत्रों के उपयोग को लागू करने एवं ई0वी0एम0 के उपयोग को बन्द करने वाली श्री सी.आर. जया सुकिन द्वारा दायर जनहित रिट याचिका को खारिज कर दिया गया है। मा0 उच्च न्यायालय द्वारा अग्रेतर यह भी कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-61ए के आधार पर निर्वाचनों में ई0वी0एम0 का प्रयोग किया जा रहा है, जिस पर बिना किसी ठोस प्रमाण के न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। अतः दायर इस रिट याचिका को आधारहीन पाते हुए रु0 10,000 के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया गया है।

मार्च, 2021 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक तथा उपयोग आधारित सूचकांक के त्वरित अनुमान जारी

अर्थ एवं संख्या प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा आधार वर्ष 2011-12 पर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के माहवार त्वरित अनुमान तैयार किये गये हैं। माहवार त्वरित अनुमान केन्द्रीय सांख्यिकीय कार्यालय, भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई रीति विधायन के अनुसार प्रदेश के विभिन्न कारखानों एवं विभागों द्वारा उपलब्ध कराये गये ऑकड़ो का प्रयोग कर तैयार किये गये हैं। यह जानकारी निदेशक, अर्थ एवं संख्या श्री विवेक ने दी है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के माह मार्च, 2021 के त्वरित अनुमान माह जून 2021 में तैयार कर लिये गये हैं। मार्च, 2021 आधार वर्ष 2011-12 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आई0आई0पी0) का सामान्य सूचकांक का त्वरित अनुमान 133.11 रहा। खनन का सूचकांक 118.59, विनिर्माण का सूचकांक 134.08 और विद्युत क्षेत्र का सूचकांक 146.31 रहा है। उद्योगों के संदर्भ में विनिर्माण क्षेत्र में 23 उद्योग समूहों (एन0आई0सी0 2008 दो अंकीय स्तर के अनुसार) का सूचकांक विवरणी-प्प् में दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि उपयोग आधारित वर्गीकरण में प्राथमिक वस्तुओं, पूंजीगत वस्तुओं, मध्यवर्ती वस्तुओं, आधारभूत संरचना/निर्माण वस्तुओं, उपभोक्ता टिकाऊ और उपभोक्ता गैर टिकाऊ वस्तुओं का सूचकांक विवरणी-प्प्प्में दर्शाया गया है। मार्च, 2021 के सूचकांक प्राथमिक वस्तुओं के लिए 118.32, पूंजीगत वस्तुओं के लिए 266.50, मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए 148.87 और आधारभूत संरचना/निर्माण वस्तुओं के लिए 138.47 रहा है। उपभोक्ता टिकाऊ और उपभोक्ता गैर टिकाऊ वस्तुओं के लिए सूचकांक क्रमशः 80.81 और 134.16 रहा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के त्वरित अनुमानों के साथ कारखानों से प्राप्त अद्युनान्त ऑकड़ों से फरवरी, 2021 के सूचकांक को प्रथम संशोधन के साथ अर्थात अनन्तिम सूचकांक प्रस्तुत किया गया है। जो विभाग की वेबसाइट ीजजचरूध्ध्नचकमेण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है।

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समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री कल जनपद गोण्डा में करेंगे अन्न वितरित

प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री कल गुरुवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत जनपद गोण्डा में आयोजित अन्न महोत्सव कार्यक्रम मंे बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करेंगे। उस दौरान समाज कल्याण मंत्री प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से लाभार्थियों को अन्न का पैकेट देकर लाभान्वित करेंगे। अन्न महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन न्यू मैरिज हाल मोहल्ला पड़ाव नवाबगंज गोण्डा में होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद गोण्डा में उचित दर दुकानों की संख्या कुल 1353 है, जिसमें से सभी दुकानों पर नोडल अधिकारी की तैनाती कर दी गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश भर में 05 अगस्त को अन्न महोत्सव का आयोजन किया जायेगा, जिसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों को 05 किलोग्राम खाद्यान प्रति व्यक्ति निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय वृहद पशु आरोग्य शिविरों/मेलों के आयोजन हेतु 226.25 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने मण्डल स्तर पर पं0 दीनदयाल उपाध्याय बडे़ पशु आरोग्य शिविरों/मेलों के आयोजन हेतु  वर्तमान वित्तीय वर्ष में 226.25 लाख रूपये (दो करोड़ छब्बीस लाख पच्चीस हजार रूपये) की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजनान्तर्गत मण्डल स्तर पर मेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न पशुपालन सम्बन्धित सेवाये यथा पशु चिकित्सा, पशु प्रजनन, बधियाकरण, टीकाकरण, कृमिनाशक दवापान, लघु शल्य चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है और अनुर्वरता (बॉझपन) से ग्रसित दुधारू पशुओं की निशुःल्क चिकित्सा की जाती है। शिविरों/मेलों में कृषक/पशुपालक गोष्ठी का आयोजन कर कृषकों को उन्नत पशु पालन हेतु जागरूक किया जाता है।

पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में निदेशक प्रशासन एवं विकास, पशुपालन विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत धनराशि का व्यय/उपयोग योजना के मागदर्शक सिद्धान्तों के अनुरूप करते हुए व्यय विवरण सहित उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा तथा प्रयोजना में सम्मिलित उपकरणों आदि का क्रय सुसंगत क्रय नियमों, स्टोर परचेज रूल्स यथा आवश्यकता जेम पोर्टल के अन्तर्गत/माध्यम से किया जायेगा।

विद्युत आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए लेसा द्वारा किया जा रहा निरीक्षण

प्रबन्ध निदेशक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 सूर्यपाल गंगवार ने अवध विहार योजना के सेक्टर-3 विद्युत उपकेन्द्रका रात्रि निरीक्षण किया। निरीक्षण में अधिशासी अभियन्ता को निर्देशित किया की उपकेन्द्र की ट्रिपिंग जीरो रखनीहै तथा सभी परिवर्तकों एवं फीडरो का लोड अन्डर लोड रखने का प्रयास करें।निदेशक (का0प्र0 एवं प्रशा) द्वारा हनुमान सेतु उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में निर्देशितकिया गया की उपकेन्द्र पर 35 के0वी0 ब्रेकर ट्रिप नहीं हो रहे थे, जिन्हें तत्काल ठीक कराकर विद्युत आपूर्तिट्रिपिंग शून्य पर लाने के निर्देश दिए।अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-प्रथम द्वारा 33/11 के0वी0 सीजी सिटी उपकेन्द्र कारात्रि निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में उपकेन्द्र की विद्युत आपूर्ति सामान्य पायी गयी तथा उपकेन्द्र के सभी आउटगोइंग फीडरों का लोड सामान्य था।अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-द्वितीय द्वारा विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, चिनहट के33/11 के0वी0 कमता विद्युत उपकेन्द्र के पीक ऑवर्स लोड को चेक किया। निरीक्षण में पीक ऑवर्स लोड अन्डरलोड पाया गया। अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल-तृतीय, द्वारा ऐशबाग डिवीजन के 33/11 के0वी0 बैद्यस्टील उपकेन्द्र का रात्रि निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में उपकेन्द्र के सभी आउट गोइंग फीडर सामान्यपाये गये तथा रात्रि निरीक्षण में 07 विद्युत चोरी हैदरगंज, बाजार खाला, टूरियागंज में चिन्हित की गयी, जिनपर आज प्रातः रेड कर विद्युत संयोजन विच्छेदित किया गया तथा सम्बन्धित उपभोक्ताओं के विरूद्धस्थानीय थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी। विद्युत नगरीय वितरण मण्डल-नवम के सेक्टर-14 न्यू इन्दिरानगर का रात्रि निरीक्षण किया गया। उपकेन्द्रके सभी 11 के0वी0 फीडरो पर आपूर्ति सामान्य पायी गयी।अधिशासी अभियन्ता, यूनिवर्सिटी द्वारा भीकमपुर विद्युत उपकेन्द्र के पीक आवर्स लोड का निरीक्षण कियागया। निरीक्षण में उपकेन्द्र के परिवर्तकों के लोड का मापन कर लोड की बैलेसिंग से सम्बन्धित कार्यवाही भीकरवायी गयी। अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, अपट्रॉन द्वारा लाइन हानियां कम करने के लिए क्षेत्र में विशेष कॉबिंग अभियान चलाकर नौबस्ता, मेंहदीगंज, भवानीगंज में 45 परिसरों की जांच की गयी जांच में 06विद्युत उपभोक्ताओं ने अपने विद्युत भार को बढ़वाया। 11 विद्युत उपभोक्ता जिन पर रू0 2.42 लाख का बकायाथा। उनके विद्युत संयोजन विच्छेदित कर दिए गये तथा कटिया संयोजन/मीटर बाईपास द्वारा विद्युत चोरी मेंलिप्त पाये जाने पर 07 विद्युत उपभोक्ताओं के विरूद्ध स्थानीय थाने में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी।

थारू एवं अन्य जनजाति श्रेणी के पूर्व दशम् छात्रवृत्ति कक्षा-1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं का आवेदन 02 अगस्त से 23 अगस्त, 2021 तक

प्रमुख सचिव समाज कल्याण के0 रवीन्द्र नायक ने बताया कि शैक्षिक सत्र-2021-22 में मुख्यमंत्री जी घोषणा के अंतर्गत कक्षा-1 से 8 में अध्ययनरत थारू एवं अन्य जनजाति के छात्र एवं छात्राओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष छात्रवृत्ति प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रक्रियात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत मास्टर डाटा के संबंध में प्रदेश में स्थित मान्यता प्राप्त विद्यालयों का मास्टर डाटा बेस में सम्मिलित होने के लिए 02 अगस्त से 15 अगस्त, 2021 तक ऑनलाइन आवेदन किया जाए। उन्होंने बताया कि छात्रवृति के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक के समक्ष 02 अगस्त से 15 अगस्त, 2021 तक समस्त प्रपत्र प्रस्तुत करना होगा। इस अवधि के दौरान सम्बन्धित जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) मास्टर डाटा में सम्पूर्ण सूचना भरकर व अपलोड कर डिजिटल हस्ताक्षर से प्रमाणित कर लें। सम्बन्धित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक 16 अगस्त से 08 सितम्बर तक समस्त विद्यालयों में स्वीकृत सीटों की संख्या का शत-प्रतिशत ऑनलाइन सत्यापन कर लें। नायक ने निर्देशित किया कि थारू एवं अन्य जनजाति के पूर्व दशम् छात्रवृति कक्षा-1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं का योजनान्तर्गत आवेदन 02 अगस्त से 23 अगस्त, 2021 तक विद्यालय स्तर पर नामित नोडल अध्यापक के माध्यम से किया जाए। विद्यालय स्तर पर नामित नोडल अध्यापक के माध्यम से ऑनलाइन किये गये आवेदन में हुई त्रुटियों को 03 कार्य दिवसों में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र लखनऊ द्वारा छात्रवृति के पोर्टल पर स्टूडेन्ट सेक्शन में प्रदर्शित किया जाए। नोडल अध्यापक द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र की हार्ड कापी एवं संलग्न अभिलेखों से छात्र-छात्राओं के समस्त विवरण विद्यालय द्वारा मूल अभिलेखों से मिलान किये जाने के उपरान्त 02 अगस्त से 31 अगस्त, 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सत्यापित कर सम्बन्धित जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) को अग्रसारित किया जाए। निर्देशानुसार 20 जुलाई से 31 अगस्त, 2021 तक विद्यालय से अग्रसारित सही नवीनीकरण छात्रों को ही 01 अक्टूबर, 2021 को भुगतान हेतु डाटा शामिल किया जाए।

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यूपी सरकार संवार रही है एस0सी0/एस0टी0 वर्ग के बेरोजगारों का भविष्य

सिविल सेवा व अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से योगी सरकार द्वारा प्रदेश भर में इस वर्ग के युवाओं को इन परीक्षाओं के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश भर में विभिन्न स्थानों पर 7 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। पिछले 4 वर्षों में इन केंद्रों से लगभग 4 हजार अभ्यर्थी लाभान्वित हो चुके हैं। प्रदेश सरकार के मूल मंत्र ’’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ को चरितार्थ करते हुए अपने कार्यकाल के आरंभ से ही समाज के पिछड़े वर्गों के प्रति विशेष संवेदनशीलता का परिचय दिया है। उ0प्र0 के पात्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के युवाओं तथा युवतियोंको सिविल सेवा तथा अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं में सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में प्रशिक्षण हेतु 07 परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें से दो प्रशिक्षण केंद्र लखनऊ में तथा 1-1 केंद्र इलाहाबाद, वाराणसी, अलीगढ़, आगरा व हापुड़ में संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी केंद्रों को मिलाकर एक समय में अधिकतम 1200 लोगों के प्रशिक्षण की क्षमता है। इस प्रकार वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक 1858.74 लाख रुपयों की लागत से कुल 3963 अभ्यर्थी इन केन्द्रों पर प्रशिक्षण का लाभ ले चुके हैं और सैकड़ों अभ्यर्थी विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य स्तरीय सेवाओं में सफल हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान जब कोरोना संक्रमण उच्च स्तर पर था उस समय भी सरकार ने बेरोजगारों के प्रति अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया। इस दौरान सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को ऑनलाइन मॉक इंटरव्यू की तैयारी कराई गई। जिसके फलस्वरूप 2020-21 में कुल 81 अभ्यर्थियों ने राज्य अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी परीक्षा में सफलता अर्जित की। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण की इस योजना की सफलता यह साबित करती है कि सरकार राजकीय सेवाओं में वंचित वर्गों के समावेशन के लिए कितनी प्रयत्नशील और प्रतिबद्ध है। निश्चित रूप से इस प्रकार की योजनाएं वंचित वर्गों के बेरोजगारों के सपनों को साकार कर रही हैं तथा उनके परिवारों को विशेष संबल मिल रहा है।

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प्रदेश सरकार की भूगर्भ जल संरक्षण नीति से कृषि, पेयजल हेतु मिलेगा स्वच्छ जल

प्रदेश में गिरते हुए भूजल स्तर तथा भूजल गुणवत्ता के स्थायी समाधान के लिए अब प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन किये जाने की तत्काल आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश मंे पहली बार ’’उत्तर प्रदेश ग्राउण्ड वाटर (मैनेजमेन्ट एण्ड रेगुलेशन) एक्ट-2019’’ प्रख्यापित किया गया है। इसमें प्राविधान किया गया है कि संकटग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनके भूजल प्रबन्धन के प्राविधान किए गए हैं, साथ ही यह भी प्राविधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी भी प्रकार से भूजल एवं नदी, तालाब, पोखर इत्यादि को प्रदूषित न करे। समस्त सरकारी/अर्द्धसरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त कार्यालयों एवं निजी क्षेत्रों की संस्थाओं को भी अपने परिसर में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली अनिवार्य रूप से स्थापित करने के प्राविधान किये गये हैं। अधिनियम के प्राविधानों के उल्लंघन और विशेष रूप से भूजल अथवा सतही जल को प्रदूषित करने वालों पर दण्ड के कड़े प्राविधान किये गये हैं। अधिनियम के अन्तर्गत आन-लाइन व्यवस्था हेतु वेब पोर्टल का विकास किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। इस अधिनियम के लागू होने के पश्चात जन-मानस को गुणवत्तापरक भूजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के समग्र प्रयास किए जा सकेंगे। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के संकटग्रस्त विकास खण्डों एवं समस्याग्रस्त शहरी क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की उपलब्धता में प्रभावकारी सीमा तक वृद्धि लाये जाने के उद्देश्य के दृष्टिगत भूजल संसाधनों के समग्र प्रबन्धन एवं संरक्षण हेतु पूर्व में संचालित विभिन्न योजनाओं (यथा- भूजल स्रोतों का मानचित्रीकरण एवं भूजल स्रोतों पर पैरामीटर टेस्ट, जी0आई0एस0 आधारित मानचित्र तैयार करना, रेनवाटर हार्वेस्टिंग एवं रिचार्जिंग, क्षेत्रीय भूजल हब की स्थापना तथा अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकासखण्डों में वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज आदि योजनाओं) को एकीकृत कर ’’राज्य भूजल संरक्षण मिशन’’ की नवीन योजना तैयार की गयी है। मिशन के अन्तर्गत चिन्हित कार्यों को विभिन्न सम्बन्धित विभागों में संचालित योजनाओं एवं उनमें उपलब्ध धनराशि को कन्वर्जेन्स के माध्यम से क्रियान्वित कराने का लक्ष्य है। प्रदेश में गिरते हुए भूजल स्तर तथा भूजल संचयन व उसकी महत्ता के दृष्टिगत विभाग द्वारा 16 जुलाई से 22 जुलाई के मध्य प्रदेश के 75 जनपदों में ’’भूजल सप्ताह का आयोजन’’ किया गया है। इस वर्ष कोविड-19 कोरोना महामारी के दृष्टिगत भूजल सप्ताह के कार्यक्रमों हेतु जन-मानस को एक साथ एक मंच में एकत्रित किये जाने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से एक नया एवं बड़ा आयाम दिया गया। भूगर्भ जल विभाग द्वारा कार्यक्रम को आन-लाइन करते हुए ई-मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियॉ सांझा की गयी। उ0प्र0 सरकार मा0 मुख्यमंत्री द्वारा वेबिनार के माध्यम से स्कूली छात्र-छात्राओं, कृषकों, जल क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न एन0जी0ओ0 तथा ग्राम प्रधानों से जन संवाद किया गया। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र मंे जल संसाधन के प्रबन्धन की परियोजना हेतु दिनांक 20.08.2020 को उत्तर प्रदेश सरकार तथा जल संसाधन मंत्रालय, इजराइल के मध्य प्लान आफ कॉपरेशन का डव्न्ध्च्वब्हस्ताक्षरित किया गया है। जिसके अन्तर्गत बुन्देलखण्ड में जल प्रबन्धन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार किये जाने हेतु प्लान आफ कॉपरेशन के द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में इजराइल के सहयोग से ’इण्डिया-इजराइल बुन्देलखण्ड वाटर प्रोजेक्ट’ पर कार्य किया जाएगा। परियोजना के अन्तर्गत उन्नत कृषि उपायों, इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन के द्वारा क्षेत्र में जल संवर्धन के कार्य किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना से किसानों को कम भूजल के प्रयोग से अधिक आय एवं उत्पादन का लाभ मिलेगा।

उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना से वैज्ञानिक ढंग से होगी विवेचना, त्वरित न्याय होगा सुलभ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थापना हेतु अनेक कदम उठाए गए हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में बीते साढ़े चार वर्षों में कोई भी दंगा एवं सामुदायिक टकराव जैसी घटनाएं नहीं हुई हैं एवं प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी हुई है। कानून के राज को और मजबूती प्रदान करने हेतु दिनांक 01 अगस्त, 2021 को राजधानी लखनऊ में पिपरसण्ड, सरोजनीनगर में केन्द्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमितशाह एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइन्सेज की आधारशिला रखी गयी है, जो आपराधिक न्यायशास्त्र की दुनिया में एक क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बनने जा रहा है। विज्ञान एवं तकनीकी के इस युग में अपराधों की प्रकृति भी बदल गयी है। अब अपराधी विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल कर अपराध को अंजाम देते हैं। जैसे साइबर अपराध, जिसमें अपराध स्थल पर भौतिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। तकनीक के दुरूपयोग द्वारा इसे कही से भी अंजाम देना संभव है। अतः पुलिस अधिकारियों एवं न्यायिक तंत्र हेतु यह आवश्यक है कि वह भी तकनीकी के प्रयोग में कुशल व सक्षम बने, जिससे ऐसे अपराधों की त्वरित जाँच संभव हो एवं अपराधियों को सजा दिलाकर पीड़ित पक्ष के साथ न्याय किया जा सके। उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेसिंक साइंसेज की स्थापना प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। फॉरेंसिक साइंस के अन्तर्गत अपराध की जाँच के लिए वैज्ञानिक सिद्धान्तों का प्रयोग किया जाता है इसके अन्तर्गत अपराध स्थल से एकत्र किए गए सबूतों का वैज्ञानिक रूप से परीक्षण कर इस योग्य बनाया जाता है कि यह न्यायालय में स्वीकार्य हो सके एवं अपराधी को दण्ड दिया जा सके। प्रदेश में फॉरेसिंक साइंस इंस्टीट्यूट की स्थापना से एक ओर पुलिस प्रशासन, फॉरेसिक साइंस, विज्ञान, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीन शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान किया जाना संभव होगा वही दूसरी ओर इस संस्थान की स्थापना से अपराध अनुसंधान के क्षेत्र में प्रगति होगी एवं अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक व वैज्ञानिक बनाया जा सकेगा। अक्सर अपराधी सबूतों की वैज्ञानिकता के अभाव तथा न्यायालय में अस्वीकार्यता के कारण सजा से बच जाते हैं। फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना से ऐसी संभावना को समाप्त किया जा सकेगा तथा प्रदेश में अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा। आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण में भी यह इंस्टीट्यूट सहायक सिद्ध होगा।

उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक सांइसेंस की स्थापना के माध्यम से प्रदेश सरकार फॉरेंसिक के क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता को सुनिश्चित कर सकेगी। यह प्रशिक्षित जनशक्ति  प्रदेश एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपराधिक न्याय तंत्र को मजबूती प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त संस्थान में न्यायपालिका और पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। जिससे वे आधुनिक अपराधों की प्रकृति, गंभीरता व इनसे निपटने के लिए आधुनिक तकनीकी कुशलता हासिल कर सकें। अपराध की विवेचना में आवश्यक उन्नत प्रौद्योगिकी में विशेष ज्ञान अर्जित कर पुलिस-बल त्वरित न्याय की दिशा में आवश्यक कदम उठा सकेंगे। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइसंेज में कुल 8 अनुभाग होंगे, जिनमें भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, कम्प्यूटर साइंस, व्यवहारिक विज्ञान, अपराध विज्ञान, कानून व्यवस्था व पुलिस विज्ञान अनुभाग शामिल है। विभिन्न अनुभागों के अंतर्गत कुल मिलाकर 14 प्रयोगशालाएं होगी जिनमें विषय से संबंधित शोध की सुविधा होगी। इन प्रयोगशालाओं में आग्नेयास्त्र, विस्फोटक, डी0एन0ए0, डेटा एनालिसिस, साइबर सुरक्षा, लाई डिटेक्टर, नारकोएनालिसिस, ब्रेन मैपिंग प्रयोगशालाएं प्रमुख हैं। इंस्टीट्यूट में भारत सरकार द्वारा 15 करोड़ की धनराशि से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डी0एन0ए0 की स्थापना की जाएगी जो डी0एन0ए0 परीक्षण के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान होगा। संस्थान में निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, उप निदेशक, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कुल 356 पद प्रस्तावित है। फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले योग्य अभ्यर्थियों को रोजगार भी मिल सकेगा। संस्थान में बी0एस0सी0, एम0एस0सी0, एम-फिल, पी0एच0डी0, पोस्ट डाक्टोरल रिसर्च, पी0जी0 डिप्लोमा इन फॉरेंसिक साइंस एवं विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन भी किया जाएगा। विभिन्न कोर्सों के अन्तर्गत 500 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। तकनीकी सहयोग के लिए प्रदेश सरकार द्वारा फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी, गुजरात एवं डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है। प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में भयमुक्त वातावरण तथा कानून-व्यवस्था की स्थापना हेतु अनवरत किए जा रहे कार्यों की कड़ी में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना अपराधिक घटनाओं को रोकने तथा त्वरित न्याय की प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होेगी।

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