बच्चों के भविष्य को संवारने में लगे समर्पण कर चुके नक्सली, कर रहे हैं स्कूल निर्माण का कार्य

स्कूल के निर्माण कार्य में जुटे नक्सलियों ने साल 2008 और 2015 में विस्फोट किया था लेकिन अब हृदय परिवर्तन होने के बाद स्कूल को बच्चों के पढ़ने लायक बनाने में जुटे हुए हैं। इस स्कूल में हरा, पीला और गुलाबी रंग का इस्तेमाल किया गया है।
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में स्कूल का निर्माण हुआ है। यह निर्माण आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली मिलकर बना रहे हैं। पहले नक्सलियों ने खुद इस स्कूल को दो बार ध्वस्त कर दिया था लेकिन आत्मसमर्पण के बाद अब उसके निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं।
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नक्सलियों ने दो बार किया था विस्फोट
स्कूल के निर्माण कार्य में जुटे नक्सलियों ने साल 2008 और 2015 में विस्फोट किया था लेकिन अब हृदय परिवर्तन होने के बाद स्कूल को बच्चों के पढ़ने लायक बनाने में जुटे हुए हैं। इस स्कूल में हरा, पीला और गुलाबी रंग का इस्तेमाल किया गया है। आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वापसी के बाद स्कूल निर्माण हमारा पहला लक्ष्य था और फिर हम सड़क निर्माण कार्य को अपना अगला लक्ष्य निर्धारित करेंगे।
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से 10 किमी की दूरी पर मासापार गांव है, जहां के जंगलों में प्राथमिक विद्यालय स्थित है और यह वही प्राथमिक विद्यालय है जिसके निर्माण की जिम्मेदारी आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों ने उठाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक समाचार पत्र से बात करते हुए एक नक्सली ने बताया कि जब हमने हथियारों को छोड़ा तब हमें पता चला कि कितना ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हमें अब जिला प्रशासन की तरह से भी सहयोग मिल रहा है।
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बता दें कि एक जुलाई को 18 नक्सलियों ने 'लोन वर्राटू' अभियान के तहत आत्मसमर्पण किया था। जिसमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं और ये नक्सली सड़क, स्कूल और पुल के साथ-साथ रेलवे ट्रैक में विस्फोट करने में शामिल थे। हालांकि, अब यही लोग इनके निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। यह जानकारी खुद दंतेवाड़ा जिले के एसपी अभिषेक पल्लव ने दी है। बता दें कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए दंतेवाड़ा के कलेक्टर दीपक सोनी ने 3 दिनों के भीतर ही इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी।
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