निगरानी टीम घर-घर जाकर करेगी कोरोना संदिग्धों की जांच घर-घर करेंगी

Surveillance team
विनय शुक्ला । Apr 23 2021 6:18AM

कोरोना संक्रमण में बच्चों के उपर भी बन रहे प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं पर भी जांच के दौरान पूरी जानकारी भरने के निर्देश टीम को दिए गए हैं। इसमें गर्भवती महिला में सांस की समस्या, सर्दी-खांसी या अन्य समस्या पाए जाने पर पूरी जांच के लिए निर्देशित किया गया है।

अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर  जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के बढ़ते आंकड़े और लगातार हो रही मौतों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर संदिग्ध मरीजों की जांच का कार्य आरम्भ कर दिया है। स्वास्थ्य  विभाग, महिला बाल विकास विभाग और राजस्व अमला संयुक्त टीम बनाकर 22 अप्रैल से 7 मई तक लगभग 15 दिनों का सर्वेक्षण अभियान चलाएगें।

 

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इसके लिए पूरे जिले में एक साथ निगरानी के लिए 111 अधिकारियों की टीम गठित की गई है। प्रत्येक टीम 4-5 सदस्यों के साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर दस्तक दे रही हैं। जिसमें वह परिवार के सदस्यों से सम्बंधित जानकारी लेगें। किसी भी व्यक्ति के बाहर से आने, तापमान में बुखार दर्ज होने, सर्दी-खांसी सहित अन्य जानकारी भी यह टीम लेगी। जांच टीम के सदस्यों में एएनएम, आशा कार्यकता ,सुपरवाइजर, पंचायत सचिव सहित जरूरत के अनुसार अन्य सदस्य भी शामिल होंगे। जांच टीम किसी भी परिवार के सदस्य में कोरोना  लक्षण होने पर इसकी जानकारी तत्काल सेक्टर डॉक्टर या बीएमओ को देगा। यहीं नहीं कोरोना संक्रमित गम्भीर मरीज की पहचान पर तत्काल उसे जिला चिकित्सालय कोविड आइसोलेशन वार्ड या कोविड केयर सेंटर भेजवाने की भी व्यवस्था भी बनाएगा।

 

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सीएमएचओ डॉ. एससी राय ने बताया कि वर्तमान में जिलेभर के लिए बनाए गए 111 जांच दलों में से आवश्यकता अनुसार घटाएं या बढ़ाए भी जा सकते हैं। सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। लेकिन जांच टीम के सदस्यों को जिले के 8 लाख 34 हजार की आबादी वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 7 मई तक सर्वेक्षण कार्य पूरा करना होगा। जांच टीम थर्मो स्क्रीनिंग मीटर, ऑक्सो मीटर से जांच करते हुए पूरी जानकारी अपडेट करेंगे और बीएमओ को रोजाना देंगे, जहां से रोजाना सीएमएचओ कार्यालय में उसकी समीक्षा की जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण टीम गांवों या शहरी क्षेत्रों में सुबह 9 बजे से जांच कार्य करेगी जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। जांच में ऑक्सीजन लेबल कम होने वाले मरीजों पर भी निगरानी रखी जाएगी। अगर किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण के साथ ऑक्सीजन लेबल 94 से नीचे पाया जाता है तो उसे जिला चिकित्सालय भेजा जाएगा। जबकि संक्रमण के सामान्य लक्षण मिलने पर सेक्टर मेडिकल अधिकारी या बीएमओ की सलाह पर उसे होम क्वारंटीन के लिए सलाह देते हुए दवाईयां उपलब्ध कराई जाएगी।

 

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कोरोना संक्रमण में बच्चों के उपर भी बन रहे प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं पर भी जांच के दौरान पूरी जानकारी भरने के निर्देश टीम को दिए गए हैं। इसमें गर्भवती महिला में सांस की समस्या, सर्दी-खांसी या अन्य समस्या पाए जाने पर पूरी जांच के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा संदिग्ध मरीजों की तत्काल कोरोना जांच के लिए भी अस्पताल भेजने की सलाह देने की बात टीम सदस्यों से कही गई है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस सर्वेक्षण अभियान में अधिक से अनभिज्ञ मरीज सामने आ सकते हैं।

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