सिविल सेवा परीक्षा में कड़ी मेहनत, धैर्य सफलता की कुंजी है : स्वाति शर्मा

Swati Sharma
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

वहीं इंदौर की अनुष्का शर्मा ने इस परीक्षा में 20वां स्थान हासिल किया है। अपनी सफलता से उत्साहित स्वाति ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरा ध्यान रैंक पर नहीं था, बल्कि प्रतिष्ठित सेवाओं में चयन पर था, जिसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी। मैं अपने तीसरे प्रयास में सफल हुई।’’

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 15वीं रैंक हासिल कर एक आईएएस अधिकारी के तौर पर अपना करियर शुरू करने की इच्छुक जबलपुर की स्वाति शर्मा के लिए कड़ी मेहनत और धैर्य ही सफलता की कुंजी है। वहीं इंदौर की अनुष्का शर्मा ने इस परीक्षा में 20वां स्थान हासिल किया है। अपनी सफलता से उत्साहित स्वाति ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरा ध्यान रैंक पर नहीं था, बल्कि प्रतिष्ठित सेवाओं में चयन पर था, जिसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी। मैं अपने तीसरे प्रयास में सफल हुई।’’

मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली स्वाति ने कहा कि कड़ी मेहनत, धैर्य और आंतरिक शक्ति देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में उनकी सफलता की कुंजी है। स्वाति ने कहा कि उन्होंने दिन में 10-12 घंटे पढ़ाई की। उन्होंने अपनी सफलता का 50 प्रतिशत श्रेय खुद को और बाकी अपने शिक्षकों और माता-पिता को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा लोगों की सेवा करने के लिए एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनना चाहती थी और मुझे यह अवसर मेरे परिवार के सदस्यों, गुरुओं और शुभचिंतकों के आशीर्वाद से मिला है।’’

20वां स्थान हासिल करने वाली अनुष्का शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, दोस्तों और गुरुओं को दिया है। सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों की घोषणा के बाद अनुष्का ने इंदौर में पीटीआई-से कहा, ‘‘मैं इस परीक्षा में अपने पहले प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा का पड़ाव तक पार नहीं कर सकी थी, जबकि दूसरे प्रयास में साक्षात्कार में सफल होने से चूक गई थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपने तीसरे प्रयास में सफलता मिलने तक मेरे परिवार के लोग, दोस्त और मार्गदर्शक यह कहकर लगातार मेरा हौसला बढ़ाते रहे कि इस परीक्षा में सफल होने की काबिलियत मुझ में है और मुझे अपनी कोशिश बंद नहीं करनी चाहिए।’’ अनुष्का ने बताया कि नवी मुंबई और चंडीगढ़ में स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने न्यूयॉर्क के एक विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की उपाधि हासिल की।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में भारत लौटने के बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। अनुष्का के पिता ने कहा कि उन्होंने उन पर कभी कोई दबाव नहीं डाला। उनकी मां ने कहा कि तैयारी के दौरान उसके द्वारा की गई कड़ी मेहनत सराहनीय है। भोपाल की रहने वाली भूमि श्रीवास्तव ने अपने दूसरे प्रयास में 304वीं रैंक हासिल की है। पत्रकार, शिवकुमार विवेक की बेटी, भूमि ने केंद्रीय विद्यालय, भोपाल में अपनी स्कूली शिक्षा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से कॉलेज की पढ़ाई की। आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखने वाली भूमि ने कहा, ‘‘मैं अपनी सफलता से खुश हूं, लेकिन अपनी रैंक सुधारने के लिए फिर से परीक्षा में शामिल होऊंगी।’’

उन्होंने कहा कि वह सेवाओं में शामिल होंगी, क्योंकि उनकी वर्तमान रैंक उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) या भारतीय लेखा सेवाओं में प्रवेश दिलाएगी, लेकिन वह फिर से परीक्षा देंगी। यूपीएससी ने मंगलवार को घोषित किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है और शीर्ष चार में महिला उम्मीदवार रही हैं। आयोग ने कहा कि 933 उम्मीदवार - 613 पुरुष और 320 महिला - सिविल सेवा परीक्षा 2022 में उत्तीर्ण हुए। शीर्ष 25 उम्मीदवारों में 14 महिलाएं और 11 पुरुष शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़