'द ऑस्ट्रेलियन' ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए मौजूदा सरकार को कहा जिम्मेदार, भारतीय उच्चायोग ने किया पटलवार

second wave of Corona in India
अंकित सिंह । Apr 27 2021 6:15PM

लेख में साफ तौर पर कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रहे। इसमें उन तौर-तरीकों की भी आलोचना की गई है जो सरकार के द्वारा हाल के समय में वायरस को कंट्रोल करने के लिए अमल में लाए गए हैं।

वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस की स्थिति  पर पूरी दुनिया की नजर है। विदेशी मीडिया में भी भारत के कोरोना वायरस संकट को प्रमुखता से छापा जा रहा है। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के बारे में द ऑस्ट्रेलियन अखबार ने 26 अप्रैल को एक लेख छपा था जिसमें उसने भारत सरकार के रवैए  की तीखी आलोचना की थी। मोदी के नेतृत्व में भारत में वायरल कयामत (Modi leads India into viral apocalypse) शीर्षक वाली इस खबर के बाद भारत की ओर से द ऑस्ट्रेलियन अखबार को एक पत्र लिखा गया। मुख्य संपादक को भेजे गए इस पत्र में खबर को आधारहीन बताया गया। भारतीय उच्चायोग ने अखबार से कहा कि वह ऐसी खबर ना छापे जो भ्रम पैदा करे। हाई कमीशन ने कहा कि भारत सरकार कोरोना वायरस पर बहुत अच्छे कदम उठा रही है और इसका असर भी दिख रहा है।

लेख के मुताबिक दंभ, खोखले राष्ट्रवाद और नौकरशाही की असफलता की वजह से भारत को यह स्थिति देखनी पड़ रही है। लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली और कुंभ को भी निशाना बनाया गया है। हालांकि भारत की ओर से इसे बेवजह मुद्दा बताया जा रहा है। भारत ने इसे आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बताया है। भारत की ओर से द ऑस्ट्रेलियन अखबार को जो चिट्ठी लिखी गई है उसमें डिप्टी हाई कमिश्नर पीएस कार्थिज्ञान का सिग्नेचर है। पत्र में यह भी कहा गया है कि जिसने भी यह लेख छापी है उसने तथ्यों की जांच के लिए भारत सरकार के किसी अधिकारी से बात करने की जहमत भी नहीं उठाई। अखबार की खबर को भारत की महामारी के खिलाफ लड़ाई को कम करके आंकने की मकसद से छापा गया बताया गया है।

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लेख में साफ तौर पर कहा गया है कि भारत के प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रहे। इसमें उन तौर-तरीकों की भी आलोचना की गई है जो सरकार के द्वारा हाल के समय में वायरस को कंट्रोल करने के लिए अमल में लाए गए हैं। द ऑस्ट्रेलियन की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि कोरोना वायरस की भारत में जो भी स्थिति है उसके लिए वहां का मौजूदा नेतृत्व जिम्मेदार है। इस चिट्ठी में भारत की ओर से यह भी बताया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री के द्वारा वैक्सीन मैत्री की शुरुआत की गई और 80 देशों को वैक्सीन दिया गया। संकट की घड़ी में कैसे भारत में कई देशों को दवाइयां भेजी है। भारत की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि मौजूदा सरकार वर्तमान स्थिति से अच्छी तरह से निपट रही है।

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