मप्र के कुनो में आने से पहले नामीबिया में चीतों का पहला स्वास्थ्य परीक्षण हुआ

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मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में स्थानांतरित हो कर आने वाले चीतों का नामीबिया में चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक दल द्वारा पहली स्वास्थ्य जांच की गई है। यह जानकारी नामीबिया में भारतीय उच्चायुक्त ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी।

भोपाल, 16 अगस्त। मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में स्थानांतरित हो कर आने वाले चीतों का नामीबिया में चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक दल द्वारा पहली स्वास्थ्य जांच की गई है। यह जानकारी नामीबिया में भारतीय उच्चायुक्त ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी। भारतीय उच्चायुक्त के आधिकारिक अकाउंट से सोमवार शाम को ट्वीट किया गया, ‘‘चीता कंजर्वेशन फंड के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के दल ने प्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉ लॉरी मार्कर के नेतृत्व में कुनो नेशनल पार्क मध्यप्रदेश में स्थानांतरित होने वाले चीतों का पहला स्वास्थ्य परीक्षण किया।

इस दौरान उच्चायुक्त प्रशांत अग्रवाल मौजूद रहे। हम नामीबिया के पर्यावरण और पर्यटन मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं।’’ स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि चीतों के दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से अगले महीने केएनपी में आने की उम्मीद है। लंबी यात्रा और पर्यावरण के परिवर्तन के चलते इन चीतों को यहां समायोजित होने में समय लगेगा। अधिकारियों ने कहा कि केएनपी में चीतों के अनुकूलन चरण के लिए बनाए गए पांच वर्ग किमी के बाड़े में छह तेंदुए घुस गए थे। उनमें से दो को खदेड़ दिया गया बाकी चार को कई दिनों से बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि अब इन तेंदुओं को भगाने के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के दो हाथियों को तैनात किया जा रहा है।

एसटीआर के निदेशक एल कृष्णमूर्ति ने पीटीआई-को बताया कि हाथियों ने अपने महावतों के साथ रविवार सुबह सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से केएनपी तक 800 किलोमीटर की यात्रा शुरु कर दी है। इससे पहले मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने कहा था कि लंबी यात्रा के कारण चीते तनाव में आ सकते हैं इसलिए उन्हें अनुकूलता के लिए एक बाड़े में रखना जरूरी है। भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। देश में 1952 से चीते विलुप्त हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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