विवादों से बचने बालिका से पर्ची उठवाकर किया निर्विरोध सरपंच का चयन

बैठक कर चुनावी खर्च का आंकलन कर 4 लाख 20 हजार मंदिर विकास के लिए चयनित सरपंच को जमा करने होंगे। इस प्रक्रिया से ग्रामीण खुश हैं। जिनका मानना है कि बहुत अच्छा हुआ, निर्विध सरपंच बनने से ग्राम पंचायत विवादों से बच गई।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सीहोर जिले के मेवाड़ा समाज बाहुल्य ग्राम पंचायत छापरी कला व छापरी खुर्द में कई पीड़ियों से बसाहट है। पंचायत चुनाव में वर्तमान सरपंच को छाेड़कर अब तक मेवाड़ा समाज में ही सरपंची रही है। लेकिन चुनावी रंजिश दशकों से चली आ रही है। जिसे दूर करने समाजसेवी आगे आए और वर्षो की रंजिश मिटाने चार उम्मीदवारों में से एक कन्या से पर्ची उठवाकर निर्विरोध सरपंच चुना गया।
बताया जा रहा है कि बैठक कर चुनावी खर्च का आंकलन कर 4 लाख 20 हजार मंदिर विकास के लिए चयनित सरपंच को जमा करने होंगे। इस प्रक्रिया से ग्रामीण खुश हैं। जिनका मानना है कि बहुत अच्छा हुआ, निर्विध सरपंच बनने से ग्राम पंचायत विवादों से बच गई।
सीहोर ब्लाक की ग्राम पंचायत छापरी कला व छापरी खुर्द की 15 सौ की आबादी है जिसमें एक हजार दोनो गांव मिलाकर मतदाता है। इनमें करीब 11 सौ मेवाड़ा समाज व 4 सौ अन्य समाज के लिए पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं।
हर बार पंचायत चुनाव में विवाद की स्थिति बनती आई है। सालों से चुनावी रंजिश चली आ रही है जिससे समाज के लोगों में मनमुटाव भी है। वहीं चुनाव के नाम पर लाखों रुपये खर्च होते हैं।
इसको देखते हुए ग्राम चंदेरी के समाजसेवी एमएस मेवाड़ा और युवाओं ने आपसी रंजिश मिटाने सभी ग्रामीणों को बुलाकर बैठक की, जिसमें सरपंच का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की चार लोगों की उम्मीदवारी तय हुई। इन चारो से मंदिर विकास के लिए 11-11 हजार रुपये जमा कराए गए।
वहीं चुनवी खर्च का आंकलन 4 लाख 20 हजार तय कर चारो प्रत्याशी की चयन प्रक्रिया शुरू की गई। इस मौके पर बालिका से एक पर्ची उठवाई गई। जिसमें चंदर सिंह मेवाड़ा का नाम आने पर निर्विरोध सरंपच का ग्रामीणों की सहमति से चयन किया। वहीं सोमवार तक 4 लाख 9 हजार रुपये और जमा कराने की बात कही गई। यदि समय पर पैसे जमा नहीं किए गए तो उसके बाद अन्य तीन प्रत्याशियों में से एक का पर्ची से चयन किया जाएगा।
ग्राम पंचायत में सबसे पहले युवा संगठन तैयार किया, जिसमें प्रस्ताव बनाया कि पूरे गांव में किसी एक को सरपंच चुनना है। गुरुवार को दिन में समिति बनाकर तय किया कि हर घर से कम से कम एक व्यक्ति को बुलाना है। सभी लोगों को बुलाकर मंदिर में बैठक की गई, जिसमें तय हुआ कि जो भी सरपंच के लिए दावेदार हो वह 11-11 हजार रुपये जमा करे।
मध्यनिर्विरोध सरपंच चुने गए चन्दर सिंह मेवाड़ा कहते हैं सरपंच पद के लिए चार उम्मीदवार खड़े हो रहे थे। इसमें गांव वालों ने समिति बनाई और निर्णय लिया कि गांव में एकता कर लेते है। एक आदमी का खड़ा कर ले। इसके बाद सभी ग्रामीण हनुमान मंदिर पर एकत्रित हुए, जहां निर्णय लिया कि एक बच्ची से अपन पर्ची उठवाते हैं। जिसका भी नाम आ जाएगा, उसको सरपंच चुन लेंगे। पूरे गांव वालों की सहमति से यह निर्णय लिया गया। कन्य से जब पर्ची उठवाई तो मेरा नाम आया, जिसके बाद सर्व सम्मति से मेरा चयन किया गया। इससे ग्रामीणों में खुशी है। चुनावी खर्च में आंकलित 4 लाख 20 हजार रुपये की तय राशि मंदिर विकास में दान के रूप में अर्पित किए जाएंगे।
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