बिहार NDA में सीट बंटवारा तय, BJP-JDU 17-17 और LJP 6 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
अमित शाह ने कहा कि हम बिहार में 2014 से भी ज्यादा सीट जीतेंगे। शाह ने कहा कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा इस पर बहुत जल्द फैसला कर लिया जाएगा।
पिछले कई दिनों से बिहार NDA में सीट बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद अब थम गया है। दिल्ली में भाजपा, JDU और लोजपा के अध्यक्षों के बीच हुई बैठक में इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। बैठक के बाद प्रेस को बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बिहार में भाजपा 17, जदयू 17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। भाजपा अपने कोटा से रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजेगी।
BJP President Amit Shah: BJP will fight at 17 seats, Janata Dal (United) at 17 and Lok Janshakti Party at 6 seats in Bihar in upcoming 2019 Lok Sabha elections pic.twitter.com/58hBFvCABr
— ANI (@ANI) December 23, 2018
अमित शाह ने कहा कि हम बिहार में 2014 से भी ज्यादा सीट जीतेंगे। शाह ने कहा कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा इस पर बहुत जल्द फैसला कर लिया जाएगा। बिहार के CM नीतीश कुमार ने भी इस मौके पर कहा कि आने वाले चुनाव में हम बिहार में अच्छी सभलता हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
यह भी पढ़ें: महागठबंधन धनाढ्य परिवारों का गठजोड़, एक बेतुका गठबंधन: मोदी
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर रविवार को आखिरकार सहमति बन गई। सीटों की संख्या को लेकर हुये समझौते को अंतिम रूप देते हुये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की है कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से भाजपा और जद (यू) 17-17 तथा लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी।शाह ने यहां बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की मौजूदगी में यह घोषणा की।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के साथ एक संक्षिप्त बैठक के बाद शाह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि जितना जल्दी हो सके पासवान को राज्यसभा भेजा जाएगा।
शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पिछली बार से अधिक यानि 31 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगा और इसके साथ ही उन्होंने पूर्ण विश्वास जताया कि यह गठबंधन 2019 में फिर से सत्ता में आयेगा। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीट है। इस समझौते से लोजपा को फायदा पहुंचा है। पार्टी को कम सीटें मिलने के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन गठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्त्व वाली रालोसपा के निकलने के बाद मौके का फायदा उठाते हुये लोजपा अपने तेवर कड़ा करते हुये भाजपा के साथ बेहतर सौदा करने में कामयाब रही, जिसके चलते उन्हें छह सीट मिल गयी। नीतीश कुमार भी भगवा पार्टी को अपनी महत्ता समझाने में कामयाब रहे , जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में अब उनको भाजपा के बराबर खड़ा होने का मौका मिल गया, उनकी झोली में कुछ वे सीटें भी आ गयी हैं, जिसपर 2014 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा को अब जीती हुई अपनी 22 सीटों में से कम-से-कम पांच सीटों को जदयू के लिए छोड़ना पड़ेगा।
जद (यू) ने 2014 में अकेले चुनाव लड़ा था और सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिल पायी थी, जबकि लोजपा ने छह सीट अपने नाम की थी।शाह ने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी दल जल्द ही लोकसभा क्षेत्रों के बंटवारे पर निर्णय लेंगे। यहां से पार्टियां 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारेगी। रविवार को इस मौके पर राम विलास पासवान ने कहा कि गठबंधन में कभी कोई समस्या नहीं थी, वे मोदी के नेतृत्व में पांच सालों से ‘‘राजग के पेड़’’ को सींच रहे हैं व उसको मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि देश में फिर से मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी।दलित नेता ने अपनी पार्टी और भाजपा के बीच समझौता कराने में अहम भूमिका निभाने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी धन्यवाद किया।सीट बंटवारे से खुश नजर आने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि 2009 में जब परिणाम राजग के खिलाफ थे तब भी बिहार में राजग को 40 में से 32 सीटें मिली थी।उन्होंने कहा, ‘‘इस बार तो हम उससे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’
अन्य न्यूज़