सुसाइड नोट का दूसरा अंश, अपने सेवादार को सम्पत्ति सौंप गए भय्यू महाराज!

The second part of Suicide Note, bhaiyyu maharaj handed property to his serviceman
[email protected] । Jun 13 2018 6:36PM

भैयू महाराज के कथित सुसाइड नोट में लिखा गया, मैं अपने सारे वित्तीय अधिकार, सम्पत्ति, बैंक खाते और (संबंधित मामलों में) दस्तखत का हक विनायक को सौंपता हूँ, क्योंकि मुझे विनायक पर विश्वास है।

इंदौर। हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भैयू महाराज की आत्महत्या एक दिन बाद उनके कथित सुसाइड नोट का दूसरा अंश सामने आया है जिसमें उन्होंने अपनी चल-अचल सम्पत्ति का जिम्मा अपने एक विश्वस्त सेवादार को कथित तौर पर सौंपने की बात कही है। भैयू महाराज के कथित सुसाइड नोट में लिखा गया, "मैं अपने सारे वित्तीय अधिकार, सम्पत्ति, बैंक खाते और (संबंधित मामलों में) दस्तखत का हक विनायक को सौंपता हूँ, क्योंकि मुझे विनायक पर विश्वास है। मैं यह बात बिना किसी दबाव के लिख रहा हूँ।" पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने संवाददाताओं से बातचीत में पुष्टि की कि भैयू महाराज ने अपने बाइपास रोड स्थित बंगले में कल गोली मारकर जान देने से पहले छोड़े गये पत्र में अपनी सम्पत्ति की जिम्मेदारी को लेकर अपने एक विश्वस्त सहयोगी पर भरोसा जताया है। 

मिश्रा ने विनायक के नाम का उल्लेख किये बगैर बताया, "भैयू महाराज के सुसाइड नोट के एक हिस्से में लिखा गया है कि वह भारी तनाव से तंग आने के कारण जान दे रहे हैं, जबकि इसके पिछले हिस्से में उन्होंने अपने उत्तराधिकार को लेकर उनके एक खास सेवादार पर भरोसा जताया जो पिछले 15 साल से उनसे जुड़ा है।" ।भैयू महाराज की पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में दिल के दौरे के कारण मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में 49 साल की उम्र में मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉ– आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी। आयुषी से उन्हें दो महीने की बेटी है। भैयू महाराज के शोक संतप्त परिवार में उनकी मां कुमुदिनी देशमुख (70) और पहली पत्नी से हुई बेटी कुहू (17) है। भैयू महाराज मध्यप्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके देश भर में फैले अनुयायियों का कुनबा "सूर्योदय परिवार" के नाम से जाना जाता है। वह इंदौर स्थित श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट के माध्यम से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों में कृषि, जल संरक्षण और सामाजिक क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियां चलाते थे। 

इस बीच, विजय नगर क्षेत्र के मेघदूत मुक्तिधाम में भैयू महाराज का अंतिम संस्कार किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनके पार्थिव शरीर को उनकी बेटी कुहू ने मुखाग्नि दी। आध्यात्मिक गुरू की अंत्येष्टि में समाज के अलग-अलग तबकों के सैकड़ों लोग शामिल हुए। राज्य सरकार ने विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों, खासकर नर्मदा किनारे के इलाकों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान चलाने के लिये 31 मार्च को विशेष समिति गठित की थी। इस समिति में शामिल भैयू महाराज समेत पांच आध्यात्मिक नेताओं को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया था।आध्यात्मिक नेताओं को राज्यमंत्री बनाये जाने पर विवाद सामने आने के बाद भैयू महाराज ने घोषणा की थी कि वह नर्मदा नदी को बचाने के लिये "एक आम नागरिक की तरह" काम तो करेंगे। लेकिन राज्य मंत्री दर्जे का कोई भी सरकारी लाभ नहीं लेंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़