"विश्व रंगमंच दिवस" के अवसर पर रंगमंच सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध कलाकारों को किया सम्मानित

Theater Service Foundation President Maganbhai Patel
Prabhasakshi Image

"विश्व रंगमंच दिवस" के अवसर पर एम.जे.लाइब्रेरी के ऑडिटोरियम में संस्था द्वारा संस्था के अध्यक्ष मगनभाई पटेल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया एव विभिन्न कला क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी मगनभाई पटेल द्वारा प्रमाणपत्र एव विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत तिलक कोरी और कलरव दवे के भरत नाट्यम द्वारा की गई थी।

हाल ही में अहमदाबाद मे एम.जे.लाइब्रेरी ऑडिटोरियम में "विश्व रंगमंच दिवस" के अवसर पर नाटक एव थिएटर कलाकारों को सम्मानित करने का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस संस्था द्वारा हर वर्ष लगभग १० से १५ कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिनमें मगनभाई पटेल मुख्य स्पॉन्सर होते हैं। इस संस्था मे १५० वरिष्ठ सदस्य हैं जो एक सफल कलाकार होते हैं। हाल ही में संस्था द्वारा द्वारका-बेटद्वारका,सासन गिर,सोमनाथ,सालंगपुर हनुमानजी मंदिर जैसे तीर्थ स्थानों पर पांच दिवसीय पिकनिक का आयोजन किया गया था, जिसमें मगनभाई पटेल मुख्य स्पॉन्सर थे। यह संस्था ८० (जी) मान्यता प्राप्त संस्था है।

"विश्व रंगमंच दिवस" के अवसर पर एम.जे.लाइब्रेरी के ऑडिटोरियम में संस्था द्वारा संस्था के अध्यक्ष मगनभाई पटेल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया एव विभिन्न कला क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी मगनभाई पटेल द्वारा प्रमाणपत्र एव विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत तिलक कोरी और कलरव दवे के भरत नाट्यम द्वारा की गई थी।


इस सम्मान कार्यक्रम में मगनभाई पटेलने अपने भाषण में कहा कि भारत की विविध संस्कृतियों की विशाल अमूर्त विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा वर्ष १९५३ में संगीत नाट्य अकादमी की स्थापना की गई है,जो आज देश में कला के प्रदर्शन क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था है। संगीत नाट्य अकादमी के पास वर्तमान में ४१ वार्षिक पुरस्कार हैं और अब तक १२९८ से भी अधिक कलाकारों को सम्मानित किया जा चुका है। संगीत नाट्य अकादमी द्वारा चयनित प्रत्येक कलाकार को १ लाख रुपये नकद, एक ताम्रपत्र और एक अंगवस्त्रम प्रदान किया जाता है।

मगनभाई पटेलने आगे कहा कि "विश्व रंगमंच दिवस" मनाने की शुरुआत अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से हुई थी,वहां के ब्रॉडवेव रोड इलाके में "लायन किंग" नामक नाटक का प्रदर्शन आज भी हो रहा है। वहाँ आज भी ४० से ५० थिएटर हैं जिनमें आज भी हररोज नाट्य कार्यक्रम हो रहे हैं। कुछ नाटक तो १२ साल से लगातार चल रहे हैं। कला और नाटक के क्षेत्र में आधुनिकीकरण होने के बावजूद नाटकों का महत्व आज भी कम नहीं हुआ है,जिसे पश्चिमी देशों में नाटकों के प्रति दीवानगी कहा जा सकता है।

 

मगनभाई पटेलने अपने भाषण में आगे कहा कि आज देश में गीत-संगीत, मिमिक्री,डांस के लिए अलका याग्निक,हिमेश रेशमिया,जावेद अली,नेहा कक्कड़, विशाल ददलानी जैसे भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर आयोजक द्वारा डांस इंडिया डांस,इंडिया गॉट टैलेंट,इंडियन आइडल,सुपरस्टार सिंगर जैसे विभिन्न शो दिखाए जाते हैं जिसमें वे सामान्य एव खराब आर्थिक परीस्थितिवाले परिवार के लोगों को एक मंच प्रदान करके न्हें प्रोत्साहित करते हैं। जिस में हाल ही में बाल गायकों मे "मणि" नाम का एक बाल कलाकार इस मंच के माध्यम से बहुत लोकप्रिय हुआ है,ऐसे कई बाल और युवा कलाकार हैं जिनके गाने सुनकर विभिन्न शो के आयोजक काफी भावुक हो जाते हैं और उनकी आंखों से आंसू निकल आते हैं जो इस देश की संस्कृति को छू जाता है। इसके अलावा "कौन बनेगा करोड़पति" जैसे शो में सामान्य व्यक्ति का चयन उसकी काबिलियत एव नॉलेज से किया जाता है और जिसके हॉस्ट सिनेमा जगत के महानायक अमिताभ बच्चन हैं उनके साथ नेशनल टेलीविज़न के माध्यम से पूरा देश उसको देखता है, यह सभी गतिविधियाँ रंगमंच कला का ही परिणाम हैं।

मगनभाई पटेलने आगे बताया की पहले के समय मे ग्रामीण इलाके की स्कुलोमे कठपुतली, नाटक, गीत-संगीत, जादू के करतब जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते थे।समय के साथ इन बच्चों का परिचय बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशकों से होने लगा और अपनी कला के विकास के साथ ये आज बड़े कलाकार बन गये हैं।आज देश के साथ-साथ गुजरात में भी हिंदी और गुजराती फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई कलाकार हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति को दुनिया के सामने पेश करने में अहम भूमिका निभाई है।इस तरह देश के अन्य राज्यों के कलाकारोंने भी अपने राज्य की कला संस्कृति को दुनिया के सामने रखकर काफी लोकप्रियता हासिल की है। आज की भागदौड़ एव तनावपूर्ण स्थिति में गीत-संगीत,नृत्य,मिमिक्री जैसे कई मनोरंजन कार्यक्रम व्यक्ति को आराम देने का काम करता है।जब कोई व्यक्ति बीमार या अस्पताल में भर्ती होता है तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से दिखाई जानेवाले कार्यक्रम से स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इसके बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। 


भारत में इस सांस्कृतिक विरासत एव इससे जुड़े कलाकारों का संरक्षण आज की जरूरत बन गया है तब हर साल २७ मार्च को पूरे देश में "विश्व रंगमंच दिवस" के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सभी रंगमंच के कलाकारों को उनके योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान देकर सम्मानित किया जाता है।

इस कार्यक्रम में १०० से भी अधिक नाटकों में अपने सशक्त अभिनय से लोकप्रियता हासिल करनेवाले पुराने रंगमंच के अभिनेता बालकृष्णभाई व्यास,इसके अलावा भवाई की कला को दूरदराज के गांवों तक ले जानेवाले "भाथी" के नाम से मशहूर बलदेवभाई नायक,गुजरात राज्य संगीत नाट्य अकादमी द्वारा ४ बार "सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री" का पुरस्कार प्राप्त करनेवाली अभिनेत्री श्रीमती शीलाबेन दानी,गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त करनेवाले अनिलभाई दवे,कठपुतली के पारंपरिक कार्य को आज भी कायम रखनेवाले कठपुतली कलाकार धर्मेशभाई भट्ट,थिएटर जगत में अपने नाटकों के सेट के लिए जानेवाले सायोनारा सेट के कलाकार दिनेशभाई,भरतनाट्यम एवं लोकनृत्य में विश्वस्तरीय ख्याति अर्जित करनेवाले अत्यंत युवा कलाकार तिलकराम कोरी एवं कथक विशेषज्ञ-मास्टर डिग्री प्राप्त कलरव दवे आदि सभी कलाकारों को मगनभाई पटेल द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक हिमांशुभाई संपत को भी मगनभाई पटेल द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन रमेशभाई करोलकरने किया था। इस कार्यक्रम में रंगमंच सेवा फाउंडेशन के ट्रस्टी सुभाषभाई भट्ट,राजेंद्रभाई व्यास, जनकभाई दवे, आशीषभाई गांधी,जयश्रीबेन पारिख,प्रताप सिंह डाभी (कवि) एवं अन्य गणमान्य लोगोने उपस्थित रहकर इस सुंदर कार्यक्रम का आनंद लिया। 


यहां यह बताना जरूरी है कि रंगभूमि की मशहूर अभिनेत्री स्वर्गीय चारुबेन पटेल के साथ-साथ अन्य दिवंगत अभिनेताओं को भी श्रद्धांजलि दी गई, जिन्होंने १५० से भी अधिक नाटकों में अपनी अभिनय प्रतिभा से प्रसिद्धि हासिल की है।भारतीय रंगमंच ने भारतीय सिनेमा और रंगमंच जगत को शीर्ष अभिनेता दिये हैं और देश की संस्कृति,धर्म और देशभक्ति को संरक्षित किया जा रहा है जो इसी रंगमंच की बदौलत है।

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