ट्रंप की यात्रा से किसी महत्वपूर्ण परिणाम के सकारात्मक संकेत नहीं हैं: आनंद शर्मा
कांग्रेस नेता शर्मा ने दावा किया कि यात्रा के दौरान न कोई व्यापार समझौता होगा न ही सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) के तहत भारत के दर्जे की बहाली होगी, जो पूर्व में थी। वहीं कृष्णा ने कहा कि चीन भी इस यात्रा और इस दौरान होने वाली बातचीत पर निगाह रखेगा।
नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने रविवार को कहा कि अभी तक ऐसे कोई सकारात्मक संकेत नहीं हैं कि इस यात्रा का कोई महत्वपूर्ण परिणाम होगा। हालांकि पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा का मानना है कि यह यात्रा महत्व रखती है क्योंकि अमेरिका और भारत दोनों को अपने बीच संबंध को पोषित करने और उसे बरकरार रखने की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप 24 से 25 फरवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। शर्मा ने कहा कि यात्रा इस तथ्य के मद्देनजर महत्वपूर्ण है कि अमेरिका एक बड़ी शक्ति है, लेकिन केवल इतना ही है। शर्मा ने कहा, ‘‘अभी तक मुझे किसी प्रमुख नतीजे का कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। यह रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग और अंतरिक्ष एवं परमाणु विज्ञान में हमारे सहयोग की पुन: पुष्टि होगी। यह चल रहा है और यह कोई नयी बात नहीं होगी।’’ वहीं संप्रग सरकार में विदेश मंत्री रहे और अब भाजपा में आ चुके कृष्णा का मानना है कि ट्रंप की यात्रा यद्यपि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के वर्ष हो रही है और वहां बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय वोट करेंगे लेकिन ‘‘इसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए कि क्षेत्र में क्या हो रहा है।’’
Cong asks PM Modi if he will raise easing of H-1B visas for Indians, restoration of GSP status and security concerns vis-a-vis Taliban with Trump
— Press Trust of India (@PTI_News) February 23, 2020
कृष्णा ने कहा कि चीन भी इस यात्रा और इस दौरान होने वाली बातचीत पर निगाह रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत महत्वपूर्ण यात्रा है। अमेरिका और भारत के बीच बहुत घनिष्ठ और महत्वपूर्ण संबंध हैं, विशेष तौर पर परमाणु समझौते के बाद। हम एकदूसरे के रणनीतिक रूप से निकट आये हैं और संबंध को पोषित करना और उसे बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।’’ इसके संभावित परिणामों के बारे में पूछे जाने पर कृष्णा ने कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे से वह अवगत नहीं हैं। हालांकि कुछ समझौतों पर निश्चित रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब इस तरह की बैठक होती हैं तो दोनों देशों से संबंधित मुद्दे जरूर आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसका द्विपक्षीय होना जरूरी नहीं है क्योंकि हो सकता है कि परिणाम के ऐसे प्रभाव हो सकते हैं जो क्षेत्र से संबंधित हों। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान पर निश्चित रूप से चर्चा होगी। कांग्रेस नेता शर्मा ने दावा किया कि यात्रा के दौरान न कोई व्यापार समझौता होगा न ही सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जीएसपी) के तहत भारत के दर्जे की बहाली होगी, जो पूर्व में थी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई व्यापार समझौता नहीं होगा। मिल रहे संकेतों और अमेरिका के नकारात्मक बयानों को देखते हुए जीएसपी की बहाली नहीं होने जा रही।’’
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शर्मा ने कहा, ‘‘भारत को विकसित देशों की सूची में डालकर, अमेरिका एच1बी वीजा और उन पहुंच में काफी कटौती करेगा जो भारत को एक विकासशील देश के तौर पर उपलब्ध थे। .. इसलिए देखते हैं। एक हेलीकाप्टर सौदे के अलावा कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या कोई परिणाम सामने आते हैं।’’ राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आज एक संदेश देंगे और कल दूसरा संदेश देंगे। उन्होंने पूर्व में ऐसा किया है। मत भूलिये कि ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के बाद कैसे वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिले थे। इसलिए हमें इंतजार करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे (अमेरिका) जो अफगानिस्तान में कर रहे हैं उसके लिए उन्हें पाकिस्तान की भी जरूरत है।’’ शर्मा ने कहा कि ट्रंप की यात्रा को चीन की बढ़त को संतुलित करने के एक प्रयास के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘चीन हमसे पांच गुना बड़ा है। भारत ऐसी स्थिति में नहीं कि संतुलन बना सके। अमेरिका के चीन के साथ अपने समीकरण हैं (जिसे) किसी को भूलना नहीं चाहिए। वे बातें करते हैं लेकिन जल्दी ही समझौते कर लेते हैं। उनका एक व्यापार समझौता है। देखते हैं।’’
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