मुट्ठी में होगी दुनिया, Chandrayaan 3 की लैंडिंग के लिए 23 अगस्त को चुनने के पीछे खास है कारण, जानें यहां...

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रितिका कमठान । Aug 23 2023 1:54PM

ये अवधि पांच सितंबर तक जारी रहेगी, इस दौरान दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकली रहेगी। इस दौरान चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और इससे इसके मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जब चंद्रमा पर रोशनी नहीं होती है तो उस दौरान यहां का तापमान माइनस 230 डिग्री तक पहुंच जाता है।

'चांद पर होंगे कदम'... 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे जैसे ही भारत के इसरो का चंद्रयान 3 चांद की सतह को छुएगा वैसे ही भारत इतिहास रच देगा। इस कदम के साथ ही चांद भारत की मुट्ठी में आ जाएगा। चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस पल का साक्षी बनने के लिए पूरा भारत बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

चंद्रयान 2 की क्रैश लैंडिंग होने के बाद इसरो और पूरे देश की धड़कने चंद्रयान 3 की लैंडिंग को लेकर बढ़ी हुई है। इस बार इसरो ने लैंडिंग करने के लिए तैयारी बेहद जोरदार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रयान 3 की लैंडिंग इस बार जरुर होगी। इसरो ने इस खास पल के लिए 23 अगस्त की तारीख चुनी है। इस तारीख को चुने जाने के पीछे भी खास कारण बताया गया है। इसरो ने काफी सोच विचार कर ही इस तारीख को चुना है।

जानकारी के मुताबिक चंद्रयान 3 का लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरेगा। इसके बाद रोवर अपने मिशन को अंजाम देने में जुटेगा। इसके लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करेगा। चांद पर आमतौर पर 14 दिन तक दिन और 14 दिन तक रात होती है। चंद्रयान अगर ऐसे समय पर उतरेगा की वहां रात होगी तो उस दौरान उसका चांद पर काम करना संभव नहीं होगा।

इसरो ने ये अनुमान लगाया है कि 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज की रोशनी होगी। रात का समय चादं पर 22 अगस्त को समाप्त हुआ है, जिसके बाद आगामी 14 दिन चांद पर सौर ऊर्जा उपलब्ध होगी जिससे चंद्रयान को काम करने में मदद मिलेगी। ये अवधि पांच सितंबर तक जारी रहेगी, इस दौरान दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकली रहेगी। इस दौरान चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और इससे इसके मिशन को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जब चंद्रमा पर रोशनी नहीं होती है तो उस दौरान यहां का तापमान माइनस 230 डिग्री तक पहुंच जाता है। इस तापमान में रोवर का काम करना संभव नहीं होगा। इसलिए मिशन को तब अंजाम दिया जाएगा जब यहां रोशनी होगी।

पहला देश बनेगा भारत

चंद्रयान 3 ये खोजेगा कि चांद पर इंसानी बस्ती कैसे बसाई जा सकती है। भारत के इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग अब तक किसी देश ने नहीं की है। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है।

सेफ लैंडिंग की जगह देख रहा लैंडर विक्रम

चंद्रयान-3 का लैंडर 'विक्रम' अब अपने कैमरे LHDAC से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऐसी जगह तलाश रहा है, जहां बड़े पत्थर और गहरे गड्ढे न हों। जिससे कि बुधवार शाम 6:04 बजे वह सॉफ्ट लैंडिंग कर सके। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने सोमवार को कहा कि विक्रम में लगा कैमरा खतरे का पता लगाने और बचाव में सक्षम है। यह सॉफ्ट लैंडिंग के लिए प्रस्तावित जगह की मैपिंग कर उसकी तस्वीरें ले रहा । इसकी खींची ब्लैक ऐंड वाइट तस्वीरें ऐसी लैंडिंग साइट ढूंढने में मदद करेंगी, जहां बड़े पत्थर और गहरी खाई न हो। इस कैमरे की मदद से विक्रम तमाम चुनौतियों को पहले ही भांपने में सक्षम है। दरअसल, लैंडर को चांद के साउथ पोल में उतरना है, जिसके बारे में दुनिया अब तक अंधेरे में है और उस हिस्से के बारे में बेहद कम जानकारी है।

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