2जी आवंटन में कोई अपराध नहीं हुआ, ‘कुछ लोगों को’ माफी मांगने की जरूरत: खुर्शीद
![There is no crime in 2G allocation, ''some people'' need to apologize: Khurshid There is no crime in 2G allocation, ''some people'' need to apologize: Khurshid](https://images.prabhasakshi.com/2018/5/_650x_2018053120351821.jpg)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने संप्रग सरकार के समय के 2जी मामले के संदर्भ में आज कहा कि इसमें किसी तरह का अपराध नहीं हुआ था और ऐसे में कुछ लोगों को माफी मांगने की जरूरत है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने संप्रग सरकार के समय के 2जी मामले के संदर्भ में आज कहा कि इसमें किसी तरह का अपराध नहीं हुआ था और ऐसे में कुछ लोगों को माफी मांगने की जरूरत है। इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी माना कि अगर इस मामले में नीतियों को लेकर सवाल उठते तो संप्रग सरकार के लिए बचाव करना आसान होता है, लेकिन कथित अपराध का पहलू आने की वजह से बचाव मुश्किल हुआ और ‘अपराध के पहलू वाले शोर-शराबे’ में बहुत सारी चीजें दब गईं।दोनों नेताओं ने सलमान खुर्शीद द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘स्पेक्ट्रम पॉलिटिक्स’ के विमोचन के मौके पर अपने विचार रखे। यह पुस्तक 2जी मामले पर ही प्रकाश डालती है। खुर्शीद ने कहा, ‘‘ हमने कुछ नहीं गलत किया। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि इस मामले में कोई अपराध नहीं हुआ था। ऐसे में कुछ लोगों को माफी मांगने की जरूरत है। मैं आशा करता हूं कि आने वाले समय में कोई सामने आएगा और कहेगा कि जो पहले कहा गया वो सही नहीं था।’’
माना जा रहा है कि उनका इशारा उस वक्त के विपक्ष खासकर भाजपा की ओर था जिसने 2जी को बड़ा मुद्दा बनाया था और सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरा था। गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में सीबीआई अदालत ने इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनिमोई सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।चिदंबरम ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल की रिपोर्ट आई। फिर जेपीसी की रिपोर्ट आई और बाद में अदालत का फैसला आया। चीजें सामने हैं। लेकिन आज स्थिति यह है कि न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल की रिपोर्ट के बारे में अधिकतर लोगों को नहीं पता है।’’
उन्होंने संप्रग सरकार के समय की ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति के आधार पर स्पेक्ट्रम के आवंटन का बचाव करते हुए कहा, ‘‘यह नीति वाजपेयी सरकार के समय बनी थी और इसके बाद के दूरसंचार मंत्री ने इसी नीति को आगे बढ़ाया। बहुत सारे लोगों को यह पता नहीं है कि यह नीति वाजपेयी के समय की है।पूर्व नौकरशाह और जदयू नेता पवन वर्मा ने कहा कि इस मामले के सामने आने के समय कांग्रेस का बचाव बहुत कमजोर था जबकि बहुत सारे तथ्य सामने थे।उन्होंने यह भी कहा कि अदालत के फैसले के पहले ही यह किताब लिख दी जानी चाहिए थी।टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े और कहा कि स्पेक्ट्रम पर सकारात्मक शुरूआत राजीव गांधी के समय हुई थी और आज भारत के सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में बड़ी ताकत होने का श्रेय राजीव गांधी सरकार के समय की नीतियों को जाता है।
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