भारत में विभिन्न धर्मो के बीच कोई भेद नहीं होता है: नरेन्द्र मोदी

There is no difference between different religions in India: Narendra Modi
[email protected] । Apr 30 2018 7:55PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत में विभिन्न धर्मो के बीच कोई भेद नहीं होता है और हमारा किसी देश या विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत में विभिन्न धर्मो के बीच कोई भेद नहीं होता है और हमारा किसी देश या विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘भारत का किसी देश या उसकी विचारधारा पर हमला करने का कोई इतिहास नहीं रहा है। हमने धर्मो के बीच किसी तरह का विभेद करने का कभी कोई प्रयास नहीं किया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखंड के बाद अनेक वजहों से हमारे यहां अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य उस तरीके से नहीं हुआ, जैसे होना चाहिए था लेकिन उनकी सरकार भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिये व्यापक दृष्टि के साथ काम कर रही है। 

बुद्ध जयंती-2018 के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बौद्ध सर्किट के लिए सरकार 360 करोड़ रुपए से ज्यादा स्वीकृत कर चुकी है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात में बौद्ध स्थलों का और विकास किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि 2500 वर्ष बाद भी भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमारे बीच हैं। निश्चित तौर पर हमारे पहले जो लोग थे, इसमें उनकी बड़ी भूमिका रही है। यह हमसे पहले वाली पीढ़ियों का योगदान था कि आज हम बुद्ध पूर्णिमा पर इस तरह के कार्यक्रम कर पा रहे हैं। समारोह में उपस्थित लोगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब आने वाला मानव इतिहास आपकी सक्रिय भूमिका का इंतजार कर रहा है। मैं चाहता हूं कि आज जब आप यहां से जाएं, तो मन में इस विचार के साथ जाएं कि 2022 में, जब हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मना रहा होगा, तब तक ऐसे कौन से 5 या 10 संकल्प होंगे, जिन्हें आप पूरा करना चाहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सरकार भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिए एक बृहद विजन पर भी काम कर रही है। महात्मा बुद्ध के संदेश के महत्व को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि समय की मांग है कि संकट से अगर विश्व को बचाने के लिए, बुद्ध का करुणा, प्रेम का संदेश काम आता है तो बुद्ध को मानने वाली सभी शक्तियां को सक्रिय होना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने भी कहा था कि उनके बताये हुए रास्ते पर संगठित होकर चलने से ही सामर्थ्य प्राप्त होगा ।उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध कहते थे कि किसी के दुख को देखकर दुखी होने से ज्यादा बेहतर है कि उस व्यक्ति को उसके दुख को दूर करने के लिए तैयार करो, उसे सशक्त करो।मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे प्रसन्नता हैं कि हमारी सरकार करुणा और सेवाभाव के उसी रास्ते पर चल रही हैं जिस रास्ते को भगवान बुद्ध ने हमें दिखाया था।’’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी।

प्रधानमंत्री ने कहा "21 वीं सदी में भगवान बुद्ध की शिक्षाएं अत्यधिक प्रासंगिक हैं। उनका जीवन समाज से पीड़ा की समाप्ति एवं अन्याय दूर करने के लिए समर्पित था। उनकी दया भावना से वह लाखों लोगों के प्रिय बन गए। सभी को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं।" संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संगठन (आईबीसी) के सहयोग से शुभ 'बुद्ध जयंती-2018' आयोजित किया गया है जिसमें बौद्ध परंपरा के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है।

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