Ravi Shankar Prasad Birthday: रविशंकर प्रसाद ने पटना की गलियों से लेकर केंद तक ऐसे तय किया सफर, आज मना रहे 69वां जन्मदिन

Ravi Shankar Prasad Birthday
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भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता, मुख्य प्रवक्ता और लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद आज यानी की 30 अगस्त को अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। रविशंकर प्रसाद की छवि अन्य नेताओं से अलग और अनोखी है। रविशंकर प्रसाद ने राजनीति की गलियों में जीत का परचम लहराया। वह कई पदों पर रहे और कई चुनाव जीते।

आज यानी की 30 अगस्त को वरिष्ठ वकील, राजनेता, भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता, मुख्य प्रवक्ता और लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। पटना की सड़कों से होकर केंद्र सरकार में शामिल होने का गौरव प्राप्त करने वाले रविशंकर प्रसाद की छवि अन्य नेताओं से अलग और अनोखी है। रविशंकर प्रसाद ने राजनीति की गलियों में जीत का परचम लहराया। वह कई पदों पर रहे और कई चुनाव जीते। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और शिक्षा

पटना हाई कोर्ट के वकील ठाकुर प्रसाद के घर 30 अगस्त 1954 को रविशंकर प्रसाद का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम ठाकुर प्रसाद और मां का नाम विमला प्रसाद था। पटना में जन्मे रविशंकर प्रसाद मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे। रविशंकर प्रसाद को केंद्रीय सत्ता की खुशबू इतनी आसानी से नहीं मिली। बल्कि इसके लिए उन्हे कठिन मेहनत करनी पड़ी। अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. किया। इसके बाद ऑनर्स और एम.ए. (राजनीति विज्ञान) और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की।

राजनीतिक सफर

रविशंकर प्रसाद के पिता जनसंघ की विचारधारा के कट्टर समर्थक और सहयोगी थे। अपने पिता के नक्शेकमद पर चलते हुए रविशंकर प्रसाद ने भी मोर्चा संभाला और पटना यूनिवर्सीटी से छात्र राजनीति में कदम रखा। बता दें कि जनसंघ के संस्थापकों में उनकी भूमिका काफी अहम रही। साल 1974-75 में इंदिरा सरकार द्वारा आपातकाल लगाए जाने के दौरान रविशंकर प्रसाद ने जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। सरकार का विरोध करने के कारण जेपी आंदोलन के प्रमुख नेताओं के साथ रविशंकर प्रसाद को भी जेल यात्रा करनी पड़ी। 

छात्र राजनीति के दौर में पटना में कांग्रेस की विचारधारा के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन किया जाता था। वहीं रविशंकर ने लंबे समय तक पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के सहायक महासचिव के तौर पर भी कार्य किया। छात्र राजनीति के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और काफी समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़े रहे। इसके बाद साल 1980 में उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी की और एक वकील के रूप में पटना उच्च न्यायालय में अभ्यास करना शुरू किया। करीब 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद साल 1999 में वह पटना उच्च न्यायालय के वकील बने। 

इसके बाद साल 2000 में उनको सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख अधिवक्ताओं में भी चुना गया। जिसके बाद वह एक वरिष्ठ वकील के तौर पर जानी जाने लगी। एक राजनेता के तौर पर रविशंकर प्रसाद ने पांच वर्षों से अधिक समय तक भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। वहीं साल 1995 में रविशंकर प्रसाद की किस्मत के सितारे ने चमकना शुरू किया। इस दौरान उनको बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया।

साल 2000 में उनके प्रदर्शन को देखते हुए रविशंकर प्रसाद को राज्यसबा का सदस्य बनाया गया। वहीं साल 2001 की सितंबर महीने में रविशंकर प्रसाद ने अटल सरकार में केंद्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली। साल 2002 में उन्होंने कानून और न्याय राज्य मंत्री के तौर पर अतिरिक्त प्रभार संभाला। फिर साल 2003 में वह केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बने और राजनीतिक नेता के तौर पर अपने कद को बढ़ाने में सफल हुए।

इस समय के बाद बीजेरी सत्ता से दूर रही। लेकिन रविशंकर प्रसाद विपक्ष नेता के तौर पर काम करते रहे। जिसके कारण उन्हें विभिन्न राजनीतिक एवं गैर-राजनीतिक लाभ भी प्राप्त हुए। विश्व स्तर के मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाने के लिए रविशंकर प्रसाद ने कठिन परिश्रम किया। साल 2000 में रविशंकर प्रसाद को भारतीय प्रतिनिधिमंडल के मुख्य नेता के रूप में डरबन, दक्षिण अफ्रीका जाने का मौका मिला। वहीं साल 2006 में अमेरिका में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम में भारत ने हिस्सा लिया। साल 2006 में रविशंकर को एक बार फिर राज्यसभा के लिए चुना गया। साथ ही उनको बीजेपी का प्रवक्ता भी बनाया गया।

साल 2012 में रविशंकर प्रसाद तीसरी बार राज्यसभा के सदस्य बनें और बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता होने की जिम्मेदारियां निभाई। इसके बाद साल 2014 में मोदी सरकार में वह कैबिनेट मंत्री बने। इसके साथ ही उन्हें कानून और न्याय मंत्री भी बनाया गया। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रविशंकर प्रसाद अपने गृहजिला और बिहार की राजधानी पटना से कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ जीत दिलाने में कामयाब रहे। जिसके बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर कानून और न्याय मंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

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