देशभर के किसान अपनी मांगों के साथ पहुंचे दिल्ली के रामलीला मैदान
देश भर से हजारों किसान कर्ज में राहत और उपज के उचित मूल्य समेत अपनी कई मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दो दिन के प्रदर्शन के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में जुटने शुरू हो गए।
नयी दिल्ली। देश भर से हजारों किसान कर्ज में राहत और उपज के उचित मूल्य समेत अपनी कई मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दो दिन के प्रदर्शन के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में जुटने शुरू हो गए। किसान नेताओं ने बताया कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के किसान तीन बड़े रेलवे स्टेशनों आनंद विहार, निजामुद्दीन तथा सब्जीमंडी के बिजवासन से आएंगे और राष्ट्रीय राजधानी में चार अलग मार्गों पर मार्च करेंगे।
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Our young friends from Delhi University join #KisanMuktiMarch
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) November 29, 2018
This is the India of 21st century, where compassion is the Mantra. pic.twitter.com/taRNb3AolA
मार्च करने वाले सभी किसान शाम तक रामलीला मैदान पर एकत्रित हो जाएंगे। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के किसान सुबह साढ़े दस बजे तक आने शुरू हो गए। अखिल भारतीय किसान सभा की दिल्ली इकाई में पदाधिकारी कमला ने बताया कि किसान मजनूं के टीला पर भी पहुंच गए हैं, वहां से वे रामलीला मैदान जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि दोपहर तीन बजे तक देशभर के किसान रामलीला मैदान में आ जाएंगे।’ पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रैली के लिए उन्होंने व्यापक बंदोबस्त किए हैं। उस दिन वह रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक मार्च करेंगे।
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एक लंबा काफिला #KisanMuktiMarch ...
— Swaraj India (@_SwarajIndia) November 29, 2018
किसान एकजुट हो चुके हैं, अब और नहीं सहेंगे
यह लड़ाई आज शुरू हो चुकी है।
हजारों की संख्या में पहुंचे किसान मजदूर अंदोलन को लेकर गजब के उत्साह में हैं। नारों की गूंज से पूरा आसमान गुंजायमान है। pic.twitter.com/99Bf4dxniR
किसानों के समर्थक ट्विटर पर आम लोगों से मार्च में शामिल होने का अनुरोध कर रहे हैं। राजनीतिक कार्यकर्ता योंगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ‘किसान मुक्ति मार्च शुरू करने जा रही महिला किसानों ने बिजवासन में हमारा अभिवादन किया। आप किसान नहीं हैं तो भी हमारे साथ आएं। उन हाथों को थामें जो हमारा पेट भरते हैं। जय किसान।’ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट में लिखा कि किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है।
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