ट्रेड यूनियन हड़ताल: बैंकिंग सेवाओं पर रहा असर, कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित
ट्रेड यूनियनों ने दावा किया था कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। देशभर में कहीं पर भी जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने की कोई खबर नहीं है। अधिकांश जगहों पर रेल सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं जबकि बिजली उत्पादन, तेल रिफाइनरी और पेट्रोल पंप सामान्य रूप से चलते रहे।
नयी दिल्ली। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का बुधवार को कई प्रकार की बैंकिंग सेवाओं पर देश भर में असर दिखा लेकिन आवश्यक सेवाएं सामान्य रहीं । बंगाल और केरल में तथा पूर्वोत्तर राज्य असम में हड़ताल से सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित रहा। यूनियनों ने केंद्र की आर्थिक नीतियों को मजदूर और जनविरोधी बताते हुए इस एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया है। बुधवार को अधिकांश जगह बैंकों की शाखाएं खुली हुई थीं लेकिन बैंक कर्मचारियों के हड़ताल का समर्थन करने से देश में कई जगह बैंकों में नकदी जमा करने और निकालने समेत कई सेवाएं प्रभावित हुईं। त्रिपुरा जैसे कुछ स्थानों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों की कई शाखाएं बंद रहीं। सरकारी विभागों के कामकाज पर हड़ताल का असर नहीं पड़ा है। इस दौरान, ट्रेड यूनियनों ने जगह जगह छोटे-मोटे धरने-प्रदर्शन भी किए।
A protest march underway in Delhi. Ten trade unions have called for #BharatBandh today against 'anti-worker policies of Central Govt' pic.twitter.com/9izGlmbAvp
— ANI (@ANI) January 8, 2020
ट्रेड यूनियनों ने दावा किया था कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। देशभर में कहीं पर भी जरूरी सेवाओं पर असर पड़ने की कोई खबर नहीं है। अधिकांश जगहों पर रेल सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं जबकि बिजली उत्पादन, तेल रिफाइनरी और पेट्रोल पंप सामान्य रूप से चलते रहे। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का वाम मोर्चा शासित केरल में करीब-करीब हर जगह असर दिखा। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और निजी आपरेटरों की बसें सुबह से ही सड़कों पर नहीं दिख रही थीं। तिरुवनंतपुरम में केएसआरटीसी की नगर और लंबी दूरी के मार्गों की बस सेवाएं बंद रहीं। सड़कों पर वाहनों और ऑटो रिक्शा की आवाजाही भी कम थी। वहीं, पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। हड़ताल समर्थकों ने राज्य के कुछ हिस्सों में रैलियां निकालीं और उत्तर 24 परगना जिले में सड़कों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तत्काल वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उन्हें हटा दिया।
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कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी। इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं। शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है। उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया। असम में हड़ताल से आम जनजीवन प्रभावित रहा क्योंकि सड़कों में वाहनों की संख्या कम रही और बाजार भी बंद रहे। गुजरात में बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। राज्य में परिवहन सेवा पूरी तरह से सामान्य रही और कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के दफ्तर भी खुले रहे। ट्रेड यूनियनों का दावा है कि गुजरात में कई हिस्सों में कारखाने में उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि, उद्योगपतियों ने कारोबार सामान्य रहने की बात कही है। ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का त्रिपुरा में मिला-जुला असर देखने को मिला। वहां रेल और वाहन सेवा सामान्य रहने के बावजूद कई जगहों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कार्यालय बंद रहे। सरकार ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कहा था कि वे अपने कर्मचारियों को हड़ताल से दूर रहने को कहें। साथ ही कामकाज के सुचारू तरीके से संचालन को आपात योजना भी तैयार करने की सलाह दी थी।
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अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया कि हम बैंक विलय, निजीकरण, शुल्क वृद्धि और वेतन से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल है। उन्होंने बताया, हम महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की नीतियों के खिलाफ अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोगों के भाग लेने का अनुमान व्यक्त किया गया है। कौर ने कहा कि हमारी अन्य मांगों में सभी के लिए 6000 रुपये न्यूनतम पेंशन, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और लोगों को राशन की पर्याप्त आपूर्ति शामिल हैं। कौर ने दावा किया , हमें पूरे देश भर से खबरें मिल रही हैं। भेल के कर्मचारी हड़ताल परहैं। ऑयल यूनियन हड़ताल पर है। पूर्वोत्तर, ओडिशा, पुडुचेरी, केरल और महाराष्ट्र में बंद की स्थिति है।
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