पीएम केयर्स फंड मामले में बोले खट्टर, शासन के सभी पहलुओं में पारदर्शिता मोदी सरकार का आदर्श वाक्य है
उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह उन लोगों के लिए ‘झटका’ है जो ‘अपने पापों से’ ध्यान हटाने के लिए अपने निहित एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे।
चंडीगढ़। पीएम केयर्स फंड संबंधी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि शासन के सभी पहलुओं में पारदर्शिता नरेंद्र मोदी सरकार का आदर्श वाक्य है और देश के नागरिक इसे भलीभांति समझते हैं। न्यायालय ने कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड में मिली दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) में स्थानांतरित करने का केंद्र को निर्देश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष में स्वेच्छा से योगदान किया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून के तहत ऐसा कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
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न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा कि यह उन लोगों के लिए ‘झटका’ है जो ‘अपने पापों से’ ध्यान हटाने के लिए अपने निहित एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को कहा कि एनडीआरएफ में स्वैच्छिक योगदान हमेशा किया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोई वैधानिक रोक नहीं है। खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री को बदनाम करने की कोशिश, चाहे वह फ्रांस के साथ राफेल युद्धक विमान करार हो या पीएम केयर्स फंड, बुरी तरह से नाकाम हुयी हैं।’’
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उन्होंने ट्वीट कर कहा कि शासन के सभी पहलुओं में पारदर्शिता मोदी सरकार का आदर्श वाक्य है। देश के नागरिक इस बात को अच्छी तरह समझते हैं और उन्होंने पीएम केयर्स फंड में उदारतापूर्वक दान दिया है, जिसका उपयोग वेंटिलेटर, कोविड संबंधित उपकरणों, दवाइयों और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए किया गया है।
I welcome the verdict of Hon’ble Supreme Court on #PMCaresFund. The smear campaign against this fund was a nefarious attempt to distract people from the discrepancies of PMNRF, used by the Gandhi family to transfer funds to their own family trusts.
— Manohar Lal (@mlkhattar) August 18, 2020
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