Prabhasakshi NewsRoom: Ceasefire के लिए ट्रोलरों ने Vikram Misri को ठहराया जिम्मेदार, बचाव में उतरे ओवैसी-अखिलेश और पूर्व राजनयिक

हम आपको बता दें कि विक्रम मिसरी के लिए "गद्दार", "देशद्रोही" जैसे अपशब्द कहे गए और कुछ पोस्ट में तो उनकी बेटियों की नागरिकता तक पर सवाल उठाए गए। विक्रम मिसरी के व्यक्तिगत 'एक्स' खाते पर सोशल मीडिया यूजरों द्वारा अश्लील टिप्पणियाँ की गईं।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता कई लोगों को पच नहीं रहा है और इसके लिए उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। हम आपको बता दें कि विक्रम मिसरी ने ही एक संवाददाता सम्मेलन में दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता के बाद संघर्षविराम पर बनी सहमति की जानकारी दी थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलरों ने उन पर हमले शुरू कर दिये। ट्रोलरों के हमले जब अपशब्दों में तब्दील होने लगे तो विक्रम मिसरी के बचाव में कई राजनीतिज्ञ और राजनयिक आ गये। हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर विक्रम मिसरी, उनके परिवार, विशेषकर उनकी बेटियों को निशाना बनाया गया। इसके बाद कई वरिष्ठ राजनयिकों, राजनेताओं और आईएएस तथा आईपीएस संघ ने उनके समर्थन में बयान दिए।
हम आपको बता दें कि विक्रम मिसरी के लिए "गद्दार", "देशद्रोही" जैसे अपशब्द कहे गए और कुछ पोस्ट में तो उनकी बेटियों की नागरिकता तक पर सवाल उठाए गए। विक्रम मिसरी के व्यक्तिगत 'एक्स' खाते पर सोशल मीडिया यूजरों द्वारा अश्लील टिप्पणियाँ की गईं। ट्रोलरों ने पाकिस्तान के साथ हुए समझौते के लिए विक्रम मिसरी को दोषी ठहराया। उधर, अपनी बेटी के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों के बाद विक्रम मिसरी को अपना सार्वजनिक खाता लॉक करना पड़ा।
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इस बीच, ट्रोलरों को जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर एक शीर्ष अधिकारी और उनके परिवार को लेकर कथित रूप से ‘शर्मनाक, आपत्तिजनक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ व्यक्तिगत हमले किये जाने के बावजूद चुप है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इस तरह के हमले देश के लिए अथक परिश्रम करने वाले ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिरा सकते हैं। अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं। ये बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा सरकार, न ही उनका कोई मंत्री सामने आकर ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के खिलाफ किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “ऐसे पोस्ट और बयानों से दिन-रात एक करके देश के लिए समर्पित रहने वाले सत्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है।” अखिलेश यादव ने एक खबर भी पोस्ट की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का जिक्र है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या सत्तारुढ़ पार्टी इन सुनियोजित हमलों का इस्तेमाल अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा, “कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी और नाकामयाबी के लिए किसी और की ओर ध्यान भटकाकर खुद बचना चाह रही हो।” उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार से हमारी खुली मांग है कि इन सबकी तुरंत गहरी जांच हो और इनके सोशल मीडिया खातों और बैंक खाते से लेकर ई-पेमेंट के सभी का पूरा ब्यौरा निकाला जाए।”
सपा प्रमुख ने कहा कि आज ही तत्काल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), साइबर सुरक्षा व अन्य जांच एजेंसियों को असली काम पर लगाया जाए और पता किया जाए कि इनके पीछे कौन-सी ताकतें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाए कि ये राष्ट्र विरोधी लोग किन विदेशी ताकतों से पैसा लेकर देश में अमन-चैन-शांति को भंग करना चाहते हैं।
वहीं, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन ने वरिष्ठ राजनयिक को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने को ‘‘बेहद शर्मनाक’’ बताया और कहा कि यह ‘‘शालीनता की हर सीमा को पार करता है।’’ उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनने की घोषणा को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को ‘ट्रोल’ किया जाना बेहद शर्मनाक है। मिसरी एक समर्पित राजनयिक हैं, जिन्होंने पेशेवर तरीके और दृढ़ संकल्प के साथ भारत की सेवा की है। उनकी निंदा करने का कोई आधार नहीं है।’’ पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव ने कहा कि उनकी बेटी की व्यक्तिगत जानकारी उजागर करना और उनके प्रियजनों को गालियाँ देना सभ्यता की हर सीमा को पार करता है। इस जहरीली घृणा को तुरंत रोकना होगा, हमें अपने राजनयिकों के पीछे एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
वहीं ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए बिना थके काम कर रहे हैं। यह याद रखना चाहिए कि हमारे सिविल सेवा अधिकारी कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।''
वहीं, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) संघ ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह श्री मिसरी और उनके परिवार के साथ एकजुटता में खड़ा है। पोस्ट में कहा गया है, “ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे सिविल सेवकों पर अनावश्यक व्यक्तिगत हमले अत्यंत खेदजनक हैं। हम सार्वजनिक सेवा की गरिमा बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।”
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) संघ ने भी मिसरी पर हुए व्यक्तिगत हमलों की निंदा की। आईपीएस संघ की ओर से कहा गया, “विदेश सचिव श्री विक्रम मिस्री और उनके परिवार के खिलाफ किए गए घृणास्पद व्यक्तिगत हमलों की हम स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध सिविल सेवकों पर ऐसे अनावश्यक हमले बिल्कुल असहनीय हैं।”
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