बंगाल में सिख व्यक्ति की पगड़ी खींचे जाने का मुद्दा गरमाया, TMC ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर किया खारिज

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पश्चिम बंगाल में सिख सुरक्षाकर्मी की पगड़ी खींचे जाने का मुद्दा गरमाया। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भाजपा की एक रैली के दौरान एक सिख व्यक्ति पर पुलिस द्वारा कथित रूप से हमला किये जाने और उसकी पगड़ी खींचे जाने पर शुक्रवार को विवाद खड़ा हो गया, लेकिन पुलिस ने कहा कि उस व्यक्ति के हाथ में पिस्तौल थी और उसकी पगड़ी झड़प के दौरान खुद ही गिर गयी थी। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर सिखों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक भाजपा द्वारा निकाले गये विरोध मार्च के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प की घटनाएं सामने आई थीं। पगड़ी मामले में सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आईं। क्रिकेटर हरभजन सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कृपया मामले को देखिए। यह सही नहीं है।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने भी घटना पर दुख जताया। उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने शुक्रवार शाम ट्वीट कर यह जानकारी दी। सिंह ने ममता बनर्जी से घटना से संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए बनर्जी से कार्रवाई की मांग की। घटना की तस्वीरें प्रसारित होने के बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘कल के प्रदर्शन के दौरान संबंधित व्यक्ति के हाथ में आग्नेयास्त्र था। पगड़ी झड़प में खुद ही गिर गयी थी और हमारे अधिकारी ने ऐसी कोई कोशिश नहीं की थी। हमारी भावना कभी किसी समुदाय को आहत करने की नहीं रही।’’ 

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तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया। व्यक्ति की पहचान बठिंडा निवासी 43 वर्षीय बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। भाजपा नेताओं का दावा है कि भारतीय सेना के पूर्व सैनिक सिंह इस समय एक भाजपा नेता के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार उनके पास से एक पिस्तौल जब्त की गयी है। पिस्तौल का लाइसेंस अगले साल जनवरी तक वैध है। उसने यह भी कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने उनसे गिरफ्तारी से पहले पगड़ी वापस पहनने को कहा था। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार में देश की सेवा करने वाले बहादुर जवानों को भी नहीं छोड़ा गया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दिये जाने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सुरक्षा अधिकारी बलविंदर सिंह को पश्चिम बंगाल पुलिस ने सड़क पर मारा-पीटा और उनकी पगड़ी का अपमान किया। वह एक सक्षम सैनिक हैं। ममता राज में ऐसे बहादुर लोगों का अपमान। ऐसे पुलिसकर्मियों को सजा मिलनी चाहिए।’’ भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन ने भी पश्चिम बंगाल पुलिस की निंदा की। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम ने आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताते हुए कहा कि ‘कानून अपना काम करेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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