जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वाले दो मौलाना गिरफ्तार, पुलिस ने जताया विदेशी फंडिंग का शक
दोनों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब ये दो लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे थे। इस मामले में यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि एक बड़ा गैंग धर्म परिवर्तन करवाने में लगा था। ये दोनों लोगों को पैसों के लालच औऱ डरा धमका कर धर्म परिवर्तन करवाया करते थे। मामले में पहले बाटला हाउस नई दिल्ली के उमर गौतम को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसके साथ साथी जहांगीर को भी धर लिया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में लव जिहाद पर रोक लगाने के लिए कानून लागू किया था। इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। अब इस मामले में राज्य की पुलिस ने दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर ही एक हजार से ज्यादा गरीब हिंदुओं के धर्मांतरण का आरोप लगा है। दोनों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब ये दो लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे थे। इस मामले में यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार का कहना है कि एक बड़ा गैंग धर्म परिवर्तन करवाने में लगा था। ये दोनों लोगों को पैसों के लालच औऱ डरा धमका कर धर्म परिवर्तन करवाया करते थे। मामले में पहले बाटला हाउस नई दिल्ली के उमर गौतम को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसके साथ साथी जहांगीर को भी धर लिया गया।
धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग का शक
साथ ही मामले में पुलिस में विदेशी फंडिंग होने का भी शक जताया है। मिली जानकारी के अनुसार ये लोग के प्रेरणादायी विचारों के जरिए हिंदुओं का धर्मांतरण करते थे। एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण कर लोगों को रेडिकलाइज कराया जा रहा था। वहीं उनका ये भी कहना है कि ये दोनों अबतक 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण करा चुके हैं। इन्होंदने मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं का धर्मांतरण कराया है। यही नहीं, महिलाओं का धर्मांतरण कराने के बाद शादी भी कराई गई है। यूपी एटीएस के मुताबिक, धर्मांतरण का काम नोएडा, कानपुर, मथुरा और देश के अन्य प्रदेशों में हो रहा है। जबकि उमर जो खुद हिंदू से मुस्लिम बना है, उसने 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है। इसके साथ कहा कि इस्लामिक दावा सेंटर के इशारे पर धर्मांतरण कराया गया है। वहीं, इस्लामिक दावा सेंटर और विदेशों से इस काम के लिए पैसा दिया गया है।
मध्य प्रदेश के बाद यूपी और गुजरात में लागू हुआ कानून
आपको बता दें कि सबसे पहले धर्मांतरण मध्य प्रदेश में लागू किया गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश और फिर हाल ही में गुजरात में लागू किया गया है। जिसका मकसद शादी के नाम पर जबरन किए जाने वाले धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है।
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