हनुमान चालीसा विवाद पर उद्धव की कड़ी नसीसत, बाला साहब ने सिखाया, दादागीरी कैसे तोड़नी है

Uddhav Thackeray
ANI
अभिनय आकाश । Apr 25 2022 8:04PM

उद्धव ठाकरे ने दो टूक कहा है कि हमें बालासाहब ने सिखाया है कि दादागीरी कैसे तोड़नी है। उद्धव ठाकरे ने विरोधियों को नसीहत देते हुए कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करना है तो घर पर आकर पढ़िए। इसका एक तरीका होता है।

महाराष्ट्र का सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। अजान, लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा से शुरू हुए विवाद के बाद मातोश्री के बाहर पाठ करने से गिरफ्तारी तक बात पहुंच गई। अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से बीजेपी का दोनों को समर्थन मिला है उससे ये मुद्दा अब शिवसेना बनाम बीजेपी का होता दिख रहा है। वैसे तो पूरे प्रकरण पर शिवसेना के नेताओं के अलावा मुख्य रूप से संजय राउत के बयान अक्सर सामने आते रहते हैं। लेकिन पहली बार इसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।

इसे भी पढ़ें: चलती स्कूल बस में लगी आग, बाल-बाल बचे 16 छात्र, चालक और क्लीनर

उद्धव ठाकरे ने दो टूक कहा है कि हमें बालासाहब ने सिखाया है कि दादागीरी कैसे तोड़नी है। उद्धव ठाकरे ने विरोधियों को नसीहत देते हुए कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करना है तो घर पर आकर पढ़िए। इसका एक तरीका होता है। लेकिन दादागीरी करके मत आइए। अगर ऐसा करेंगे तो बाला साहब ने हमें सिखाया है कि दादागीरी को कैसे तोड़नी है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई हमें हिंदुत्व न सिखाए। हम गदाधारी हिंदुत्व वाले हैं। 

इसे भी पढ़ें: तो शरद पवार को इसलिए लगता है, महाराष्ट्र में मोदी नहीं लगाएंगे राष्ट्रपति शासन

राणा के पत्र पर लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे में मांगा जवाब

अमरावती सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है। राणा ने अपने पत्र में कहा कि हालाँकि, मुंबई में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की स्थिति को देखते हुए मैंने सार्वजनिक रूप से सीएम आवास जाकर हनुमान चालीसा का जाप करने की योजना को निरस्त कर दिया था। मुझे 23.04.2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया और 23.03.2022 को मैंने पुलिस थाने में रात बिताई ... मैंने रात भर पीने के पानी के बार-बार मांग की, लेकिन पूरे दिन मुझे पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराया गया। राणा ने पुलिस अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए लिखा कि  मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने मुझसे कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं और इसलिए वे मुझे एक ही गिलास में पानी नहीं देंगे। इस बारे में लोकसभा सचिवालय ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इस बारे में 24 घंटे में जवाब देने के लिए कहा है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़