ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य, गलत संदेश जाता है, कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मारे जाने की घटना पर बोले फडणवीस

Fadnavis
ANI
अंकित सिंह । Jul 9 2025 3:34PM

मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि एक विधायक के रूप में गायकवाड़ के कार्यों ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के बीच जवाबदेही की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा मुंबई स्थित विधायकों के छात्रावास की कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना से सभी विधायकों के बारे में गलत संदेश जाता है कि वे सत्ता का दुरुपयोग करते हैं। फडणवीस ने मारपीट की घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है और किसी के लिए भी सम्मानजनक नहीं है। 

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मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि एक विधायक के रूप में गायकवाड़ के कार्यों ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के बीच जवाबदेही की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कैंटीन में खाने को लेकर कोई समस्या है, तो इसकी औपचारिक शिकायत की जा सकती है और इस पर कार्रवाई की जा सकती है। फडणवीस ने कहा, "सभी विधायकों के बारे में लोगों में यह गलत संदेश जाता है कि वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।"

फडणवीस ने कहा कि मैं आपसे (विधानसभा अध्यक्ष राम शिंदे) विधायकों के आवास के मुद्दे पर गौर करने का अनुरोध करता हूँ। अगर कोई समस्या है, तो कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा हमला करना सही संदेश नहीं देता। यह गंभीर मुद्दा है। आप (शिंदे) और अध्यक्ष (राहुल नार्वेकर) इसका संज्ञान लें और आगे की कार्रवाई करें। शिवसेना विधायक गायकवाड़ ने कथित तौर पर मुंबई स्थित विधायकों के छात्रावास की एक कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया, क्योंकि उसने बासी खाना मिलने की शिकायत की थी।

विवाद के बाद विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा कि मैं 30 साल से आकाशवाणी कैंटीन आ रहा हूँ और साढ़े पाँच साल से यहाँ रह रहा हूँ। मैंने कई बार इन्हें समझाया कि खाना अच्छा दिया करो। अंडे 15 दिन पुराने, नॉन-वेज 15-20 दिन पुराने, सब्ज़ियाँ 2-4 दिन पुरानी। यहाँ लगभग 5,000-10,000 लोग खाना खाते हैं, और सबकी यही शिकायत है। किसी के खाने में छिपकली निकलती है, तो किसी के खाने में चूहा निकलता है। मैंने कल रात 10 बजे खाना ऑर्डर किया और पहला निवाला खाते ही मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है। 

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उन्होंने आगे कहा कि मैं नीचे गया और मैनेजर से पूछा कि ये खाना किसने दिया है। मैंने सबको खाना सुंघाया, और सबको खाना खराब लगा। मैंने उन्हें फिर समझाया कि अच्छा खाना दिया करो, आप लोगों की जान के साथ खेल रहे हैं। हर भाषा में समझाने के बाद भी अगर ये लोग नहीं सुधरते तो मुझे अपने अंदाज में बात करनी पड़ेगी।

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