नए संसद भवन को संवारने के लिए लाई गई नायाब वस्तुएं, मिर्जापुर के कालीन से लेकर राजस्थान के पत्थर का हुआ उपयोग

new parliament
प्रतिरूप फोटो
ANI Image
रितिका कमठान । May 27 2023 11:38AM

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को किया जाना है। इस संसद भवन के निर्माण के लिए देश भर से विविध सामग्रियां मंगाई गई थी, जिससे एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को प्रदर्शित किया जा सके।

देश के नए संसद भवन का उद्घाटन भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को किया जाएगा। इस संसद भवन का उद्घाटन दोपहर 12 बजे किया जाएगा। इस संसद भवन के उद्घाटन के लिए सुबह सात बजे से ही कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। सुबह सबसे पहले संसद भवन में पूजा और हवन किया जाएगा जिसके बाद आगे के कार्यक्रम की शुरुआत होगी।

नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह जितना शानदार होने वाला है उतना ही शानदार इसका भवन भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई को अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से नई संसद की बिल्डिंग का भी वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि नई संसद भवन की इमारत बेहद भव्य और खूबसूरत है। भवन के संबंध में अधिक जानकारी भी सामने आई है जिसके अनुसार त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। भवन में गरुड़, गज, अश्व जैसे पूजनिय जानवरों की झलकियां दिखाई जाएंगी। हम आपको बता दें कि संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, और अब यह 96 साल पुराना है। पुरानी इमारत वर्तमान समय की आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाई गई थी। बता दें कि संसद भवन की नई इमारत में भव्य संविधान हॉल, एक लाउंज, लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल, पार्किंग की जगह दी गई है।

नए संसद भवन की इमारत जितनी भव्य है इसके अंदर साज-ओ-सज्जा की वस्तुएं भी अपनी तरफ से बेहद खास है। नये संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी की गई है। ये सभी मिलकर संसद भवन में भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। संसद भवन को देखकर व्यक्ति को साफ अंदाजा होगा कि भारत के आधुनिक बनने तक के सफर कितना शानदार रहा है।

नये संसद भवन में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई थी, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से प्राप्त किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था। केशरिया हरा पत्थर उदयपुर से, अजमेर के निकट लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है। 

लोकतंत्र के मंदिर के लिए साथ आया देश
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरा देश एक साथ आया, इस प्रकार यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची’ भावना को दर्शाता है।’’ लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था। इमारत पर लगे पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी। अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से खरीदा गया था।

पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था और पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था। नये संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा में चरखी दादरी से निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया था। ‘एम रेत’ कृत्रिम रेत का एक रूप है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर निर्मित किया जाता है जो नदी की रेत से अलग होता है। निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लिये गये।

यहां से मंगाई गई सामग्री

  • सागौन की लकड़ी - नागपुर
  • लाल और सफेद सैंडस्टोन - सरमथुरा, राजस्थान
  • कालीन - मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश
  • फर्श पर लगी बांस की लकड़ी - अगरतला
  • स्टोन जाली वर्क्स - राजनगर, राजस्थान और नोएडा
  • अशोक प्रतीक - औरंगाबाद, महाराष्ट्र और जयपुर, राजस्थान
  •  अशोक चक्र - इंदौर, मध्य प्रदेश
  • फर्नीचर - मुंबई, महाराष्ट्र
  • लाख लाल - जैसलमेर, राजस्थान
  • सफेद संगमरमर - अंबाजी, राजस्थान
  • केशरिया ग्रीन स्टोन - उदयपुर, राजस्थान
  • एम-सैंड, फ्लाई ऐश ब्रिक्स - चकरी दादरी, हरियाणा और एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश
  • ब्रास वर्क- प्री-कास्ट ट्रेंच - अहमदाबाद, गुजरात  

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़