पिछले साल की तुलना में अब तक 40 फीसदी अधिक जली पराली

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[email protected] । Nov 6 2019 9:36AM

पंजाब में 23 सितंबर से पांच नवंबर के बीच खेतों में पराली जलाये जाने की 37 हजार 935 घटनायें हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि में फसल अवशेष जलाये जाने की कुल घटनाओं से 40 फीसदी अधिक है।

चंडीगढ़। पंजाब में मंगलवार को खेतों में पराली जलाने की इस मौसम की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गयीं। पंजाब के किसानों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए 6,668 स्थानों पर अपने खेतों में पड़े फसल के अवशेषों को आग लगायी जिससे पिछले दो दिनों से वायु गुणवत्ता में हो रहे सुधार पर आशंका के बादल छा गए हैं। पंजाब रिमोट सेसिंग सेंटर से प्राप्त डाटा के अनुसार संगरूर एवं बठिंडा सबसे अधिक प्रभावित जिले रहे। इन दोनों जिलों में एक दिन में खेतों में पड़े ठूंठ को आग लगाने की क्रमश: 1007 एवं 945 घटनायें हुई।

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में बदतर होती वायु गुणवत्ता की स्थिति के मद्देनजर नाराज उच्चतम न्यायालय ने पंजाब हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को बुधवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर मामले में रिपोर्ट देने को कहा है क्योंकि खराब वायु गुणवत्ता के लिए सर्दियों में पड़ोसी राज्यों में खेतों में अंधाधुंध ठूंठ जलाये जाने को जिम्मेदार बताया जाता रहा है।

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पंजाब में 23 सितंबर से पांच नवंबर के बीच खेतों में पराली जलाये जाने की 37 हजार 935 घटनायें हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि में फसल अवशेष जलाये जाने की कुल घटनाओं से 40 फीसदी अधिक है। संकलित आंकड़ों के अनुसार संगरूर जिला ठूंठ जलाने की घटना के मामले में शीर्ष पर है और इसकी संख्या 4772 पहुंच गयी है, इसके बाद क्रमश: फिरोजपुर और बठिंडा का स्थान आता है जहां क्रमश: 4020 तथा 3535 घटनायें दर्ज की गयी है।

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