उत्तराखंड: ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करेगी अनुसंधानकर्ताओं की टीम

Rishiganga

हाल में हुए हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं का एक दल शनिवार को पैंग गांव पहुंचा जो इसका आकलन करेगा कि इससे (कृत्रिम झील) नीचे के क्षेत्र के लिए कितना बड़ा खतरा उत्पन्न हुआ है।

रैणी (उत्तराखंड)। हाल में हुए हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं का एक दल शनिवार को पैंग गांव पहुंचा जो इसका आकलन करेगा कि इससे (कृत्रिम झील) नीचे के क्षेत्र के लिए कितना बड़ा खतरा उत्पन्न हुआ है। टीम का नेतृत्व उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (यूएसएसी) के निदेशक एम पी एस बिष्ट कर रहे हैं। इस टीम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और यूएसएसी से चार-चार वैज्ञानिक शामिल हैं। यह टीम शनिवार शाम या रविवार तक पैदल झील तक पहुंचने की कोशिश करेगी।

इसे भी पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस निकालेगी पदयात्राएं, करेगी की सरकार का विरोध

चूंकि रैणी ग्राम पंचायत के आसपास के क्षेत्र में सड़कें हाल ही में आयी बाढ़ में बह गई हैं और विशाल इलाकादलदल में तब्दील हो गया है इसलिए टीम के सदस्यों की झील तक की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया गया है। टीम के साथ नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग का एक पर्वतारोही दल व एसडीआरएफ के जवान भी हैं। यूएसएसी के निदेशक बिष्ट ने पीटीआई-को बताया, ‘‘हम हिमस्खलन के कारण राउथी धारा से भारी मात्रा में आयी गाद से ऋषिगंगा के ऊपर बनी झील का निरीक्षण करेंगे।’’

इसे भी पढ़ें: म्यांमार में पुलिस की गोली से मारी गई महिला को दी गई श्रद्धांजलि, सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन जारी

उन्होंने कहा, ‘‘हम शाम तक उड़ियारी पहुंचने की उम्मीद करते हैं जो झील के ऊपर स्थित है। रविवार तक, झील का निरीक्षण करने और इसकी भौगोलिक माप लेने के लिए हम झील तक पहुंच सकते हैं। ऋषिगंगा के नीचे की ओर रहने वाली आबादी के लिए झील कितना बड़ा खतरा पैदा कर सकती है, यह केवल इस बात से पता किया जा सकता है कि इसमें कितना पानी है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के सोनोग्राफिक उपकरणों का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि झील में कितना पानी है। बिष्ट ने कहा कि हैदराबाद के सोनोग्राफी विशेषज्ञों द्वारा भी झील में पानी की मात्रा का पता लगाये जाने की उम्मीद है। बिष्ट ने कहा कि उनकी टीम डीआरडीओ टीम के निष्कर्षों को भी अपने विश्लेषण में शामिल करेगी जिसने झील का दौरा किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़